बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 12 एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल लघु उत्तरीय प्रश्न
Launch Your Course Log in Sign up
Menu
Classes
Competitive Exam
Class Notes
Graduate Courses
Job Preparation
IIT-JEE/NEET
vidyakul X
Menu

बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 12 एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक अम्ल लघु उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > रसायन विज्ञान अध्याय 12 एल्डिहाइड, कीटोन और कार्बोक्सिलिक

लघु  उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. निम्न एल्कलॉइड का एक-एक उपयोग लिखें :

(a) रिसर्पीन (b) क्विनोल (c) मॉर्फिन

उत्तर⇒ (a) रिसर्पीन-उच्च रक्तचाप के इलाज में। 

(b)क्विनोल - मलेरिया के इलाज में। 

(c) मॉर्फिन- दर्द निवारक में।

Download this PDF

प्रश्न 2. निम्नांकित प्रतिक्रियाओं को पूर्ण करें :

(i) Al4C3 + 12 H2O ............. + ................

(ii) C2H5 - O - C2H5 + 2 HI  .......... + H2O

उत्तर⇒  (i) Al4C3 + 12 H2O 3CH4 + 4 Al (OH)

(ii) C2H5-O-C2H5 + 2 HI  2C2H5I + H2O

प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए

(i) C2H4O2

(ii)  4Al + 3 O2

उत्तर⇒ (i) C2H4 + 3O2 CO2(g) + 2H2O  

(ii) 4Al + 3 O2 2Al2O3

प्रश्न 4. मिथाइल एसीटेंड और इथाइल एसीटेट की पहचान के लिए रासायनिक जाँच दीजिए।

उत्तर⇒ जब मिथाइल एसीटेट और इथाइल एसीटेट को अलग-अलग आयोडीन के साथ NaOH2 की अधिकता में गर्म करते हैं तो मिथाइल एसीटेट आइडोफार्म का पीला अवक्षेप नहीं देता है, लेकिन इथाइल एसीटेट आइडोफार्म का पीला अवक्षेप देता है।

CHCOOCH3 + NaOH CH3COONa + CH3OH

CH3OH + I2 + NaOH पीला अवक्षेप

CH3COOC2H5 + NaOH CH3COONa +C2H5OH 

C2H5OH + 4I2  + 6NaOH CHI3  + HCOONa + 5 NaI

.                                                          (आइडोफार्म) पीला अवक्षेप  + 5 HO

प्रश्न 5. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं को पूरा कीजिए :

(i) CH3COOH

(ii) C6H5COOH + NaHCO3

(iii) CH3COOH +C2H5OH

उत्तर⇒  (i) CH3COOHCH3COCl

(ii) C6H5COOH + NaHCO3 → C6H5COON +H2O + CO2 ↑

(iii) CH3COOH +C2H5OH CH3COOC2H5 +H2O

प्रश्न 6. कार्बोक्सिलिक अम्ल का क्वथनांक अल्कोहल से ज्यादा होता है, क्यों ?

उत्तर⇒ कार्बोक्सिलिक अम्ल के अणुओं के बीच अन्तर-आण्विक हाइड्रोजन बन्धन बनता है। यह बन्धन अल्कोहल में बननेवाले हाइड्रोजन बन्धन से ज्यादा मजबूत होता है। यही कारण है कि इनका क्वथनांक अल्कोहल के क्वथनांक से ज्यादा होता है।

प्रश्न 7. मुक्त मूलक अभिक्रिया प्रारम्भ करनेवाले किसी अभिकर्मक की संरचना लिखिए। यह किस प्रकार कार्य करता है ?

उत्तर⇒  बेंज्वाइल परॉक्साइड एक मुक्त मूलक का उदाहरण है, जो अभिक्रिया को प्रारम्भ करता है।

यह निम्नलिखित में कार्य करता है-

चरण I. अभिक्रिया का प्रारम्भ तब होता है जब उत्प्रेरक द्वारा थोड़ी मात्रा में रेडिकन्स का निर्माण होता है।

चरण II. (Rad०) +CH2 = CH2   → Rad – CH2- CH2

चरण III. Rad – CH2–  CH2 + CH2 = CH2

            →Rad – CH2 CH2 CH2 - CH

            →Rad – (CH2 CH2) n- CH- CH2

चरण IV. Rad – (CH2- CH2) n- CH2 -CH2 - CH2 - CH- (CH- CH2)n– roman Rad

चरण V. 2Rad – (CH2 - CH2)n - CH- CH2 - CH2  

              →Rad – (CH2 - CH2)n - CH2 - CH2

              + Rad  =CH - (CH- CH2) n - CH- CH

प्रश्न 8. 2-पेन्टानॉन और 3-पेन्टानोन में विभेदन करें।

उत्तर⇒ पेन्टेन-2-ओन आयोडोफार्म परीक्षण देता है जबकि पेन्टेन-3- ऑन नहीं।

 

प्रश्न 9. ऐसी दो अभिक्रियाएँ लिखें जब एल्डिहाइड अपचायक के रूप में कार्य करता है।

उत्तर⇒ (i) एल्डिहाइड टालेन्स अभिकर्मक को अपचयित करता है।

2[Ag(NH3)3OH- + RCHO R COONH+ 2Ag + 3NH+ H2O

(ii) ऐल्डिहाइड फेहलिंग विलयन को अपचयीत करता है।

RCHO +2Cu2+ + 50H-  RCOO- + Cu2O + 3H2O

कॉपर (i) ऑक्साइड

प्रश्न 10. C = C आबंध के साथ संलग्न अभिक्रिया तथा आबंध के साथ संलग्न में क्या भिन्नता है ?

