UP Board - कक्षा 12वी - भौतिक विज्ञान - अध्याय 10: तरंग प्रकाशिकी Handwritten Notes
तरंग प्रकाशिकी वह शाखा है जो प्रकाश को एक तरंग के रूप में अध्ययन करती है। इसमें प्रकाश के गुणों को तरंगों के रूप में समझा जाता है, जैसे परासरण (interference), विवर्तन (diffraction), और ध्रुवण (polarization)। तरंग प्रकाशिकी, कण-प्रकाशिकी (particle optics) के मुकाबले प्रकाश के वेग, दिशा और विभाजन को तरंगों के सिद्धांतों द्वारा समझाती है।
प्रमुख बिंदु (Key Points):
प्रकाश का तरंग सिद्धांत: तरंग प्रकाशिकी के अनुसार, प्रकाश एक प्रकार की विद्युत-चुम्बकीय तरंग होती है। यह दोनों विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्रों के उतार-चढ़ाव से उत्पन्न होती है, जो परस्पर लम्बवत होते हैं। यह सिद्धांत ह्यूगेंस और फ्रेस्नल द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
विवर्तन (Diffraction): जब प्रकाश किसी बाधा या छिद्र से गुजरता है, तो वह अपनी दिशा बदलता है और नए क्षेत्र में फैलता है। इसे विवर्तन कहते हैं। इसका उदाहरण माइक्रोस्कोप और दूरदर्शी में देखा जा सकता है।
परासरण (Interference): जब दो या दो से अधिक तरंगें एक ही स्थान पर मिलती हैं, तो उनका परिणाम एक नई तरंग के रूप में होता है। यदि वे एक-दूसरे के साथ समरूप होती हैं, तो उनका मिलन संवर्धन (constructive interference) करता है, और यदि विपरीत होती हैं, तो उनका मिलन बाधा (destructive interference) करता है।
ध्रुवण (Polarization): यह वह प्रक्रिया है जिसमें एक तरंग के विशेष कंपन को चुनकर उसे अलग किया जाता है। प्रकाश के ध्रुवण से हम यह जान सकते हैं कि वह तरंग है या कण। ध्रुवित प्रकाश की दिशा को एक विशेष एंगल पर नियंत्रित किया जा सकता है।
हॉयजेंस सिद्धांत: हॉयजेंस का सिद्धांत बताता है कि हर बिंदु पर जो प्रकाश तरंगें फैलती हैं, वह एक नई तरंग प्रणाली की तरह कार्य करती हैं। इस सिद्धांत के आधार पर विवर्तन और अन्य तरंग घटनाओं को समझा जा सकता है।
कण-तरंग द्वैधता (Wave-Particle Duality): तरंग प्रकाशिकी के अंतर्गत यह अवधारणा भी आती है कि प्रकाश केवल तरंग नहीं है, बल्कि इसका कण व्यवहार भी होता है (जैसे फोटोन्स)।
निष्कर्ष (Conclusion):
तरंग प्रकाशिकी का अध्ययन, प्रकाश के गुणों को अधिक गहरे रूप में समझने में मदद करता है। विवर्तन, परासरण, और ध्रुवण जैसे घटनाएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण हैं, जैसे प्रौद्योगिकी, ऑप्टिकल यंत्र, और वैज्ञानिक उपकरण। तरंग सिद्धांत का समझना न केवल प्रकाश के व्यवहार को स्पष्ट करता है, बल्कि यह नैनो टेक्नोलॉजी और अन्य विज्ञानों में भी उपयोगी होता है।
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