बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 6 तत्त्वों के निष्कर्षण के सामान्य सिद्धांत लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एल्युमिनियम के प्रमुख अयस्क क्या है ?
उत्तर⇒ बॉक्साइट (Al2 O3 .2H2O) |
प्रश्न 2. आयरन के प्रमुख अयस्कों को लिखें।
उत्तर⇒ हेमेटाइट (Haematite)-FeO3,
मैग्नेटाइड (Magnetite)- Fe3O4,
सिडेराइट (Siderite)- FeCO3,
आयरन पाइराइट (Iron pyrites)- FeS2
प्रश्न 3. कॉपर के प्रमुख अयस्कों को लिखें।
उत्तर⇒ कॉपर पाइराइट (Copper pyrites)- CuFeS2
मैलेकाइट (Malachite)- CuO3. Cu(OH)2
क्यूप्राइट (Cuprite)- Cu2 O
कॉपर ग्लांस (Copper glance)- Cu2S.
प्रश्न 4. सिल्वर के प्रमुख अयस्क को लिखें।
उत्तर⇒ अर्जेंटाइट या सिल्वर ग्लांस- Ag2S Ag2S.
पाइटार्जिराइट या रूबी सिल्वर- Ag3SbS3
प्राउस्टाइट- Ag3 AsS3
हार्न सिल्वर- AgCl ।
प्रश्न 5. मरकरी के अयस्क को लिखें।
उत्तर⇒ सिनेबार -HgS ।
प्रश्न 6. किस प्रकार के अयस्कों का भर्जन होता है ?
उत्तर⇒ सल्फाइड अयस्क।
प्रश्न 7. कुछ धातु स्वतन्त्र अवस्था में पाई जाती हैं, क्यों ?
उत्तर⇒ Au, Pt जैसी धातुएँ क्रियाशील नहीं हैं अर्थात् O2 से क्रियाशील नहीं हैं, जलवाष्प और CO2 से भी क्रियाशील नहीं हैं।
प्रश्न 8. फ्लक्स क्या है ? यह कैसे उपयोगी है ?
उत्तर⇒ फ्लक्स (अम्ल या क्षार) वह पदार्थ है जो गैस से संयोग कर गलित धातुमल बनाता है।
फ्लक्स + गैंग → धातुमल
प्रश्न 9. सज्जीकरण प्रक्रम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर⇒ अयस्क सांद्रण में प्रयुक्त प्रक्रम सज्जीकरण कहलाते हैं।
प्रश्न 10. कार्बन या कार्बन मोनोऑक्साइड में कौन-सा 983 K ताप पर अच्छा अपचायक है ?
उत्तर⇒ CO,983 K ताप से अधिक ताप पर CO स्थायी होने के कारण अच्छा अपचायक नहीं है जबकि कार्बन है।
प्रश्न 11. क्या यह सत्य है कि कुछ शर्तों पर Mg ,SiO2 का अपचयन करता है Si , MgO का अपचयन ?
उत्तर⇒ 1773 K ताप से कम पर Mg ,SiO2 का अपचयन करता है तथा 1773 K ताप से ज्यादा पर Si , MgO का अपचयन करता है।
प्रश्न 12. मंडल परिष्करण विधि का क्या सिद्धांत है ?
उत्तर⇒ यह विधि इस सिद्धांत पर आधारित है कि अशुद्धियों की विलेयता धातु की ठोस अवस्था की अपेक्षा गलित अवस्था में अधिक होती है।
प्रश्न 13. कॉपर पाइराइड अयस्क का सूत्र लिखें।
उत्तर⇒ CuFeS2
प्रश्न 14. कॉपर धातु के निष्कर्षण के बाद शोधन कैसे करते हैं ?
उत्तर⇒ ताँबे का शोधन वैद्युत अपघटनी विधि द्वारा किया जाता है। अशुद्ध कॉपर ऐनोड के रूप में तथा शुद्ध कॉपर पॉत्री कैथोड के रूप में लेते हैं।
प्रश्न 15. अपचयन से पहले भर्जन की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर⇒ लगभग सभी सल्फाइड ΔG° मान CS2 और H2S से अधिक है। CS2 तथा H2S ऊष्माशोषी यौगिक हैं। इसलिए न तो C तथा न ही H2 सल्फाइड को अपचयित कर सकता है इसके विपरीत ऑक्साइड के लिए गिब्ज ऊर्जा SO2 से कम है। अतः धातु सल्फाइड का ऑक्सीकरण ऊष्मागतिकी रूप से संभव है।
प्रश्न 16. फेन प्लवन विधि किस सिद्धांत पर कार्य करती है तथा इस विधि से कौन-से अयस्क का सांद्रण होता है ?