उत्तर⇒ हालांकि दोनों में कार्बन sp2 संकरित है। दोनों कार्बन संयोजन अभिक्रिया दर्शाते हैं। जब एल्किल में संलग्न किसी इलेक्ट्रॉन रागी द्वारा होता है, तो इलेक्ट्रॉन रागी संलग्न अभिक्रिया कहलाती है। जबकि एल्डिहाइड और कीटोन में नाभिकरागी के संलग्न को नाभिक रागी संलग्न अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 11. इथोनॉयल क्लोराइड से आप एथेनल कैसे तैयार करेंगे ? अभिक्रिया लिखें।

उत्तर⇒ रोजनमुंड अभिक्रिया द्वारा एथेनल (CH3CHO) को तैयार किया जाता है।

CH3 - COCl - H2CHCHO + HCl

प्रश्न 12. किसी एसिड क्लोराइड से कीटोन बनाने के लिए द्विएल्किल कैडमियम अच्छा अभिकर्मक माना जाता है। ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक की तुलना में क्यों ?

उत्तर⇒ क्योंकि कैडमियम का वैद्युत ऋणात्मकता मान 07 होता है जो मैग्निशियम की तुलना में कम वैद्युत धनात्मक होता है। इसलिए डाईऐल्किल कैडमियम नाभिकरागी संलग्न अभिक्रिया के लिए ग्रिगनार्ड अभिकर्मक क्लोराइड से तीव्र भांति से क्रिया करता है तथा कीटोन उत्पन्न करता है।

प्रश्न 13. कोई अभिकर्मक उपयोग किए बिना आप फार्मल्डिहाइड से मेथैनाल कैसे तैयार करेंगे ?

उत्तर⇒ कैनिजारो अभिक्रिया द्वारा क्योंकि NaOH सांद्रित है जो अपचायक नहीं है।

2HCHO + NaOH (50%) CH3OH + HCOONa

प्रश्न 14. प्रोपेनोइक अम्ल को प्रोपीनोइक अम्ल में बदलें।

उत्तर⇒ CHCHCOOHCHCHBrCOOH

CH2=CH-COOH

प्रश्न 15. सिरका किसे कहते हैं ? इसके दो उपयोग लिखिये। 

उत्तर⇒एसीटिक एसिड का 6 से 10% जलीय विलयन सिरका कहलाता है।

उपयोग- (1) अचार, चटनी, मुरब्बा के परिरक्षण में।

(2) बेसिक कॉपर एसीटेट बनाने में।

प्रश्न 16. फार्मेलीन किसे कहते हैं ? इसके दो उपयोग लिखिए।

उत्तर⇒ फार्मेलीन-ऐल्डिहाइड (H-CHO) को 40% , जलीय विलयन फार्मेलीन कहलाता है।

उपयोग-(1) रोगियों के कमरे धोने में।

             (2) मृत शरीरों के परिरक्षण में।

प्रश्न 17. बहुलीकरण एवं संघनन में क्या अन्तर है ? 

उत्तर⇒

                  बहुलीकरण

संघनन

1. उत्क्रमणीय परिवर्तन है।

2. बहुलक का अणुभार आरम्भिक अणु के अणु भार का सरल गुणक होता है।

 

3.जल आदि के छोटे अणु पृथक् नहीं होते हैं।

4. केवल एक ही प्रकार के अणु परस्पर संयोग करते हैं ।

1. उत्क्रमणीय परिवर्तन नहीं है।

2. संघनित अणु का अणु भार आरम्भिक अणु के अणु भार का सरल गुणक हो सकता है तथा नहीं भी हो सकता है।

3. छोटे अणुओं का पृथक् होना या न होना आवश्यक नहीं है।

4. एक ही प्रकार के या भिन्न प्रकार के अणु परस्पर संयोग करते हैं।

 

प्रश्न 18. कीटोन का क्वथनांक संगत समावयवी ऐल्डिहाइड की अपेक्षा कुछ अधिक क्यों होता है ?

