UP Board भौतिक विज्ञान - अध्याय 14: अर्धचालक इलेक्ट्रोनिकी Handwritten Notes
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UP Board - कक्षा 12वी - भौतिक विज्ञान - अध्याय 14: अर्धचालक इलेक्ट्रोनिकी Handwritten Notes

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अर्धचालक इलेक्ट्रोनिकी वह शाखा है जो अर्धचालक पदार्थों का अध्ययन करती है, जो न तो पूरी तरह से चालक (conductors) होते हैं और न ही पूर्ण रूप से अवरुद्ध (insulators) होते हैं। अर्धचालक सामग्री जैसे सिलिकॉन (Si) और गैलियम आर्सेणाइड (GaAs) का उपयोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में किया जाता है, जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर, और ऑप्टिकल उपकरण।

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प्रमुख बिंदु (Key Points):

  1. अर्धचालक पदार्थ (Semiconductor Materials):

    • सिलिकॉन (Silicon): यह सबसे सामान्य अर्धचालक पदार्थ है, जिसका उपयोग कंप्यूटर चिप्स, माइक्रोप्रोसेसर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है।
    • गैलियम आर्सेणाइड (Gallium Arsenide): यह भी एक महत्वपूर्ण अर्धचालक पदार्थ है, जो उच्च गति के उपकरणों और ऑप्टिकल उपकरणों में उपयोग किया जाता है।
  2. अर्धचालक की गुणधर्म (Properties of Semiconductors):

    • आधार स्थिति (Intrinsic Semiconductors): ये शुद्ध अर्धचालक पदार्थ होते हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनों और होल्स (positive charge carriers) की संख्या बराबर होती है। सिलिकॉन और जर्मेनियम इसके उदाहरण हैं।
    • दोषयुक्त अर्धचालक (Extrinsic Semiconductors): जब अर्धचालक पदार्थ में अन्य तत्वों (जैसे फॉस्फोरस या बोरॉन) को मिलाया जाता है, तो इसे दोषयुक्त अर्धचालक कहा जाता है। इस प्रक्रिया को "डोपिंग" कहा जाता है और यह अर्धचालक के विद्युत गुणों को बदलता है।
  3. डोपिंग (Doping):

    • n-प्रकार अर्धचालक (n-type): इसमें अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ाई जाती है, जो नकारात्मक आवेशित होते हैं।
    • p-प्रकार अर्धचालक (p-type): इसमें "होल्स" (positive charge carriers) की संख्या बढ़ाई जाती है, जो सकारात्मक आवेशित होते हैं।
  4. जंक्शन (Junctions):

    • pn-जंक्शन (PN Junction): n-type और p-type अर्धचालक पदार्थों का मेल एक pn-जंक्शन बनाता है। यह एक डायोड का मूल संरचना है और इसका उपयोग विद्युत धारा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
    • p-n-p और n-p-n ट्रांजिस्टर: ये ट्रांजिस्टर हैं जो तीन अर्धचालक परतों से बने होते हैं। वे सिग्नल एम्पलीफाई करने के लिए और स्विच के रूप में काम करते हैं।
  5. अर्धचालक उपकरण (Semiconductor Devices):

    • डायोड (Diode): यह एक उपकरण है जो केवल एक दिशा में विद्युत धारा को प्रवाहित करने की अनुमति देता है। यह pn-जंक्शन का उपयोग करता है।
    • ट्रांजिस्टर (Transistor): यह एक विद्युत स्विच या एम्प्लीफायर होता है। ट्रांजिस्टर का उपयोग सिग्नल को नियंत्रित और संशोधित करने के लिए किया जाता है।
    • सोलर सेल (Solar Cell): यह एक प्रकार का डायोड होता है जो सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा उत्पन्न करता है।
  6. अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग (Applications of Semiconductor Electronics):

    • कंप्यूटर और मोबाइल उपकरण: अर्धचालक उपकरण जैसे ट्रांजिस्टर और चिप्स कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों के दिमाग के रूप में काम करते हैं।
    • आधुनिक दूरसंचार: अर्धचालक उपकरणों का उपयोग मोबाइल फोन, रेडियो, और टीवी में किया जाता है।
    • स्वचालित नियंत्रक: अर्धचालक इलेक्ट्रोनिक्स का उपयोग स्वचालित नियंत्रण प्रणालियों में किया जाता है, जैसे ऑटोमोबाइल, घरेलू उपकरण आदि।

निष्कर्ष (Conclusion):

अर्धचालक इलेक्ट्रोनिकी ने आधुनिक तकनीकी विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। अर्धचालक पदार्थों की अद्वितीय विशेषताओं के कारण, इनका उपयोग कई इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों में किया जाता है, जो हमारे दैनिक जीवन में अत्यधिक उपयोगी हैं। इन उपकरणों के बिना, कंप्यूटर, मोबाइल, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अस्तित्व संभव नहीं था। अर्धचालक इलेक्ट्रोनिकी की समझ हमारे भविष्य की तकनीकी प्रगति के लिए आवश्यक है।

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