उत्तर⇒ यह विधि सल्फाइड अयस्कों को गैंग से मुक्त करने के लिए प्रयुक्त होती है। अयस्क के कणों को जल में तेल के साथ मिलाया जाता है। अयस्क के कण तेल से तथा गैंग के कण जल से भीग जाते हैं। घूर्णित क्षेपणी मिश्रण को विलोडित करती है एवं वायु प्रवाहित करती है। परिणामस्वरूप फेन बन जाता है जिसमें अयस्क के कण एकत्र हो जाते हैं। फेन हल्का होता है। इसे अयस्क के कणों को अलग करके सुखा लिया जाता है।
प्रश्न 17. Al,Zn,Fe तथा Pb धातुओं में किसका शोधन स्मेल्टिंग विधि से नही हो सकता ?
उत्तर⇒ ऐल्युमिनियम Al धातु को स्मेल्टिंग विधि द्वारा शोधन नहीं किया जा सकता क्योंकि-
(i) ऐल्युमिनियम वैद्युत धनात्मक तत्व है, ऑक्सीजन की ओर अधिक आकर्षित होता है।
(ii) Al2 O3 को कार्बन के साथ गरम कर ऐलुमिनियम कार्बाइड में बदला जाता है।
2Al2 O3 + 9C Al4 C3 +6CO
प्रश्न 18. निक्षालन को परिभाषित करें। कौन-सा अयस्क निक्षालन विधि द्वारा सांद्रित किया जाता है ?
उत्तर⇒ यदि अयस्क किसी उपयुक्त विलायक में विलेय हो तो प्रायः निक्षालन का उपयोग करते हैं। ऐल्युमिनियम के बॉक्साइट अयस्क Al2O3 को निक्षालन विधि द्वारा सांद्रित किया जाता है।
प्रश्न 19. सिनेबार ( HgS) तथा गेलेना (PbS) के भर्जन से धातु प्राप्त होती है लेकिन ZnS (जिंक) से नहीं। वर्णन करें।
उत्तर⇒ भर्जन से ये अयस्क आंशिक रूप से ऑक्साइड में बदल जाते हैं क्योंकि मर्करी और सीसे के अयस्क अस्थायी हैं इसलिए इन धातु ऑक्साइडों को अपचयित कर धातु प्राप्त करते हैं जबकि जिंक अयस्क ZnS से बना ऑक्साइड ZnO स्थायी है, जिसका अपचयन नहीं हो सकता।
HgS + HgO 3Hg+ SO2
PbS + 2PbO 3Pb + SO2
PbS+ 2ZnOx
प्रश्न 20. एल्युमिनियम के प्रमुख खनिजों को लिखें।
उत्तर⇒ एल्युमिनियम के प्रमुख खनिज निम्नलिखित हैं
(क) बॉक्साइट (Al2 O3 .2H2O)
(ख) क्रायोलाइट (Na3 AlF6)
(ग) अर्थकलेस (KAlSi3 O8)
(घ) अभ्रक [KAl2 (SiAlO10) (OH)2]
(ड) कोरंडम (Al2 O3)
प्रश्न 21. सिलिकन क्या होते हैं ? ये किस प्रकार तैयार किए जाते हैं ?
