UP बोर्ड रसायन विज्ञान - अध्याय 4: रासायनिक बलगतिकी के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 4: रासायनिक बलगतिकी के Handwritten नोट्स

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रासायनिक बलगतिकी (Chemical Kinetics) रसायन विज्ञान की एक शाखा है जो रासायनिक प्रतिक्रियाओं की गति और उनके होने के कारणों का अध्ययन करती है। यह प्रक्रिया की गति, प्रभावक कारक जैसे तापमान, दबाव, सांद्रता, उत्प्रेरक, और अन्य कारकों के प्रभाव का विश्लेषण करती है, जो एक प्रतिक्रिया के घटित होने की दर को प्रभावित करते हैं। इसके अध्ययन से हम यह समझ सकते हैं कि कोई रासायनिक प्रतिक्रिया कितनी जल्दी या धीरे होती है और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हैं।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. रासायनिक प्रतिक्रिया की दर (Rate of Reaction):
    रासायनिक प्रतिक्रिया की दर से तात्पर्य उस दर से होता है जिस पर प्रतिक्रिया में घटक पदार्थों (Reactants) का रूपांतरण उत्पादों (Products) में होता है। यह दर सामान्यत: समय के साथ घटक पदार्थों की सांद्रता में परिवर्तन के रूप में मापी जाती है। इसे निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जाता है:
    Rate=Change in ConcentrationChange in Time\text{Rate} = \frac{\text{Change in Concentration}}{\text{Change in Time}}

  2. प्रतिक्रिया दर के प्रभावक कारक:

    • सांद्रता (Concentration): जब किसी प्रतिक्रिया के घटक पदार्थों की सांद्रता बढ़ाई जाती है, तो आमतौर पर प्रतिक्रिया की दर भी बढ़ जाती है।
    • तापमान (Temperature): तापमान बढ़ने पर अणुओं की गति बढ़ती है, जिससे प्रतिक्रिया की दर भी बढ़ जाती है। इसका सिद्धांत 'आरेनियस समीकरण' से समझा जाता है।
    • उत्प्रेरक (Catalyst): उत्प्रेरक उन पदार्थों को कहा जाता है जो रासायनिक प्रतिक्रिया की दर को बढ़ाते हैं, लेकिन स्वयं प्रतिक्रिया में शामिल नहीं होते। ये पदार्थ रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए कम ऊर्जा की आवश्यकता पैदा करते हैं।
    • दबाव (Pressure): गैसीय प्रतिक्रियाओं में, दबाव बढ़ाने से प्रतिक्रिया की दर प्रभावित हो सकती है, विशेषकर तब जब प्रतिक्रिया में गैसें शामिल होती हैं।
  3. आरेनियस समीकरण (Arrhenius Equation):
    यह समीकरण प्रतिक्रिया की दर को तापमान के साथ जोड़ता है और इसे इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:
    k=AeEaRTk = A e^{-\frac{E_a}{RT}}
    जहाँ kk प्रतिक्रिया दर स्थिरांक है, AA अरेनियस कारक (आधार दर), EaE_a सक्रियता ऊर्जा, RR गैस का सामान्य गैस स्थिरांक, और TT तापमान (केल्विन में) है। इस समीकरण का उपयोग प्रतिक्रिया दर की तापमान निर्भरता का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।

  4. प्रतिक्रिया क्रम (Order of Reaction):
    किसी रासायनिक प्रतिक्रिया का क्रम यह दर्शाता है कि प्रतिक्रिया की दर घटक पदार्थों की सांद्रता पर किस प्रकार निर्भर करती है। यह निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं:

    • प्रथम क्रम: प्रतिक्रिया की दर घटक की सांद्रता के पहले क्रम में निर्भर करती है।
    • द्वितीय क्रम: प्रतिक्रिया की दर घटक की सांद्रता के दूसरे क्रम में निर्भर करती है।
    • मिश्रित क्रम: प्रतिक्रिया में कई घटक होते हैं, और इनकी सांद्रता के विभिन्न प्रभाव होते हैं।
  5. प्रतिक्रिया के यांत्रिकी (Mechanism of Reaction):
    यह वह कदम या चरण होते हैं जिनमें रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। एक रासायनिक प्रतिक्रिया को एक से अधिक सूक्ष्म चरणों में विभाजित किया जा सकता है। प्रत्येक चरण को 'सूक्ष्म प्रतिक्रिया' (Elementary Reaction) कहते हैं। प्रतिक्रिया का यांत्रिकी और उसकी दर को समझने के लिए इन सूक्ष्म प्रतिक्रियाओं का अध्ययन आवश्यक होता है।

  6. सक्रियता ऊर्जा (Activation Energy):
    यह वह न्यूनतम ऊर्जा है जो किसी रासायनिक प्रतिक्रिया के आरंभ होने के लिए आवश्यक होती है। इसे सामान्यत: EaE_a द्वारा व्यक्त किया जाता है। जितनी अधिक सक्रियता ऊर्जा होती है, उतनी ही कम प्रतिक्रिया दर होगी, क्योंकि उच्च ऊर्जा के बिना अणु प्रतिक्रिया नहीं कर सकते।

  7. स्थिरांक और दर समीकरण (Rate Law and Rate Constant):
    किसी प्रतिक्रिया की दर समीकरण उस प्रतिक्रिया की दर को घटक पदार्थों की सांद्रता के संदर्भ में व्यक्त करता है। यह समीकरण प्रतिक्रिया के क्रम और दर स्थिरांक (Rate Constant) पर निर्भर करता है, जो तापमान और अन्य कारकों पर आधारित होता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

रासायनिक बलगतिकी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि यह हमें यह समझने में मदद करती है कि प्रतिक्रियाएं कितनी तेजी से होती हैं और कौन से कारक इनकी गति को प्रभावित करते हैं। इसका ज्ञान रासायनिक उद्योग, दवाओं के निर्माण, पर्यावरण विज्ञान, और अन्य कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। रासायनिक बलगतिकी से प्राप्त जानकारी से हम प्रक्रियाओं को अनुकूलित कर सकते हैं और समय और संसाधनों की बचत कर सकते हैं।

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