बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान - अध्याय 4: परमाणु की संरचना की NCERT Book
"परमाणु की संरचना" कक्षा 9 का महत्वपूर्ण अध्याय है, जो परमाणु के भीतर स्थित कणों और उनके संगठन को समझने पर केंद्रित है। परमाणु, जो किसी तत्व का सबसे छोटी और मूल इकाई होती है, उसकी संरचना को जानना रसायन विज्ञान के अध्ययन में आवश्यक है। इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे कि परमाणु किस प्रकार के कणों से बना होता है और ये कण एक-दूसरे से कैसे जुड़े होते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
परमाणु की संरचना:
- परमाणु तीन प्रमुख कणों से बना होता है: प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, और इलेक्ट्रॉन।
- प्रोटॉन: ये सकारात्मक चार्ज वाले कण होते हैं जो परमाणु के नाभिक में होते हैं।
- न्यूट्रॉन: ये बिना चार्ज (न्यूट्रल) कण होते हैं, जो प्रोटॉन के साथ परमाणु के नाभिक में स्थित होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन: ये नकारात्मक चार्ज वाले कण होते हैं और परमाणु के बाहरी कक्षा (ऑर्बिट) में परिक्रमा करते हैं।
- परमाणु तीन प्रमुख कणों से बना होता है: प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, और इलेक्ट्रॉन।
नाभिक और इलेक्ट्रॉन क्लाउड:
- नाभिक: परमाणु का केंद्र होता है, जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। नाभिक में अधिकतर परमाणु का द्रव्यमान (मास) स्थित होता है।
- इलेक्ट्रॉन क्लाउड: यह क्षेत्र परमाणु के चारों ओर स्थित होता है, जिसमें इलेक्ट्रॉन घूमते हैं। इलेक्ट्रॉन के स्थान का अनुमान केवल संभाव्यता के आधार पर लगाया जा सकता है।
परमाणु का आकार:
- परमाणु का आकार बहुत ही छोटा होता है, और उसका अधिकांश भाग खाली होता है। नाभिक छोटा होता है लेकिन उसमें भारी द्रव्यमान होता है, जबकि इलेक्ट्रॉन क्लाउड में बहुत अधिक स्थान होता है।
- परमाणु के आकार को मापने के लिए 'एंग्स्ट्रॉम' (Å) या 'नैनोमीटर' (nm) का उपयोग किया जाता है।
परमाणु संख्या और मास संख्या:
- परमाणु संख्या (Atomic Number): यह संख्या प्रोटॉन की संख्या के बराबर होती है। यह किसी तत्व की पहचान करती है।
- मास संख्या (Mass Number): यह प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या के बराबर होती है।
- उदाहरण: कार्बन का परमाणु संख्या 6 है, इसका मतलब है कि इसमें 6 प्रोटॉन होते हैं। इसका मास संख्या 12 है, इसका मतलब है कि इसमें कुल 12 (6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन) कण होते हैं।
इलेक्ट्रॉन की परिक्रमा:
- इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के चारों ओर विशेष कक्षाओं (ऑर्बिट्स) में परिक्रमा करते हैं।
- प्रत्येक कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या होती है, जो 2n² के नियम से निर्धारित की जाती है, जहाँ 'n' कक्षा का क्रमांक होता है।
पॉज़िटिव और निगेटिव चार्ज:
- परमाणु में कुल चार्ज हमेशा शून्य होता है, क्योंकि प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन के चार्ज एक-दूसरे को संतुलित करते हैं। प्रोटॉन के पास सकारात्मक चार्ज होता है, जबकि इलेक्ट्रॉन के पास नकारात्मक चार्ज होता है। न्यूट्रॉन का कोई चार्ज नहीं होता।
निष्कर्ष:
"परमाणु की संरचना" अध्याय से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि परमाणु किस प्रकार के कणों से बना होता है और ये कण कैसे एक साथ मिलकर पदार्थों की संरचना का निर्माण करते हैं। प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन के बीच के बंधन और उनकी परिक्रमा के बारे में जानना रसायन विज्ञान के महत्वपूर्ण पहलू को समझने में सहायक है। परमाणु की संरचना को जानकर हम विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं और तत्वों के गुणों को भी समझ सकते हैं।