बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - अध्याय 3: निर्देशांक ज्यामिति की NCERT Book
"निर्देशांक ज्यामिति" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो रेखाएँ, बिंदु, और रचनाओं के स्थान का गणना और उनकी पहचान करने की प्रक्रिया से संबंधित है। इसे "स्थानिक गणित" भी कहा जाता है, जिसमें किसी बिंदु का स्थान दो आयामों में, यानी x-धुरी (horizontal axis) और y-धुरी (vertical axis) के आधार पर व्यक्त किया जाता है। यह अध्याय गणित में ज्यामितीय समस्याओं को हल करने के लिए निर्देशांक प्रणाली का उपयोग करने के बारे में है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
निर्देशांक प्रणाली (Coordinate System):
- निर्देशांक प्रणाली एक दो-आयामी प्रणाली है, जिसमें किसी बिंदु का स्थान उसकी x और y कोऑर्डिनेट्स (निर्देशांक) द्वारा व्यक्त किया जाता है।
- इसमें दो प्रमुख धुरियाँ होती हैं:
- x-धुरी (Horizontal Axis) और
- y-धुरी (Vertical Axis)।
- Origin (मूल): दोनों धुरियों का मिलन बिंदु (0, 0) को "मूल" कहा जाता है।
बिंदु का प्रतिनिधित्व:
- किसी भी बिंदु को उसकी x और y कोऑर्डिनेट्स द्वारा व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, बिंदु का x निर्देशांक 3 और y निर्देशांक 4 है।
- x और y की जोड़ी को "Ordered Pair" कहा जाता है।
बिंदु का स्थान (Position of a Point):
- x-धुरी पर: जब , तो बिंदु x-धुरी पर स्थित होता है।
- y-धुरी पर: जब , तो बिंदु y-धुरी पर स्थित होता है।
- Quadrants: निर्देशांक प्रणाली में चार भाग होते हैं, जिन्हें "क्वाड्रेंट्स" कहा जाता है। यह बिंदु की स्थिति पर निर्भर करता है:
- पहला क्वाड्रेंट:
- दूसरा क्वाड्रेंट:
- तीसरा क्वाड्रेंट:
- चौथा क्वाड्रेंट:
दूरी का सूत्र (Distance Formula):
- दो बिंदुओं और के बीच की दूरी को निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
- इस सूत्र का उपयोग किसी दो बिंदुओं के बीच की लंबाई या दूरी मापने के लिए किया जाता है।
मध्य बिंदु का सूत्र (Midpoint Formula):
- दो बिंदुओं और के बीच के मध्य बिंदु की स्थिति को इस सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
- इसका उपयोग किसी दो बिंदुओं के बीच के मध्य बिंदु को खोजने के लिए किया जाता है।
रेखा का समीकरण (Equation of a Line):
- सामान्य रेखा का समीकरण: किसी रेखा का सामान्य समीकरण के रूप में होता है।
- सीधी रेखा का समीकरण (Slope-Intercept Form): यदि रेखा का ढलान है और y-अवरोध (y-intercept) है, तो रेखा का समीकरण इस प्रकार होगा:
- इसमें रेखा का ढलान (slope) है, जो रेखा की झुकाव को बताता है, और y-अवरोध है, जो y-धुरी पर रेखा के मिलन बिंदु को दर्शाता है।
ढलान (Slope) का सिद्धांत:
- रेखा के ढलान को से दर्शाया जाता है, और इसे से व्यक्त किया जाता है। यह किसी रेखा के दो बिंदुओं के बीच ऊँचाई और चौड़ाई के अनुपात को दिखाता है।
समीकरणों को हल करना:
- निर्देशांक ज्यामिति में रेखाओं के समीकरणों का उपयोग करके विभिन्न समस्याओं को हल किया जा सकता है, जैसे दो रेखाओं का अभिसंयोजन (intersection), दूरी, मध्य बिंदु, और अन्य ज्यामितीय समस्याएँ।
निष्कर्ष:
"निर्देशांक ज्यामिति" अध्याय हमें बिंदुओं, रेखाओं और उनके बीच के रिश्तों को समझने में मदद करता है। यह गणितीय विधि दो-आयामी समस्याओं को हल करने के लिए बहुत प्रभावी है, और इसके द्वारा हम रेखाओं के समीकरण, बिंदुओं के बीच की दूरी, तथा अन्य ज्यामितीय गुणों का विश्लेषण कर सकते हैं। इस ज्ञान का उपयोग विभिन्न गणितीय और भौतिकी समस्याओं को सुलझाने में किया जा सकता है।