UP बोर्ड कक्षा 12 वी गणित - अध्याय 5: सांतत्य तथा अवकलनीयता के Handwritten नोट्स
सांतत्य का मतलब है कि किसी फलन (function) का मान किसी विशिष्ट बिंदु या क्षेत्र में बिना किसी रुकावट या गैप के निरंतर रूप से बदलता रहे। यदि हम किसी फलन के ग्राफ को देखें तो उसमें कोई कूद, ब्रेक या उभरता हुआ अंतर नहीं दिखाई देना चाहिए। अगर कोई फलन एक बिंदु पर सांतन्य है, तो इसका मतलब है कि उस बिंदु पर फलन का मान उसी बिंदु के पास के मानों से मेल खाता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी बिंदु पर हम फलन के मान को बाएं और दाएं से देखें, तो दोनों ओर से उसका मान एक जैसा होगा। इस प्रकार, कोई भी अंतर न होने पर उस बिंदु पर फलन सांतन्य होता है।
अवकलनीयता का मतलब है कि किसी बिंदु पर फलन की ढाल या परिवर्तन की दर (rate of change) ज्ञात की जा सकती है। यदि कोई फलन किसी बिंदु पर अवकलनीय है, तो इसका मतलब है कि उस बिंदु पर हम उसकी गति या ढाल को माप सकते हैं और वह एक विशिष्ट मान होगा।
अवकलनीयता को सरल शब्दों में समझें तो यह फलन के ग्राफ की चपलता या तीव्रता को मापने का तरीका है। यदि कोई फलन किसी बिंदु पर अवकलनीय है, तो उसका ढाल उस बिंदु पर निरंतर होगा।
Download this PDFसांतन्यता और अवकलनीयता के बीच संबंध:
सांतन्य फलन अवकलनीय हो सकता है, परंतु यह अनिवार्य नहीं है। इसका मतलब है कि एक फलन जो निरंतर है, वह हमेशा अवकलनीय नहीं होता। उदाहरण के लिए, अगर किसी बिंदु पर फलन में तीव्र मोड़ या चपलता है, तो वह सांतन्य हो सकता है, लेकिन अवकलनीय नहीं होगा।
अवकलनीय फलन सांतन्य होता है। इसका मतलब है कि यदि कोई फलन किसी बिंदु पर अवकलनीय है, तो वह उस बिंदु पर निरंतर होगा।
उदाहरण:
सांतन्य फलन: अगर आप किसी पहाड़ी या समतल भूमि की यात्रा करते हैं, तो आपकी यात्रा बिना किसी रुकावट या कूद के निरंतर होगी।
अवकलनीय फलन: जैसे किसी वाहन की गति, जिसे आप किसी बिंदु पर देख सकते हैं। यदि आप उस वाहन के गति की माप कर रहे हैं, तो आप देख सकते हैं कि उसकी गति उस बिंदु पर एक विशेष मान पर अवस्थित है।
सांतन्य नहीं फलन: अगर आप समुद्र तट के किनारे पर एक कड़ी चट्टान पर चलते हैं, तो वहाँ एक ब्रेक या गैप हो सकता है जहाँ दो चट्टानें मिलती हैं। इस स्थान पर यात्रा में कोई रुकावट आ सकती है, तो वह जगह सांतन्य नहीं होगी।
अवकलनीय नहीं फलन: अगर आप किसी मुड़े हुए रास्ते पर चल रहे हैं, तो उस मोड़ पर आपकी गति की माप ठीक से नहीं की जा सकती क्योंकि वहाँ पर गति अचानक बदल सकती है।
निष्कर्ष:
सांतन्यता और अवकलनीयता गणित के महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं। सांतन्यता किसी फलन के निरंतर परिवर्तन को दर्शाती है, जबकि अवकलनीयता उस परिवर्तन की गति या ढाल को मापने का तरीका है। इन दोनों अवधारणाओं को समझना गणितीय विश्लेषण और समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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