बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान -गुरुत्वाकर्षण की NCERT Book
Launch Your Course Log in Sign up
Menu
Classes
Competitive Exam
Class Notes
Graduate Courses
Job Preparation
IIT-JEE/NEET
vidyakul X
Menu

बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान - अध्याय 10: गुरुत्वाकर्षण की NCERT Book

BSEB > Class 9 > NCERT Books > विज्ञान-अध्याय 10: गुरुत्वाकर्षण की NCERT Book

"गुरुत्वाकर्षण" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जो पृथ्वी और अन्य ग्रहों द्वारा उत्पन्न बल को समझने पर आधारित है। यह बल सभी वस्तुओं को पृथ्वी की ओर आकर्षित करता है और यही कारण है कि हम पृथ्वी पर रहते हुए वस्तुओं को नीचे गिरते हुए देखते हैं। गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को समझना भौतिकी में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक बल है और हमारे दैनिक जीवन के अधिकांश घटनाओं में इसकी भूमिका होती है।

Download this PDF

महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. गुरुत्वाकर्षण (Gravitation):

    • गुरुत्वाकर्षण एक प्राकृतिक बल है, जो पृथ्वी और अन्य ग्रहों, तारे, और आकाशीय पिंडों द्वारा उत्पन्न होता है।
    • यह बल पृथ्वी और अन्य वस्तुओं को एक-दूसरे की ओर आकर्षित करता है। उदाहरण के तौर पर, जब हम कोई वस्तु छोड़ते हैं, तो वह पृथ्वी की ओर गिरती है।
  2. गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत:

    • न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम:
      • "प्रत्येक कण पर एक बल कार्य करता है, जो अन्य कणों के साथ उसकी दूरी के अनुपात में होता है।"
      • इसका मतलब है कि सभी वस्तुएं एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं, और इस आकर्षण की तीव्रता उनकी दूरी और द्रव्यमान पर निर्भर करती है।
      • उदाहरण: पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण हमें पृथ्वी की ओर खींचता है, और हमारी स्थिति को स्थिर बनाए रखता है।
  3. गुरुत्वाकर्षण बल:

    • गुरुत्वाकर्षण बल की माप को F = G * (m₁ * m₂) / r² द्वारा किया जाता है, जहां:
      • F = गुरुत्वाकर्षण बल,
      • G = गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक (6.67 × 10⁻¹¹ N m²/kg²),
      • m₁ और m₂ = दो वस्तुओं का द्रव्यमान,
      • r = दोनों वस्तुओं के बीच की दूरी।
    • यह सूत्र बताता है कि जितनी अधिक वस्तु का द्रव्यमान होगा, उसका आकर्षण बल उतना ही अधिक होगा, और जितनी कम दूरी होगी, आकर्षण भी उतना ही अधिक होगा।
  4. गुरुत्वाकर्षण और पृथ्वी पर उसकी प्रभाव:

    • पृथ्वी द्वारा उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से हमें वज़न (Weight) होता है। वज़न गुरुत्वाकर्षण द्वारा उत्पन्न बल है, जो किसी वस्तु को पृथ्वी की ओर खींचता है।
    • वज़न = द्रव्यमान × गुरुत्वाकर्षण (W = mg)।
      • जहां m वस्तु का द्रव्यमान और g पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण का मान (9.8 m/s²) होता है।
  5. गुरुत्वाकर्षण और आकाशीय पिंड:

    • गुरुत्वाकर्षण बल न केवल पृथ्वी पर बल्कि आकाशीय पिंडों के बीच भी कार्य करता है। यही बल ग्रहों को उनके कक्षों में घुमाता है।
    • उदाहरण: पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है क्योंकि सूर्य का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है।
  6. गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव:

    • पृथ्वी पर गिरने वाली वस्तुएं: जब कोई वस्तु गिरती है, तो वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण नीचे की ओर गिरती है। यह बल वस्तु की गति को बढ़ाता है।
    • आधुनिक विज्ञान में गुरुत्वाकर्षण का महत्व: यह विज्ञान के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे उपग्रहों का प्रक्षेपण, आकाशीय पिंडों की गति, और गुरुत्वाकर्षण लहरों का अध्ययन।
  7. गुरुत्वाकर्षण के कारण वज़न में परिवर्तन:

    • पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों या पिंडों पर किसी वस्तु का वज़न पृथ्वी की तुलना में अलग हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से कम है, इस कारण वहां वज़न कम होता है।

निष्कर्ष:

"गुरुत्वाकर्षण" अध्याय से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी और अन्य आकाशीय पिंडों के बीच एक महत्वपूर्ण आकर्षक बल है। यह बल वस्तुओं को पृथ्वी की ओर खींचता है और जीवन की कई प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम और गुरुत्वाकर्षण बल का अध्ययन हमारे आसपास की दुनिया और ब्रह्मांड के समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।