बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी गणित - अध्याय 7: त्रिभुज की NCERT Book
"त्रिभुज" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण ज्यामिति अध्याय है, जिसमें हम त्रिभुज की विभिन्न विशेषताओं, प्रकारों और गुणों के बारे में सीखते हैं। त्रिभुज गणित में सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण शापों में से एक है। यह एक ऐसा आकार है, जिसमें तीन भुजाएँ और तीन कोण होते हैं। त्रिभुजों का अध्ययन हमें अन्य ज्यामितीय संरचनाओं और उनके गुणों को समझने में मदद करता है। इस अध्याय में त्रिभुजों के प्रकार, गुण और प्रमेयों के बारे में विस्तार से चर्चा की जाती है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
त्रिभुज की परिभाषा (Definition of Triangle):
- त्रिभुज एक साधारण द्विविमीय आकृति है, जिसमें तीन भुजाएँ और तीन कोण होते हैं। यह एक पॉलिगन (Polygon) है जिसका कुल कोणों का योग हमेशा 180° होता है।
- त्रिभुज के तीन बिंदु होते हैं जिन्हें हम शीर्ष (Vertices) कहते हैं, और इन बिंदुओं के बीच की रेखाएँ त्रिभुज की भुजाएँ होती हैं।
त्रिभुज के प्रकार (Types of Triangle): त्रिभुजों को उनके कोणों और भुजाओं के आधार पर विभिन्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
- कोणों के आधार पर:
- तीव्र कोण त्रिभुज (Acute-angled Triangle): वह त्रिभुज जिसमें तीनों कोण 90° से कम होते हैं।
- समकोण त्रिभुज (Right-angled Triangle): वह त्रिभुज जिसमें एक कोण 90° होता है।
- विस्तृत कोण त्रिभुज (Obtuse-angled Triangle): वह त्रिभुज जिसमें एक कोण 90° से अधिक होता है।
- भुजाओं के आधार पर:
- समान भुजाओं वाला त्रिभुज (Equilateral Triangle): वह त्रिभुज जिसमें तीनों भुजाएँ समान होती हैं और तीनों कोण 60° होते हैं।
- समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle): वह त्रिभुज जिसमें दो भुजाएँ समान होती हैं और उनके सामने के कोण भी समान होते हैं।
- विरल त्रिभुज (Scalene Triangle): वह त्रिभुज जिसमें तीनों भुजाएँ और तीनों कोण अलग-अलग होते हैं।
- कोणों के आधार पर:
त्रिभुज के गुण (Properties of Triangle):
- कोणों का योग: त्रिभुज के तीन कोणों का योग हमेशा 180° होता है।
- आंतरिक और बाहरी कोण: त्रिभुज के किसी बाहरी कोण का मान, उसके विपरीत आंतरिक कोणों के योग के बराबर होता है।
- मध्य रेखा: त्रिभुज में एक रेखा जो किसी एक भुजा के मध्य बिंदु को दूसरी भुजा के मध्य बिंदु से जोड़ती है, वह त्रिभुज की मध्य रेखा कहलाती है। यह रेखा भुजा के समानांतर होती है और इसकी लंबाई उस भुजा के आधे के बराबर होती है।
पाइथागोरस प्रमेय (Pythagoras Theorem):
- समकोण त्रिभुज के बारे में एक महत्वपूर्ण प्रमेय है - "पाइथागोरस प्रमेय", जो कहता है कि समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग, अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
यहाँ कर्ण (hypotenuse) है और , त्रिभुज की अन्य दो भुजाएँ हैं।
त्रिभुज का क्षेत्रफल (Area of Triangle): त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने के विभिन्न तरीके हैं, जैसे:
- आधार और ऊंचाई के द्वारा:
- हेरोन का सूत्र (Heron's Formula): यदि त्रिभुज की तीनों भुजाएँ , , और हैं, तो क्षेत्रफल इस प्रकार निकाला जाता है: जहाँ अर्धपरिधि (semi-perimeter) है:
त्रिभुजों के अनुप्रयोग (Applications of Triangles):
- त्रिभुजों का उपयोग विभिन्न भौतिक और गणितीय समस्याओं में किया जाता है। निर्माण कार्यों में, जैसे कि भवनों का डिज़ाइन, पुलों की संरचना, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग में त्रिभुजों का अत्यधिक प्रयोग होता है।
- त्रिभुजों का अध्ययन त्रिकोणमिति (Trigonometry) में भी महत्वपूर्ण है, जिसमें कोणों और भुजाओं के बीच संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
निष्कर्ष:
"त्रिभुज" अध्याय हमें त्रिभुजों के प्रकार, उनके गुण, प्रमेय और क्षेत्रफल के सूत्रों को समझने में मदद करता है। त्रिभुज ज्यामिति का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके सिद्धांत न केवल गणितीय समस्याओं को हल करने में, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी उपयोगी होते हैं। त्रिभुजों की विशेषताएँ और गुण हमें अन्य ज्यामितीय संरचनाओं को समझने और विश्लेषण करने में सहायक होते हैं।