UP Board भौतिक विज्ञान - अध्याय 9: किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र Handwritten Notes
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UP Board - कक्षा 12वी - भौतिक विज्ञान - अध्याय 9: किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र Handwritten Notes

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किरण प्रकाशिकी (Geometrical Optics) प्रकाश के उन गुणों का अध्ययन है जो प्रकाश की रेखीय गति, परावर्तन (reflection) और अपवर्तन (refraction) पर आधारित होते हैं। इसमें हम प्रकाश की किरणों और उनके मार्ग को ध्यान में रखते हुए उनकी परस्पर क्रिया का विश्लेषण करते हैं। प्रकाशिक यंत्र (Optical Instruments) वे यंत्र होते हैं जो प्रकाश के सिद्धांतों का उपयोग करके चित्रों को उत्पन्न करते हैं या देखने के लिए उपकरण प्रदान करते हैं, जैसे नेत्रगोलक, सूक्ष्मदर्शी, दूरदर्शी आदि।

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प्रमुख बिंदु (Key Points):

  1. किरण प्रकाशिकी के सिद्धांत: किरण प्रकाशिकी में प्रकाश की गति को रेखीय रूप में माना जाता है। यह सिद्धांत मुख्य रूप से परावर्तन और अपवर्तन पर आधारित होता है।

    • परावर्तन (Reflection): जब प्रकाश की किरण एक सतह से टकराती है और वह सतह पर वापस लौट जाती है, तो उसे परावर्तन कहते हैं। इसका नियम है, कोण आवागमन (angle of incidence) और कोण परावर्तन (angle of reflection) बराबर होते हैं।
    • अपवर्तन (Refraction): जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करती है, तो उसकी दिशा बदल जाती है, इसे अपवर्तन कहते हैं। इसका कारण दोनों माध्यमों की अपवर्तनांक में अंतर होता है।
  2. प्रकाशिक यंत्र:

    • नेत्रगोलक (Eye): यह एक प्राकृतिक प्रकाशिक यंत्र है जो आंख के भीतर छवि को उत्पन्न करता है और उसे मस्तिष्क में भेजता है।
    • सूक्ष्मदर्शी (Microscope): यह यंत्र छोटे वस्तुओं को बड़े रूप में देखने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसमें लेंस की एक प्रणाली होती है।
    • दूरदर्शी (Telescope): यह यंत्र दूर की वस्तुओं को देखेने के लिए उपयोग किया जाता है और इसमें एकल या द्वैध लेंस या दर्पण का संयोजन होता है।
    • कैमरा (Camera): यह यंत्र दृश्य को स्थिर रूप में रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें लेंस, शटर और फिल्म या डिजिटल सेंसर होता है।
  3. लेंस और दर्पण:

    • लेंस (Lens): लेंस वह उपकरण होते हैं जो प्रकाश को एक बिंदु पर एकत्र या फैलाते हैं। यह उत्तल (Convex) और अवतल (Concave) लेंस में विभाजित होते हैं।
    • दर्पण (Mirror): दर्पण वह वस्तु होती है जो प्रकाश की किरणों को परावर्तित करती है। यह समतल (Plane), उत्तल (Concave), और अवतल (Convex) दर्पण हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

किरण प्रकाशिकी और प्रकाशिक यंत्रों का अध्ययन प्रकाश के गुणों को समझने और विभिन्न उपकरणों को विकसित करने में महत्वपूर्ण है। यह न केवल प्राकृतिक दुनिया को समझने में मदद करता है, बल्कि चिकित्सा, विज्ञान, दूरसंचार और अन्य कई क्षेत्रों में उपयोगी है। प्रकाशिकी के सिद्धांतों का उपयोग करके हम कई आधुनिक तकनीकों और यंत्रों का निर्माण कर सकते हैं।

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