UP बोर्ड रसायन विज्ञान - अध्याय 3: वैधुतरसायन के Handwritten नोट्स
Launch Your Course Log in Sign up
Menu
Classes
Competitive Exam
Class Notes
Graduate Courses
Job Preparation
IIT-JEE/NEET
vidyakul X
Menu

UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 3: वैधुतरसायन के Handwritten नोट्स

UPMSP > Handwritten Notes > रसायन विज्ञान - अध्याय 3: वैधुतरसायन Handwritten Notes

वैधुतरसायन (Electrochemistry) एक रासायनिक विज्ञान की शाखा है जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं और विद्युत ऊर्जा के बीच के संबंधों का अध्ययन करती है। यह क्षेत्र विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव और रासायनिक प्रतिक्रियाओं से उत्पन्न होने वाली विद्युत धारा के बारे में जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के तौर पर, बैटरी में रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती हैं जो विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करती हैं।

Download this PDF

मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. वैधुत रासायनिक प्रतिक्रियाएं: ये वह प्रतिक्रियाएं होती हैं जिनमें विद्युत धारा रासायनिक परिवर्तन उत्पन्न करती है, या रासायनिक परिवर्तन से विद्युत धारा उत्पन्न होती है। इन प्रतिक्रियाओं में दो प्रमुख प्रक्रियाएं होती हैं:

    • इलेक्ट्रोलिसिस (Electrolysis): यह वह प्रक्रिया है जिसमें बाहरी विद्युत धारा के द्वारा रासायनिक प्रतिक्रिया को प्रेरित किया जाता है, जैसे जल का अपघटन (H₂O → H₂ + O₂)।
    • गैल्वानिक सेल (Galvanic Cell): यह प्रक्रिया रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है, जैसे बैटरी में होता है।
  2. गैल्वानिक और इलेक्ट्रोलाइटिक सेल:

    • गैल्वानिक सेल: यह सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। उदाहरण के तौर पर, डैनियल सेल, जिसमें जिंक और तांबे के इलेक्ट्रोड का उपयोग किया जाता है।
    • इलेक्ट्रोलाइटिक सेल: इस सेल में विद्युत धारा का उपयोग रासायनिक परिवर्तन उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। इसका एक सामान्य उदाहरण जल का इलेक्ट्रोलिसिस है।
  3. इलेक्ट्रोड: वैधुतरसायन में दो प्रकार के इलेक्ट्रोड होते हैं:

    • एनेड (Anode): वह इलेक्ट्रोड जहां ऑक्सीकरण प्रक्रिया होती है (इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन)।
    • कैथोड (Cathode): वह इलेक्ट्रोड जहां पुनरावृत्ति (रिडक्शन) प्रक्रिया होती है (इलेक्ट्रॉनों का अवशोषण)।
  4. इलेक्ट्रोड पोटेंशियल: यह किसी भी इलेक्ट्रोड के लिए उस पर होने वाली रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए आवश्यक विद्युत पोटेंशियल की मात्रा को दर्शाता है। यह विद्युत प्रवाह की दिशा और ताकत को नियंत्रित करता है।

  5. नॉर्मल इलेक्ट्रोड पोटेंशियल: यह उस इलेक्ट्रोड का विद्युत पोटेंशियल होता है जब इसे हाइड्रोजन आयन (H⁺) की मानक सांद्रता (1 M) के सापेक्ष मापा जाता है। इसे 0 वोल्ट पर मापा जाता है और इसका उपयोग अन्य इलेक्ट्रोड पोटेंशियल्स की तुलना के लिए किया जाता है।

  6. फाराडे का नियम: यह नियम बताता है कि विद्युत धारा से रासायनिक प्रतिक्रिया में कितनी मात्रा में पदार्थ परिवर्तित होता है। पहला नियम कहता है कि एक निश्चित समय में उत्पन्न होने वाला रासायनिक परिवर्तन विद्युत धारा की मात्रा के अनुपात में होता है।

  7. बैटरी और ऊर्जावान स्रोत: वैधुतरसायन का व्यावहारिक उपयोग बैटरियों और ऊर्जा संचयन प्रणालियों में किया जाता है। बैटरी में रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है और यह पोर्टेबल विद्युत आपूर्ति का स्रोत होती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

वैधुतरसायन एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो ऊर्जा उत्पादन, रासायनिक प्रक्रियाओं और आधुनिक प्रौद्योगिकियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अध्ययन से बैटरी, कोरrosion, इलेक्ट्रोलिसिस और अन्य रासायनिक ऊर्जा परिवर्तन प्रक्रियाओं की समझ बढ़ती है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में उपयोगी हो सकती हैं, जैसे ऊर्जा उत्पादन और भंडारण, चिकित्सा उपकरणों का संचालन और औद्योगिक रासायनिक प्रतिक्रियाओं में योगदान।

रसायन विज्ञान के सभी अध्याय के हस्तलिखित नोट्स के लिए अभी Download करें Vidyakul App - Free Download Click Here