बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - संख्या पद्धति की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - अध्याय 1: संख्या पद्धति की NCERT Book

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"संख्या पद्धति" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो विभिन्न प्रकार की संख्याओं और उनके आधार पर आधारित पद्धतियों को समझाने में मदद करता है। इस अध्याय में हम विभिन्न संख्या प्रणालियों जैसे दशमलव (decimal), द्विआधारी (binary), षष्टदशमलव (hexadecimal), और आठ के आधार पर (octal) प्रणाली के बारे में सीखते हैं। इसके माध्यम से हम संख्याओं का आपस में रूपांतरण और उनका उपयोग करने की समझ प्राप्त करते हैं।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. संख्या पद्धति (Number System) क्या है?

    • संख्या पद्धति वह प्रणाली है, जिसका उपयोग संख्याओं को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसमें संख्याओं को विशेष रूप से चुने गए अंक (Digits) के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। विभिन्न संख्या प्रणालियाँ विभिन्न प्रकार के अंक और उनके आधार पर कार्य करती हैं।
  2. संख्या प्रणालियाँ:

    • दशमलव प्रणाली (Decimal System):
      • यह सबसे सामान्य संख्या प्रणाली है, जिसका हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उपयोग करते हैं। इस प्रणाली में 10 अंक होते हैं: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, और 9। इसका आधार 10 होता है।
    • द्विआधारी प्रणाली (Binary System):
      • यह प्रणाली केवल दो अंकों का उपयोग करती है: 0 और 1। इसका आधार 2 होता है। यह कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कंप्यूटर सिस्टम में डेटा और संख्याओं को द्विआधारी प्रणाली में ही संग्रहीत और प्रोसेस किया जाता है।
    • आठ के आधार वाली प्रणाली (Octal System):
      • इस प्रणाली में 8 अंक होते हैं: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, और 7। इसका आधार 8 होता है। इस प्रणाली का उपयोग द्विआधारी संख्याओं को संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
    • षष्टदशमलव प्रणाली (Hexadecimal System):
      • इस प्रणाली में 16 अंक होते हैं: 0-9 और A, B, C, D, E, F (यहां A = 10, B = 11, C = 12, D = 13, E = 14, F = 15)। इसका आधार 16 होता है। यह प्रणाली कंप्यूटर विज्ञान में डेटा को संक्षेप में व्यक्त करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
  3. संख्याओं का रूपांतरण (Conversion of Numbers):

    • दशमलव से द्विआधारी में रूपांतरण: दशमलव संख्या को 2 से भाग देकर प्राप्त शेषों को पलटकर द्विआधारी संख्या प्राप्त की जाती है।
    • द्विआधारी से दशमलव में रूपांतरण: द्विआधारी संख्या में प्रत्येक अंक को 2 की शक्ति के साथ गुणा करके, फिर सभी गुणनफल को जोड़कर दशमलव संख्या प्राप्त की जाती है।
    • दशमलव से षष्टदशमलव और आठ के आधार में रूपांतरण: इन प्रणालियों में रूपांतरण के लिए दशमलव संख्या को उनके आधार से विभाजित किया जाता है, और प्राप्त शेषों से इन प्रणालियों के अंकों का निर्माण किया जाता है।
  4. संख्याओं का अंकन और उपयोग:

    • विभिन्न प्रणाली में संख्याओं का उपयोग अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है। जैसे, द्विआधारी प्रणाली का प्रयोग कंप्यूटर डेटा प्रोसेसिंग में होता है, जबकि दशमलव प्रणाली का उपयोग सामान्य गणना में किया जाता है।
    • हेक्साडेसिमल प्रणाली का उपयोग कंप्यूटर के मेमोरी एड्रेसिंग और अन्य तकनीकी अनुप्रयोगों में होता है।
  5. संख्या पद्धति के महत्वपूर्ण गुण:

    • बेस: संख्या पद्धति का आधार उसे निर्धारित करता है। जैसे, दशमलव प्रणाली का आधार 10 है, द्विआधारी का आधार 2 है।
    • विस्तारित अंक: प्रत्येक प्रणाली में अंक निश्चित होते हैं, और प्रत्येक अंक का मूल्य उस पद्धति के आधार से संबंधित होता है।

निष्कर्ष:

"संख्या पद्धति" अध्याय में विभिन्न संख्या प्रणालियों के बारे में जाना जाता है, जैसे दशमलव, द्विआधारी, आठ के आधार और षष्टदशमलव प्रणाली। ये सभी प्रणालियाँ संख्याओं के अभिव्यक्तिकरण और उनके रूपांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन प्रणालियों को समझकर हम संख्याओं को एक प्रणाली से दूसरी प्रणाली में बदल सकते हैं और उनके उपयोग में दक्षता प्राप्त कर सकते हैं। इस ज्ञान का उपयोग कंप्यूटर विज्ञान, गणना और तकनीकी क्षेत्रों में किया जाता है।