UP बोर्ड गणित - अध्याय 10: सदिश बीजगणित के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी गणित - अध्याय 10: सदिश बीजगणित के Handwritten नोट्स

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सदिश बीजगणित वह गणितीय शाखा है जो सदिशों (vectors) और उनके गणनात्मक गुणों, जैसे जोड़, गुणा, और परिमाण, के अध्ययन से संबंधित है। सदिश किसी विशेष दिशा में परिमाण (magnitude) और दिशा (direction) दोनों को व्यक्त करते हैं। इस अध्याय में सदिशों के संचालन, उनके गुण, और भिन्न प्रकार के गुणात्मक संचालन जैसे डॉट प्रोडक्ट और क्रॉस प्रोडक्ट पर चर्चा की जाती है।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. सदिश (Vector):

    • सदिश एक मात्रात्मक राशि होती है जिसमें दिशा और परिमाण दोनों होते हैं। उदाहरण के लिए, गति या बल जैसे भौतिक परिमाणों को सदिश के रूप में व्यक्त किया जाता है।
    • एक सदिश को अक्सर दो बिंदुओं के बीच की रेखा या गणना द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, जिसे उसकी दिशा और लंबाई से पहचाना जाता है।
  2. सदिशों का जोड़ (Addition of Vectors):

    • दो या अधिक सदिशों को जोड़ने के लिए समांतर व्रत या त्रिकोणमिति विधि का उपयोग किया जाता है। जब दो सदिश जोड़ते हैं, तो उनके परिमाण और दिशा के आधार पर नया सदिश प्राप्त होता है।
    • यह जोड़ शुद्ध रेखीय होता है और इसके लिए सदिशों की दिशा और परिमाण महत्वपूर्ण होते हैं।
  3. सदिशों का गुणन (Multiplication of Vectors):

    • डॉट प्रोडक्ट (Dot Product): दो सदिशों के डॉट प्रोडक्ट का परिणाम एक स्केलर होता है। यह उन दो सदिशों के बीच कोण और उनके परिमाणों का गुणन होता है।
    • क्रॉस प्रोडक्ट (Cross Product): दो सदिशों का क्रॉस प्रोडक्ट एक नया सदिश उत्पन्न करता है, जिसकी दिशा दोनों सदिशों के परिपथ के लंबवत होती है और परिमाण दोनों के परिमाणों और उनके बीच के कोण पर निर्भर करता है।
  4. सदिशों का परिमाण (Magnitude of a Vector):

    • सदिश का परिमाण उसकी लंबाई होती है, जिसे गणना द्वारा प्राप्त किया जाता है। परिमाण का प्रयोग सदिश की ताकत या माप को समझने के लिए किया जाता है।
  5. सदिशों की दिशा (Direction of a Vector):

    • सदिश की दिशा यह निर्धारित करती है कि वह किसी विशेष बिंदु से किस दिशा में स्थित है। सदिशों की दिशा का निर्धारण कोण या अन्य यांत्रिक मानकों द्वारा किया जाता है।
  6. सदिशों के गुण (Properties of Vectors):

    • संयोजकता (Commutativity): सदिशों का जोड़ संयोजक होता है, अर्थात, A+B=B+AA + B = B + A
    • संघटन (Associativity): A+(B+C)=(A+B)+CA + (B + C) = (A + B) + C
    • वितरण (Distributivity): A(B+C)=AB+ACA \cdot (B + C) = A \cdot B + A \cdot C
    • न्यूनतमा (Null Vector): वह सदिश जिसका परिमाण शून्य होता है और दिशा अज्ञात होती है।
  7. सदिशों का अनुप्रयोग (Applications of Vectors):

    • सदिश बीजगणित का उपयोग भौतिकी, अभियांत्रिकी, और गणित के विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे गति, बल, विद्युत क्षेत्र, मैग्नेटिक क्षेत्र, और अधिक। यह भौतिक प्रक्रियाओं को समझने और उनका समाधान खोजने में महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष (Conclusion):

सदिश बीजगणित गणित का एक महत्वपूर्ण और व्यावहारिक क्षेत्र है जो दिशाओं और परिमाणों से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक है। यह गणना क्षेत्र भौतिकी और अभियांत्रिकी में बड़े पैमाने पर उपयोगी है, क्योंकि इसमें सदिशों का जोड़, गुणन और अन्य संचालन शामिल होते हैं, जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं। सदिशों के गुण और उनके अनुप्रयोगों को समझना गणना और वैज्ञानिक समस्याओं के समाधान में सहायक है।

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