UP Board भौतिक विज्ञान - अध्याय 4: गतिमान आवेश तथा चुम्बकत्व Handwritten Notes
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UP Board - कक्षा 12वी - भौतिक विज्ञान - अध्याय 4: गतिमान आवेश तथा चुम्बकत्व Handwritten Notes

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गतिमान आवेश (Moving Charge) वह आवेश है जो गति करता है। जब कोई आवेशित कण, जैसे इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन, गति करता है, तो वह अपने चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। इस प्रकार, विद्युत धारा के माध्यम से विद्युत आवेशों की गति चुम्बकत्व और विद्युत क्षेत्र के बीच संबंध स्थापित करती है।

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Key Points:

  1. गतिमान आवेश:

    • जब एक आवेशित कण गति करता है, तो वह अपने चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
    • यह चुम्बकीय क्षेत्र कण की गति और आवेश की मात्रा पर निर्भर करता है।
    • आवेश की गति के साथ, इसके द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा भी बदलती है।
  2. चुम्बकत्व का उत्पत्ति:

    • जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। इस प्रकार, विद्युत धारा और चुम्बकत्व का संबंध है।
    • एक सीधी तार में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर एक गोलाकार चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
    • यह सिद्धांत "अम्पेयर का नियम" द्वारा स्पष्ट किया गया है।
  3. लोरेंज बल (Lorentz Force):

    • गतिमान आवेशों पर चुम्बकीय क्षेत्र और विद्युत क्षेत्र दोनों बल डालते हैं।
    • लोरेंज बल का सूत्र: F=q(E+v×B)F = q(E + v \times B), जहाँ qq आवेश है, EE विद्युत क्षेत्र, vv गति और BB चुम्बकीय क्षेत्र है।
  4. हॉल प्रभाव (Hall Effect):

    • जब एक विद्युत धारा प्रवाहित हो रही होती है और उस पर एक चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाता है, तो एक विभव अंतर उत्पन्न होता है, जिसे हॉल प्रभाव कहा जाता है।
    • यह प्रभाव चुम्बकीय क्षेत्र और धारा की दिशा के बीच के परस्पर संबंध को दर्शाता है।
  5. चुम्बकीय क्षण (Magnetic Moment):

    • जब एक आवेशित कण गति करता है, तो वह एक चुम्बकीय क्षण उत्पन्न करता है। यह चुम्बकीय क्षण कण की गति और आवेश की मात्रा पर निर्भर करता है।

Conclusion:

गतिमान आवेश विद्युत और चुम्बकत्व के बीच के संबंध को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जो चुम्बकत्व के सिद्धांतों को स्पष्ट करता है। यह सिद्धांत आधुनिक भौतिकी और विद्युत अभियंत्रण में उपयोगी है।

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