बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - प्रायिकता की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - अध्याय 15: प्रायिकता की NCERT Book

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प्रायिकता" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो संयोगिक घटनाओं की संभावना को समझने के लिए सांख्यिकी और गणितीय सिद्धांतों का उपयोग करता है। प्रायिकता वह शाखा है जो यह बताती है कि किसी घटना के घटित होने की संभावना कितनी है। यह विशेष रूप से हमारे दैनिक जीवन में घटनाओं के होने की संभावना की गणना करने में उपयोगी होती है, जैसे किसी खेल में जीतने या हारने की संभावना। इस अध्याय में हम प्रायिकता के सिद्धांत, उसके नियम और विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से इसे समझने की कोशिश करेंगे।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. प्रायिकता का परिचय (Introduction to Probability):

    • प्रायिकता, किसी विशेष घटना के घटित होने की संभावना को मापती है। यह मान 0 और 1 के बीच होता है, जहाँ 0 का अर्थ है घटना का घटित न होना और 1 का अर्थ है घटना का निश्चित रूप से घटित होना।
    • प्रायिकता को गणितीय रूप से इस प्रकार व्यक्त किया जाता है: P(E)=Number of favorable outcomesTotal number of possible outcomesP(E) = \frac{\text{Number of favorable outcomes}}{\text{Total number of possible outcomes}} यहाँ, P(E)P(E) घटना EE की प्रायिकता है, और "favorable outcomes" का मतलब है वे परिणाम जो उस घटना को घटित करने के लिए अनुकूल होते हैं।
  2. सिद्धांत (Principles of Probability):

    • सम्भाव्य घटना (Event): किसी घटना का घटित होना या न होना, जैसे सिक्का उछालने पर सिर या पुंछ आना।
    • संभाव्यता की सीमा (Range of Probability): प्रायिकता हमेशा 0 और 1 के बीच होती है, अर्थात: 0P(E)10 \leq P(E) \leq 1
      • P(E)=0P(E) = 0 का मतलब है घटना का होना असंभव है।
      • P(E)=1P(E) = 1 का मतलब है घटना का होना निश्चित है।
  3. प्रायिकता के नियम (Rules of Probability):

    • संभाव्यता का जोड़ (Addition Rule): यदि दो घटनाएं AA और BB परस्पर विपरीत (mutually exclusive) नहीं हैं, तो किसी घटना AA या BB के होने की प्रायिकता: P(AB)=P(A)+P(B)P(AB)P(A \cup B) = P(A) + P(B) - P(A \cap B)
      • यदि घटनाएँ विपरीत हैं, तो P(AB)=0P(A \cap B) = 0 होगा।
    • संभाव्यता का गुणन (Multiplication Rule): दो घटनाओं AA और BB के होने की संयुक्त प्रायिकता: P(AB)=P(A)×P(B)P(A \cap B) = P(A) \times P(B)
      • यदि घटनाएँ स्वतंत्र हैं तो इस नियम का प्रयोग किया जाता है।
  4. स्वतंत्र और परस्पर निर्भर घटनाएँ (Independent and Dependent Events):

    • स्वतंत्र घटनाएँ (Independent Events): ऐसी घटनाएँ जिनका एक दूसरे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, जैसे सिक्का उछालना और डाइस फेंकना।
    • परस्पर निर्भर घटनाएँ (Dependent Events): ऐसी घटनाएँ जिनका एक दूसरे पर प्रभाव पड़ता है, जैसे एक कार्ड को निकालना और फिर दूसरे कार्ड को निकालना बिना पहले कार्ड को वापस रखने के।
  5. सांख्यिकी में प्रायिकता के अनुप्रयोग (Applications of Probability in Statistics):

    • प्रायिकता का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे बीमा उद्योग, खेल, और खेलों में विजेता का अनुमान, मौसम पूर्वानुमान, और मतदान के परिणामों का अनुमान।
    • यह किसी घटना के होने की संभावना के बारे में आंकड़े प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण टूल है, जो कई जटिल निर्णयों को सरल बनाता है।
  6. उदाहरण (Examples):

    • सिक्का उछालना: जब एक सिक्का उछाला जाता है, तो सिर या पुंछ आने की प्रायिकता: P(Head)=12,P(Tail)=12P(\text{Head}) = \frac{1}{2}, \quad P(\text{Tail}) = \frac{1}{2}
    • डाइस फेंकना: एक सामान्य 6-सामान्य डाइस को फेंकने पर 4 आने की प्रायिकता: P(Rolling a 4)=16P(\text{Rolling a 4}) = \frac{1}{6}

निष्कर्ष:

"प्रायिकता" अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि घटनाओं के घटित होने की संभावना कितनी होती है। यह एक गणितीय सिद्धांत है जो विभिन्न प्रकार की घटनाओं की संभावना का विश्लेषण करने के लिए उपयोग किया जाता है। प्रायिकता का अध्ययन हमारे दैनिक जीवन में निर्णय लेने, भविष्यवाणियाँ करने और संभावित परिणामों का अनुमान लगाने में मदद करता है। यह सांख्यिकी और गणित में एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका उपयोग कई वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल करने में किया जाता है।