UP बोर्ड गणित - अध्याय 13: प्रायिकता के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी गणित - अध्याय 13: प्रायिकता के Handwritten नोट्स

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प्रायिकता गणित की एक शाखा है जो किसी घटना के घटित होने की संभावना को मापने के लिए अध्ययन करती है। यह 0 से 1 के बीच एक मान में व्यक्त की जाती है, जहाँ 0 का अर्थ है घटना का न होना और 1 का अर्थ है घटना का पूरी तरह से घटित होना। प्रायिकता का उपयोग अनिश्चित घटनाओं के परिणामों की संभावना का आकलन करने के लिए किया जाता है, जैसे किसी सिक्का उछालने पर सिर आना या लॉटरी जीतना।

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मुख्य बिंदु (Key Points):

  1. प्रायिकता का मौलिक सिद्धांत (Fundamental Principle of Probability):

    • प्रायिकता का मूल्य 0 और 1 के बीच होता है। यदि किसी घटना के घटित होने की संभावना अधिक है, तो उसकी प्रायिकता 1 के करीब होती है।
    • अगर किसी घटना की प्रायिकता 0 है, तो वह घटना कभी नहीं घटेगी। यदि प्रायिकता 1 है, तो वह घटना निश्चित रूप से घटेगी।
  2. प्रायिकता का गणना सूत्र (Probability Formula): किसी घटना AA की प्रायिकता को निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जा सकता है:

    P(A)=सकारात्मक घटनाएँकुल संभावित घटनाएँP(A) = \frac{\text{सकारात्मक घटनाएँ}}{\text{कुल संभावित घटनाएँ}}

    इस सूत्र में, "सकारात्मक घटनाएँ" वह घटनाएँ हैं जिनकी संभावना हम निकाल रहे हैं और "कुल संभावित घटनाएँ" सभी संभव परिणामों की संख्या है।

  3. संभावना की घटनाएँ (Types of Events):

    • स्वतंत्र घटनाएँ (Independent Events): दो घटनाएँ एक-दूसरे पर निर्भर नहीं होतीं। उदाहरण के लिए, सिक्का उछालने और डाइस फेंकने की घटनाएँ स्वतंत्र होती हैं।
    • आश्रित घटनाएँ (Dependent Events): दो घटनाएँ एक-दूसरे पर निर्भर होती हैं। उदाहरण के लिए, एक पत्ते को निकालने के बाद दूसरी पत्ते की संभावना बदल जाती है।
    • पूर्ण घटनाएँ (Exhaustive Events): ये घटनाएँ सभी संभावित परिणामों को शामिल करती हैं। उदाहरण के लिए, एक सिक्का उछालने पर सिर या पूंछ आना।
  4. बेस का थ्योरम (Bayes’ Theorem): यह सिद्धांत किसी घटना की प्रायिकता को पुराने ज्ञान के आधार पर अपडेट करने में मदद करता है। इसे अक्सर चिकित्सा, डेटा विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है, जहाँ विभिन्न कारकों की जाँच की जाती है और उन पर आधारित निर्णय लिए जाते हैं।

  5. संयोजन और परिमाण (Combination and Permutation):

    • संयोजन (Combination): जब क्रम महत्वपूर्ण नहीं होता है, तो उसे संयोजन कहते हैं। यह तब उपयोग होता है जब किसी सेट से तत्वों का चयन करना होता है, जैसे लॉटरी में नंबर का चयन।
    • परिमाण (Permutation): जब क्रम महत्वपूर्ण होता है, तो उसे परिमाण कहते हैं। यह तब उपयोग होता है जब किसी सेट से तत्वों का चयन किया जाता है और उनका क्रम महत्वपूर्ण होता है।
  6. संयुक्त प्रायिकता (Joint Probability): यह एक साथ होने वाली दो या अधिक घटनाओं की प्रायिकता को दर्शाता है। यदि AA और BB दो घटनाएँ हैं, तो P(AB)P(A \cap B) उनकी संयुक्त प्रायिकता है।

  7. सम्भावनाओं का योग (Addition of Probabilities): यदि दो घटनाएँ आपस में असंबंधित हैं, तो उनकी प्रायिकता का योग किया जा सकता है। यद्यपि, यदि घटनाएँ आपस में जुड़ी हुई हैं, तो उनकी प्रायिकता का योग करते समय एक साथ घटित होने वाली घटनाओं को हटाना आवश्यक होता है।

  8. प्रायिकता के अनुप्रयोग (Applications of Probability):

    • गणना और सांख्यिकी (Statistics and Calculations): यह डेटा संग्रहण, विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए उपयोगी है।
    • खेल (Games): जैसे क्रिकेट, लॉटरी, और कैसीनो में प्रायिकता का उपयोग संभावना का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
    • वित्त और निवेश (Finance and Investments): निवेश के फैसले लेने और जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए प्रायिकता का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

प्रायिकता एक महत्वपूर्ण गणितीय विधि है जिसका उपयोग अनिश्चितताओं को समझने और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह न केवल गणितीय समस्याओं को हल करने में मदद करता है, बल्कि व्यवसाय, विज्ञान, खेल, और अन्य क्षेत्रों में निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। प्रायिकता के सिद्धांत और उनके अनुप्रयोग जीवन के विभिन्न पहलुओं में लाभकारी साबित होते हैं।

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