UP बोर्ड रसायन विज्ञान - अध्याय 9: उपसहसंयोजन यौगिक के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी रसायन विज्ञान - अध्याय 9: उपसहसंयोजन यौगिक के Handwritten नोट्स

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उपसहसंयोजन यौगिक वे यौगिक होते हैं, जिनमें एक या एक से अधिक तत्व या समूह किसी अन्य तत्व या समूह द्वारा प्रतिस्थापित (substitute) हो जाते हैं। यह प्रतिस्थापन विशिष्ट रासायनिक प्रतिक्रियाओं द्वारा होता है, जैसे की हाइड्रोकार्बन या अन्य यौगिकों में। इन यौगिकों में एक मूल तत्व की जगह दूसरा तत्व आ सकता है, जिससे नया यौगिक बनता है।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. सहसंयोजन और उपसहसंयोजन:

    • सहसंयोजन (Addition) में, तत्व या समूह एक साथ जुड़ते हैं बिना किसी तत्व के स्थानांतरण के।
    • उपसहसंयोजन में, एक तत्व का स्थान दूसरे तत्व द्वारा लिया जाता है।
  2. उपसहसंयोजन की प्रक्रिया:

    • उपसहसंयोजन की प्रक्रिया में एक स्थान विशेष पर एक समूह या तत्व की अदला-बदली होती है।
    • यह प्रक्रिया हाइड्रोकार्बन जैसे एल्केन्स, एल्केन्स, और अन्य रासायनिक यौगिकों में आम होती है।
  3. रासायनिक उदाहरण:

    • उदाहरण के रूप में, मीथेन (CH₄) में हाइड्रोजन के एक परमाणु की जगह क्लोरीन (Cl) का प्रतिस्थापन कर दिया जाता है, तो उसे क्लोरोफॉर्म (CHCl₃) कहा जाता है।
  4. उपसहसंयोजन यौगिकों का उपयोग:

    • ये यौगिक औद्योगिक और रासायनिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे की दवा निर्माण, रंगाई, और विभिन्न रासायनिक उत्पादों के निर्माण में।

निष्कर्ष (Conclusion):

उपसहसंयोजन यौगिक रासायनिक विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन यौगिकों में किसी मूल तत्व का स्थान दूसरे तत्व द्वारा लेने से नए यौगिक बनते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। इन यौगिकों के अध्ययन से हम रासायनिक प्रतिक्रियाओं की समझ प्राप्त कर सकते हैं, जो प्राकृतिक और कृत्रिम प्रक्रियाओं में बदलाव लाती हैं।

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