बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - युक्लिड के ज्यामिति का परिचय की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - अध्याय 5: युक्लिड के ज्यामिति का परिचय की NCERT Book

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"युक्लिड के ज्यामिति का परिचय" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें हम प्राचीन ग्रीक गणितज्ञ युक्लिड द्वारा विकसित ज्यामिति के मूल सिद्धांतों और उनके महत्व को समझते हैं। युक्लिड की ज्यामिति में बुनियादी अवधारणाओं और निष्कर्षों का एक संगठित ढंग से विश्लेषण किया गया है, जिन्हें आज भी हम गणितीय समस्याओं को हल करने में उपयोग करते हैं। युक्लिड के सिद्धांत और परिभाषाएँ गणित के अध्ययन की नींव मानी जाती हैं और ये आधुनिक ज्यामिति की बुनियाद हैं।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. युक्लिड का जीवन और योगदान:

    • युक्लिड, जिन्हें "ज्यामिति का पिता" कहा जाता है, प्राचीन ग्रीस के महान गणितज्ञ थे। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "एलिमेंट्स" (Elements) में ज्यामिति के कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों और विधियों को व्यवस्थित किया।
    • युक्लिड का मुख्य योगदान गणितीय निष्कर्षों को प्रमाणित करने के लिए एक सुसंगत और तार्किक आधार प्रदान करना था।
  2. युक्लिड के पांच प्रसिद्ध पोस्टुलेट्स (Postulates):

    • युक्लिड ने अपनी पुस्तक "एलिमेंट्स" में पांच मूल पोस्टुलेट्स (सिद्धांतों) का वर्णन किया, जो ज्यामिति के सिद्धांतों का आधार बने। ये पोस्टुलेट्स किसी भी प्रकार के प्रमाण की आवश्यकता के बिना सत्य माने गए थे:
      1. पहला पोस्टुलेट: किसी दो बिंदुओं को जोड़ने के लिए एक रेखा खींची जा सकती है।
      2. दूसरा पोस्टुलेट: किसी रेखा segment को अनंत लंबाई तक खींचा जा सकता है।
      3. तीसरा पोस्टुलेट: किसी बिंदु को एक निश्चित दूरी से एक वृत्त बनाने के लिए केंद्र और त्रिज्या का उपयोग किया जा सकता है।
      4. चौथा पोस्टुलेट: सभी कोण बराबर होते हैं, अर्थात 90° का कोण खींचा जा सकता है।
      5. पाँचवां पोस्टुलेट (पारलल पोस्टुलेट): यदि एक रेखा पर एक बिंदु से एक और रेखा खींची जाती है और यह उस रेखा के साथ एक बिंदु पर नहीं मिलती, तो उस रेखा को रेखा के समानांतर बनाया जा सकता है।
  3. परिभाषाएँ (Definitions):

    • युक्लिड ने ज्यामिति के विभिन्न तत्वों की परिभाषाएँ दी हैं, जो बुनियादी निर्माण ब्लॉक्स के रूप में कार्य करती हैं। उदाहरण: बिंदु, रेखा, कोण, त्रिभुज आदि।
    • युक्लिड के अनुसार, बिंदु आकार और आकारहीन होता है, जबकि रेखा एक आयाम वाली होती है और अनंत लंबाई तक फैली होती है।
  4. सिद्धांत और प्रमाणीकरण (Theorems and Proofs):

    • युक्लिड ने प्रत्येक ज्यामितीय सिद्धांत को प्रमाणित करने के लिए तार्किक रूप से संरचित तरीके से प्रमाणीकरण (proofs) विकसित किए।
    • जैसे, युक्लिड का प्रसिद्ध "पाइथागोरस प्रमेय" (Pythagorean Theorem), जो कहता है कि एक समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
  5. युक्लिड का गणना सिद्धांत:

    • युक्लिड का सिद्धांत यह था कि किसी भी गणितीय समस्या को सही तरीके से हल करने के लिए उसे प्राथमिक सिद्धांतों (axioms) से तार्किक रूप से प्रमाणित किया जा सकता है। इसने गणितीय प्रमाणन की प्रक्रिया को एक नई दिशा दी और आज भी हम इसे लागू करते हैं।
  6. आधुनिक ज्यामिति में युक्लिड के सिद्धांतों का महत्व:

    • युक्लिड के द्वारा स्थापित परिभाषाएँ और सिद्धांत आज भी गणित में मूलभूत मान्यताएँ मानी जाती हैं।
    • युक्लिड की ज्यामिति का प्रभाव आधुनिक गणित, भौतिकी, और अन्य विज्ञानों में भी देखा जाता है।
  7. युक्लिड के सिद्धांतों का अनुप्रयोग:

    • युक्लिड के सिद्धांतों का उपयोग आज भी निर्माण, आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, और विभिन्न गणनाओं में किया जाता है।
    • गणितीय मॉडलिंग, 2D और 3D डिज़ाइन, और भौतिक संरचनाओं के निर्माण में इन सिद्धांतों का महत्वपूर्ण योगदान है।

निष्कर्ष:

"युक्लिड के ज्यामिति का परिचय" अध्याय हमें युक्लिड द्वारा स्थापित गणितीय आधारों को समझने में मदद करता है। उनके पोस्टुलेट्स और परिभाषाएँ आज भी गणितीय शिक्षा का आधार हैं। युक्लिड का यह कार्य न केवल ज्यामिति को व्यवस्थित करने के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने गणितीय सोच और प्रमाणन की दिशा को पूरी दुनिया में स्थापित किया।