उत्तर⇒ सिलिकन- जिस यौगिक में R2SiO मात्रक सतत दुहराता है, वे सिलिकन कहे जाते हैं। चूँकि इनका मूलानुपाती सूत्र कीटोन (R2CO) के समान है।
बनाने की क्रिया- एल्काइल डाईक्लोरोसीलेन ( R2 SiCl2) के हाइड्रोलिसिस से सिलिकन प्राप्त होता है।
. R2SiCl2 + H2O R2SiO+ 2HCl
. एल्काइल डाईक्लोरोसिलेन सिलिकन
प्रश्न 22. शून्य वर्ग के तत्व सरलता से यौगिक का निर्माण नहीं करते हैं, कारण दें।
उत्तर⇒ शून्य वर्ग के तत्वों के बाह्य कोशीय कक्षक पूर्णतः भरे होते हैं। अतः वे दूसरे परमाणु के इलेक्ट्रॉनों के साथ इलेक्ट्रॉन का आदान-प्रदान या साझा नहीं करते हैं जिससे यौगिक निर्माण होना कठिन हो जाता है।
प्रश्न 23. विद्युतधनीय होते हुए भी एल्युमिनियम का विस्तृत उपयोग निर्माण-द्रव के रूप में किया जाता है। कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर⇒ एल्युमिनियम एक विद्युत धनात्मक तत्व है। इसकी क्रियाशीलता ऑक्सीजन के साथ तीव्र होती है। यह ऑक्सीजन से संयोग कर A12O3 का निर्माण करता है परन्तु Al2O3 सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है और एल्युमिनियम की क्रियाशीलता को घटा देता है। इन कारणों से इनका उपयोग विस्तृत रूप से निर्माण-द्रव के रूप में होता है।
प्रश्न 24. अति शुद्ध सिलिकॉन तत्व का क्या महत्त्व है ? इसको कैसे प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर⇒ अति शुद्ध सिलिकॉन तत्व का उपयोग अर्द्धचालक के रूप में किया जाता है। इसका प्रयोग कम्प्यूटर का चिप्स बनाने में भी किया जाता है।
अति शुद्ध सिलिकॉन, शुद्ध SiCl4 तथा SiHCl3 का डाइहाइड्रोजन द्वारा अपचयन कराकर अथवा SiCl4 के ताप अपघटन द्वारा प्राप्त किया जाता है।
SiCl4 + 2H2 → Si+4HCl
SiH4Si+2H2
प्रश्न 25. नीचे दिए जा रहे पदार्थों से क्लोरिन किस प्रकार प्राप्त किया जाता है ?
(a) ब्लीचिंग पाउडर (b) MnO2
उत्तर⇒ (a) विरंजक चूर्ण को सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) या CO2 के साथ प्रतिक्रिया कराकर क्लोरिन गैस प्राप्त की जाती है।
CaOCl2 + H2SO4 CaSO4 + H2O + Cl2
Or, CaOCl2 + CO2 CaCO3 +Cl2
(b) MnO2 को हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कराने पर यह Cl2 गैस प्रदान करता है।
MnO2 + 4HCl2 MnCl2 + 2H2O + Cl2
प्रश्न 26. कॉपर का निष्कर्षण हाइड्रोधातुकर्म द्वारा किया जाता है, परन्तु जिंक का नहीं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर⇒ कॉपर का निष्कर्षण हाइड्रोधातुकर्म द्वारा किया जाता है। विलयन में थोड़ा सा अम्ल डाला जाता है। विलयन में उपस्थित Cu+2 आयन H2 गैस से अभिक्रिया करते हैं।
Cu+2 (aq) + H2(g) Cu (s) +2H+ (aq)
क्योंकि जिंक धातु अभिक्रियाशील है अतः जिंक का निष्कर्षण हाइड्रोधातुकम द्वारा नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 27. फेन-प्लवन विधि में अवनमक की क्या भूमिका है ?
उत्तर⇒ यदि ZnS और PbS जैसे मिश्रण को अलग करना हो तब फेन-प्लवन विधि का उपयोग होता है। इस विधि में NaCH अवनमन का उपयोग किया जाता है। यह आवश्यक चयनित रूप से ZnS को फेन में आने से रोकना है परन्तु PbS को फेन में आने देता है।
प्रश्न 28. अयस्कों तथा खनिजों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर⇒ खनिज-प्रकृति में मिलनेवाला वह पदार्थ जिसमें धातु या उनके यौगिक पृथ्वी से मिलते हैं। दूसरे शब्दों में धातुओं को खनिजों से प्राप्त किया जाता है परन्तु हरेक खनिज धातु प्राप्ति के योग्य नहीं है।
अयस्क- वह खनिज जिसमें धातु प्राप्त करना आसान व सस्ता हो अयस्क कहलायेगा। अतः सभी अयस्क खनिज है परन्तु सभी खनिज अयस्क नहीं है। उदाहरण कॉपर पाइराइट CuFeS2, कॉपर ग्लांस, Cu2S क्यपराहट Cu2O, मलेचाइट CuCO3 Cu (OH)2 आदि ।
प्रश्न 29. शोधन क्या है ? द्रवीय धावन प्रक्रम का उपयोग का शोधन में कैसे होता है ?
उत्तर⇒ अशुद्ध धातु का शुद्धिकरण शोधन कहलाता है धात Sn जैसे और Pb का शुद्धिकरण शोधन विधि द्वारा किया जाता है क्योंकि टन का गलनांक कम होता है।