UP बोर्ड गणित - अध्याय 6: अवकलज के सिद्धांत के Handwritten नोट्स
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UP बोर्ड कक्षा 12 वी गणित - अध्याय 6: अवकलज के सिद्धांत के Handwritten नोट्स

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अवकलज किसी फलन की दर या गति को मापने का तरीका है, जो यह बताता है कि किसी बिंदु पर फलन कितना तेजी से बदल रहा है। यह गणित में परिवर्तन की दर या ढाल (slope) को मापने का एक औजार है। अवकलज का उपयोग मुख्य रूप से गणितीय विश्लेषण, भौतिकी, अर्थशास्त्र, और इंजीनियरिंग में किया जाता है।

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मुख्य बिंदु (Keypoints):

  1. सीमा के सिद्धांत (Limit Theorem): अवकलज की परिभाषा सीमा के आधार पर की जाती है, जहां हम बिंदु के आसपास के छोटे बदलावों के प्रभाव को मापते हैं।

  2. गुणन सिद्धांत (Product Rule): जब दो फलन आपस में गुणित होते हैं, तो उनके अवकलज को दोनों के अवकलज के आधार पर निकाला जाता है। यह सिद्धांत तब उपयोगी होता है जब किसी फलन के गुणन का अवकलज निकालना होता है।

  3. भाग सिद्धांत (Quotient Rule): जब कोई फलन दो अन्य फलनों के भाग के रूप में होता है, तो उसका अवकलज उस फलन के ऊपर और नीचे के भागों के अवकलज से निकाला जाता है।

  4. श्रृंखला का सिद्धांत (Chain Rule): यदि एक फलन किसी अन्य फलन के रूप में होता है, तो अवकलज के लिए श्रृंखला के सिद्धांत का उपयोग किया जाता है। यह सिद्धांत विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब एक फलन दूसरे फलन पर निर्भर करता है।

  5. उच्चतम क्रम का अवकलज (Higher Order Derivatives): अवकलज को बार-बार लिया जा सकता है, जिसे उच्चतम क्रम के अवकलज कहा जाता है। इसका उपयोग गति, त्वरण जैसी भौतिक घटनाओं के विश्लेषण में किया जाता है।

  6. अवकलज और निरंतरता (Continuity and Derivatives): कोई फलन अवकलनीय तभी होता है जब वह निरंतर हो। हालांकि, सभी निरंतर फलन अवकलनीय नहीं होते।

  7. अधिकतम और न्यूनतम बिंदु (Extrema): अवकलज का उपयोग अधिकतम और न्यूनतम बिंदुओं की पहचान करने में किया जाता है। जब अवकलज शून्य होता है, तो उस बिंदु पर फलन का अधिकतम या न्यूनतम मान हो सकता है।

  8. भौतिक विज्ञान और गणित में उपयोग: अवकलज का प्रमुख उपयोग गति, त्वरण, और अन्य शारीरिक और गणितीय परिघटनाओं के विश्लेषण में किया जाता है। इससे हम किसी वस्तु की स्थिति, गति, और त्वरण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

अवकलज के सिद्धांत गणित के महत्वपूर्ण उपकरण हैं जो किसी भी फलन के परिवर्तन की दर और गति को मापने में सहायक होते हैं। ये सिद्धांत न केवल गणितीय विश्लेषण में बल्कि भौतिकी, अर्थशास्त्र, और इंजीनियरिंग जैसी कई अन्य शाखाओं में भी उपयोगी हैं। अवकलज का अध्ययन हमें वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करता है।

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