बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित -रेखाएं और कोण की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - अध्याय 6: रेखाएं और कोण की NCERT Book

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रेखाएं और कोण" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें हम रेखाओं, उनके प्रकारों और कोणों के बारे में विस्तार से समझते हैं। यह अध्याय रेखाओं के आपसी रिश्तों, कोणों के प्रकार और उनके गुणों को समझने में मदद करता है। ज्यामिति के अन्य अध्यायों में इनका अत्यधिक महत्व है क्योंकि इनकी समझ बिना अन्य ज्यामितीय संरचनाओं को सही तरीके से नहीं समझा जा सकता। इस अध्याय में हम रेखाओं और कोणों के बारे में महत्वपूर्ण अवधारणाएँ, सिद्धांत और उनके अनुप्रयोगों को जानेंगे।


महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. रेखाएं (Lines):

    • सीधी रेखा (Straight Line): यह एक ऐसी रेखा होती है जो दोनों दिशाओं में अनंत रूप से बढ़ती है और इसके बीच में कोई मोड़ नहीं होता।
    • रेखा खंड (Line Segment): यह एक सीमित लंबाई की रेखा होती है, जिसके दोनों छोर पर बिंदु होते हैं।
    • रेखा (Ray): यह भी एक प्रकार की रेखा होती है, जो एक निश्चित बिंदु से शुरू होती है और एक दिशा में अनंत तक बढ़ती है।
    • पैरेलल रेखाएँ (Parallel Lines): ऐसी रेखाएँ जो कभी आपस में नहीं मिलतीं, भले ही वे अनंत तक बढ़ें। इन रेखाओं के बीच की दूरी हमेशा समान रहती है।
    • लंबवत रेखाएँ (Perpendicular Lines): ऐसी रेखाएँ जो एक दूसरे पर 90° के कोण पर मिलती हैं।
  2. कोण (Angles):

    • कोण दो रेखाओं या रेखा खंडों के मिलन से बनता है, जिनका एक सामान्य बिंदु (vertex) होता है।
    • कोण का माप (Angle Measurement): कोण को डिग्री (°) में मापा जाता है, और यह 0° से 180° तक हो सकता है।
    • कोण के प्रकार:
      • तीव्र कोण (Acute Angle): वह कोण जिसका माप 0° से 90° के बीच होता है।
      • समकोण (Right Angle): वह कोण जिसका माप ठीक 90° होता है।
      • विस्तृत कोण (Obtuse Angle): वह कोण जिसका माप 90° से 180° के बीच होता है।
      • सन्निकट कोण (Reflex Angle): वह कोण जिसका माप 180° से 360° के बीच होता है।
  3. कोणों के गुण:

    • कोणों का योग: जब दो कोण एक साथ होते हैं तो उनका योग कुछ विशेष प्रकार से होता है। उदाहरण के लिए:
      • दो समकोणों का योग 180° होता है।
      • किसी त्रिभुज के अंदर के तीन कोणों का योग हमेशा 180° होता है।
    • समान कोण (Congruent Angles): जब दो कोणों का माप समान होता है तो वे समान कोण कहलाते हैं।
    • पूरक कोण (Supplementary Angles): दो कोणों का योग 180° होता है, तो वे पूरक कोण कहलाते हैं।
    • परिपूरक कोण (Complementary Angles): दो कोणों का योग 90° होता है, तो वे परिपूरक कोण कहलाते हैं।
  4. कोणों का रेखाओं के साथ संबंध:

    • आंतरदृष्टि कोण (Adjacent Angles): दो कोण जो एक साझा बिंदु और एक सामान्य भुजा से जुड़े होते हैं।
    • विपरीत कोण (Vertical Angles): जब दो रेखाएँ एक दूसरे को काटती हैं, तो जो कोण बनते हैं, वे विपरीत कोण कहलाते हैं और समान होते हैं।
    • आंतरदृष्टि कोण का योग: यदि दो कोण एक साथ होते हैं और उनका योग 180° होता है, तो वे पूरक कोण होते हैं।
  5. कोणों का अनुप्रयोग:

    • कोणों का उपयोग रेखाओं के आपसी संबंधों, विभिन्न संरचनाओं के डिज़ाइन, और समकोण त्रिभुज, समतल रेखाएँ और विभिन्न रचनाओं के निर्माण में किया जाता है।
    • इनका उपयोग स्थापत्य कार्य, आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग और गणितीय मॉडलिंग में किया जाता है।

निष्कर्ष:

"रेखाएं और कोण" अध्याय गणितीय ज्यामिति का मूल हिस्सा है, जो रेखाओं और कोणों के गुण, प्रकार और उनके आपसी रिश्तों को समझने में मदद करता है। इनकी सही समझ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी साबित होती है, जैसे निर्माण, डिज़ाइन, विज्ञान और गणितीय समस्याओं के समाधान में। रेखाओं और कोणों के सिद्धांतों का ज्ञान हमें उनके आधार पर अन्य ज्यामितीय संरचनाओं को समझने और हल करने में सक्षम बनाता है।