बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान - जीवन की मौलिक इकाई की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान - अध्याय 5: जीवन की मौलिक इकाई की NCERT Book

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"जीवन की मौलिक इकाई" कक्षा 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो जीवन के बुनियादी ढांचे और उसकी संरचना को समझने में मदद करता है। इस अध्याय में हम यह जानेंगे कि जीवन की सबसे छोटी और मौलिक इकाई क्या है, और वह हमारे शरीर और अन्य जीवों में कैसे कार्य करती है। कोशिका को जीवन की मौलिक इकाई माना जाता है, क्योंकि यह सभी जीवित प्राणियों के कार्यों और प्रक्रियाओं का मूल है।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. कोशिका (Cell):

    • कोशिका जीवन की सबसे छोटी इकाई है। यह वह संरचना है, जो सभी जीवों के शरीर का निर्माण करती है।
    • कोशिका में सभी आवश्यक कार्यों को नियंत्रित करने वाली संरचनाएँ और तत्व होते हैं। इसे जीवन का मूल घटक माना जाता है।
    • कोशिका दो प्रकार की होती है: प्रोकैरियोटिक कोशिका (जो बिना न्यूक्लियस के होती है) और यूकैरियोटिक कोशिका (जो न्यूक्लियस और अन्य जटिल संरचनाओं से युक्त होती है)।
  2. कोशिका के घटक:

    • कोशिका की झिल्ली: यह कोशिका को बाहर से ढकने वाली परत है और बाहरी वातावरण से पदार्थों के आदान-प्रदान में मदद करती है।
    • न्यूक्लियस: यह कोशिका का नियंत्रण केंद्र होता है और इसमें गुणसूत्र (DNA) होते हैं, जो कोशिका के गुण और कार्यों को नियंत्रित करते हैं।
    • साइटोप्लाज्म: यह कोशिका का वह भाग है जिसमें सभी जटिल रासायनिक क्रियाएँ होती हैं और यह कोशिका के अन्य घटकों को सपोर्ट करता है।
    • माइटोकॉन्ड्रिया: इसे कोशिका का ऊर्जा घर कहा जाता है, क्योंकि यह ATP (एडेनोसीन ट्राइफास्फेट) का उत्पादन करता है, जो कोशिका के लिए ऊर्जा का स्रोत होता है।
    • राइबोसोम: यह प्रोटीन संश्लेषण में मदद करता है।
    • एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम और गोल्गी यंत्र: यह कोशिका में प्रोटीन और अन्य पदार्थों के परिवहन और संश्लेषण में सहायक होते हैं।
  3. कोशिका का कार्य:

    • कोशिका जीवन के सभी बुनियादी कार्यों को अंजाम देती है, जैसे पोषक तत्वों का अवशोषण, ऊर्जा का उत्पादन, और शरीर की अन्य प्रक्रियाएँ।
    • यह प्रजनन (विकास और गुणसूत्रों का आदान-प्रदान) में भी भाग लेती है।
  4. कोशिका विभाजन:

    • कोशिका विभाजन के दौरान एक कोशिका से दो नई कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं। इसे मितोसिस और मियोसिस कहते हैं।
      • मितोसिस: इसमें एक कोशिका दो समान कोशिकाओं में विभाजित होती है।
      • मियोसिस: यह विभाजन केवल युग्मज कोशिकाओं (अंडाणु और शुक्राणु) में होता है, जिससे नया जीवन उत्पन्न होता है।
  5. कोशिका की जीवविज्ञान में महत्ता:

    • कोशिका का अध्ययन, जिसे कोशिकीय जीवविज्ञान (Cytology) कहा जाता है, जीवों की संरचना और कार्यों को समझने में मदद करता है। यह हमें यह समझने में भी मदद करता है कि कैसे जीवन के विभिन्न रूप उत्पन्न होते हैं और उनका विकास कैसे होता है।
  6. कोशिका और जीवन के अन्य पहलू:

    • सभी जीवित प्राणी (पौधे, जानवर, बैक्टीरिया, आदि) कोशिकाओं से बने होते हैं। पौधों की कोशिकाएँ अतिरिक्त कोशिका भित्ति से ढकी होती हैं, जबकि पशु कोशिकाओं में ऐसा नहीं होता।

निष्कर्ष:

"जीवन की मौलिक इकाई" अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि कोशिका जीवन के प्रत्येक पहलू को नियंत्रित करने वाली सबसे छोटी इकाई है। कोशिका जीवन के विभिन्न कार्यों जैसे ऊर्जा उत्पादन, प्रजनन, और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कोशिका की संरचना और कार्यों का अध्ययन जीवन के जैविक पहलुओं को समझने के लिए आवश्यक है। यह अध्याय हमें जीवन के बुनियादी घटकों के बारे में गहरी जानकारी प्रदान करता है, जो आगे के जीवविज्ञान अध्ययन में सहायक है।