UP बोर्ड कक्षा 12 वी हिंदी - गद्य खण्ड - अध्याय 1: राष्ट्र को स्वरूप के Handwritten नोट्स
राष्ट्र का अर्थ एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र और उस क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों से है, जो एक साझा सांस्कृतिक, सामाजिक, और राजनीतिक पहचान रखते हैं। यह एक राजनीतिक इकाई है जिसमें एक सरकार होती है, जो अपने नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का संरक्षण करती है। राष्ट्र के स्वरूप में उसकी भौगोलिक सीमाएँ, राजनीतिक व्यवस्था, संविधान, और संस्कृति शामिल होते हैं।
Download this PDFप्रमुख बिंदु:
भौगोलिक सीमा:
राष्ट्र की भौगोलिक सीमा उसे अन्य राष्ट्रों से अलग करती है। यह सीमा भूमि, जल, और वायु क्षेत्र के रूप में होती है।राजनीतिक व्यवस्था:
एक राष्ट्र की राजनीतिक व्यवस्था उसे एक संगठित सरकार के रूप में स्थापित करती है। यह सरकार नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का निर्धारण करती है। प्रत्येक राष्ट्र के पास अपना संविधान होता है, जो उसकी कानून व्यवस्था का निर्धारण करता है।संस्कृति और समाज:
राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी संस्कृति और सामाजिक संरचना होती है। यह राष्ट्रीय एकता और पहचान का प्रतीक है, जिसमें भाषा, धर्म, परंपराएँ और जीवनशैली शामिल हैं।समान नागरिकता:
राष्ट्र में निवास करने वाले सभी व्यक्तियों को समान नागरिक अधिकार प्राप्त होते हैं। राष्ट्र का यह स्वरूप नागरिकों के बीच समानता की भावना उत्पन्न करता है।आर्थिक संसाधन:
राष्ट्र के आर्थिक संसाधन, जैसे कृषि, उद्योग, व्यापार आदि, उसके समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।राष्ट्रीय सुरक्षा:
राष्ट्र के रक्षा तंत्र का उद्देश्य अपनी सीमा की सुरक्षा करना और बाहरी आक्रमणों से रक्षा करना है। सेना और पुलिस जैसे संस्थाएँ राष्ट्र की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
निष्कर्ष:
राष्ट्र का स्वरूप एक जटिल और व्यापक विचार है, जो केवल भौगोलिक सीमाओं और राजनीतिक शासन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक साझा पहचान, संस्कृति और नागरिक अधिकारों पर आधारित होता है। राष्ट्र की ताकत और उसकी स्थिरता इसी पर निर्भर करती है कि वह अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और समाज में समरसता और एकता बनाए रखता है।
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