उत्तर⇒ कीटोन अपने संगत समावयवी ऐल्डिहाइड की तुलना में अधिक ध्रुवीय होते हैं, क्योंकि कीटोन में >C=O समूह के पास दो इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी ऐल्किल समूह उपस्थित होते हैं। अतः कीटोन में द्विध्रुव आकर्षण बल ऐल्डिहाइड की अपेक्षा अधिक होता है। यही कारण है कि कीटोन का क्वथनांक संगत समावयवी ऐल्डिहाइडों की तुलना में अधिक होता है।

प्रश्न 19.  निम्नलिखित यौगिकों को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

CH3CHO , CH3CH2OH , CH3OCH3 , CH3CH2CH3

उत्तर⇒ CH3CH2CH3 < CH3OCH3 < CH3CHO  < CH3CH2OH (क्वथनांक का बढ़ता क्रम)

प्रश्न 20. यद्यपि फोनॉक्साइड आयन की अनुनादी संरचनाएँ काबॉक्सिलेट आयन की तुलना में अधिक हैं, परन्तु कार्बोक्सिलिक अम्ल फीनॉल की अपेक्षा प्रबल अम्ल है, क्यों?

उत्तर⇒ कार्बोक्सिलेट आयन में ऋणावेश दो ऑक्सीजन परमाणुओं पर विस्थापित होता है जबकि फौनॉक्साइड आयन में प्राणावेश एक ऑक्सीजन परमाणु पर ही विस्थानित होता है, इसलिए फोनॉक्साइड आयन की तुलना में कार्बोक्सिलेट आयन अधिक स्थायी होता है। फलस्वरूप कार्बोक्सिलिक अम्ल फीनॉल की तुलना में प्रबल अम्ल होते है।

प्रश्न 21. निम्नलिखित यौगिक युगलों में विभेद करने के लिए सरल रासायनिक परीक्षणों को दीजिए- प्रोपेनल एवं प्रोपेनोन

उत्तर⇒  टॉलेन अभिकर्मक मिलाकर प्रोपेनल को गर्म करने पर रजत दर्पण बनाता है जबकि प्रोपेनोन क्रिया नहीं करता है।

वैकल्पिक विधि – I2 तथा NaOH मिलाने पर प्रोपेनोन, आयोडोफॉर्म बनने के कारण पीला अवक्षेप देता है, जबकि प्रोपेनल क्रिया नहीं करता है।

प्रश्न 22. निम्नलिखित यौगिक युगलों में विभेद करने के लिए सरल रासायनिक परीक्षणों को दीजिए-

(1) एसीटोफीनोन एवं बेन्जोफीनोन

(2) फीनॉल एवं बेन्जोइक अम्ल

उत्तर⇒(1)  I2 तथा NaOH मिलाने पर एसीटोफिनोन CHI3 का पीला अवक्षेप देता है जबकि बेन्जोफिनोन नहीं देता है।

(2) दोनों में अलग-अलग उदासीन FeCl3 मिलाने पर फीनॉल बैंगनी रंग देता है, जबकि बेन्जोइक अम्ल की कोई क्रिया नहीं होती है।

वैकल्पिक विधि -दोनों के जलीय विलयन में अलग-अलग NaHCO3 मिलाने पर बेन्जोइक अम्ल तीव्र बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस देता है, जबकि फीनॉल की कोई क्रिया नहीं होता है।

प्रश्न 23. निम्नलिखित यौगिक युगलों में विभेद करने के लिए सरल रासायनिक परीक्षणों को दीजिए-

(1) बेन्जोइक अम्ल एवं एथिल बेन्जोएट

(2) पेन्टेन-2-ओन एवं पेन्टेन-3-ओन

उत्तर⇒(1)  दोनों में अलग-अलग NaHCO3 विलयन मिलाने पर बेन्जोइक अम्ल CO2  गैस के कारण तीव्र बुदबुदाहट देता है, जबकि एथिल बेन्जोएट कोई क्रिया नहीं करता है।

(2) दोनों में अलग-अलग I2 तथा NaOH मिलाने पर पेन्टेन-2-ओन CHI3 का पीला अवक्षेप देता है जबकि पेन्टेन-3-ओन नहीं देता है।

प्रश्न 24. निम्नलिखित यौगिक युगलों में विभेद करने के लिए सरल रासायनिक परीक्षणों को दीजिए-

(1) बेन्जैल्डिहाइड एवं एसीटोफीनोन|

(2) एथेनल एवं प्रोपेनल।

उत्तर⇒(1) टॉलेन अभिकर्मक मिलाने पर बेन्जैल्डिहाइड गर्म करने पर रजत दर्पण देता है जबकि एसीटोफिनोन क्रिया नहीं करता है।

(2)   I2 तथा NaOH मिलाने पर एथेनल आयोडोफॉर्म का पीला अवक्षेप देता है, जबकि प्रोपेनल क्रिया नहीं करता है|

प्रश्न 25. विकार्बोक्सिलिकरण का वर्णन कीजिए|

उत्तर⇒ विकार्बोक्सिलीकरण-कार्बोक्सिलिक समूह का निकलना विकार्बोक्सिलीकरण कहलाता है। सोडालाइम के साथ गर्म करने पर अम्ल का विकार्बोक्सिलीकरण होता है तथा ऐल्केन बनता है।