बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान - जीवो में विविधता की NCERT Book
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बिहार बोर्ड कक्षा 9 वी विज्ञान - अध्याय7: जीवो में विविधता की NCERT Book

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"जीवों में विविधता" कक्षा 9 का महत्वपूर्ण अध्याय है जो जीवों की विविधता और विभिन्न प्रकार के जीवों के बीच अंतर को समझाने पर आधारित है। इस अध्याय में हम यह जानेंगे कि कैसे पृथ्वी पर अलग-अलग प्रकार के जीव रहते हैं, उनके बीच के अंतर, और यह विविधता जीवन के अस्तित्व में कैसे योगदान करती है। जीवों की विविधता के कारण ही हमारे वातावरण में संतुलन बना रहता है और जीवन के विभिन्न रूपों के अस्तित्व को बनाए रखने में मदद मिलती है।

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महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. जीवों में विविधता:

    • पृथ्वी पर जीवों की लाखों प्रजातियाँ हैं, और प्रत्येक प्रजाति की अपनी विशेषताएँ होती हैं।
    • जीवों की विविधता उनके आकार, रूप, संरचना, गुण, और उनके वातावरण के अनुसार भिन्न होती है।
    • यह विविधता जीवों के अस्तित्व को बनाए रखने में मदद करती है और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखती है।
  2. जीवों की वर्गीकरण (Classification of Organisms):

    • जीवों को उनके लक्षणों, संरचनाओं, और गुणों के आधार पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाता है।
    • जीवों की वर्गीकरण प्रणाली को कार्ल लिनियस ने विकसित किया था, जो जीवों को उनके लक्षणों के आधार पर दो मुख्य श्रेणियों में बांटते हैं: पादप (Plants) और पशु (Animals)।
  3. विविधता के कारण:

    • जीवों में विविधता उनके जीन, आनुवंशिक गुणों और पर्यावरणीय परिस्थितियों के कारण उत्पन्न होती है।
    • प्रत्येक जीव का पर्यावरण और भोजन प्राप्त करने का तरीका अलग होता है, जिससे वे विभिन्न स्थानों और परिस्थितियों में जीवित रहते हैं।
    • उदाहरण: बर्फीली जगहों में रहने वाले जीवों के पास मोटी त्वचा होती है, जबकि रेगिस्तानी जीवों के पास गर्मी सहने की क्षमता होती है।
  4. प्रमुख वर्गीकरण प्रणाली:

    • पादपों की वर्गीकरण: पादपों को मुख्य रूप से दो समूहों में बांटा जाता है - मैग्नोलियिड और नॉन-मैग्नोलियिड। ये वर्गीकरण पादपों की संरचना और गुणों पर आधारित होते हैं।
    • पशुओं की वर्गीकरण: पशुओं को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाता है, जैसे कि मांसाहारी, शाकाहारी, कीट, और माइक्रोब्स
  5. विविधता का महत्व:

    • जीवों में विविधता जैविक संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। विभिन्न जीवों की उपस्थिति से पर्यावरणीय प्रक्रियाएँ सही तरीके से चलती हैं, जैसे भोजन श्रृंखला और पारिस्थितिकी तंत्र की कार्यप्रणाली।
    • यह भी जीवन के हर पहलू, जैसे प्रजनन, आहार, और सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  6. जीवों में विविधता का संरक्षण:

    • जैविक विविधता का संरक्षण पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
    • विभिन्न प्रजातियों का संरक्षण जैविक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय संकटों से बचाव में महत्वपूर्ण है।
    • उदाहरण: वन्यजीवों की प्रजातियाँ और उनके आवास का संरक्षण पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना को बचाए रखने में मदद करता है।
  7. विविधता का संरक्षण खतरे में:

    • प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, और आवासों की कमी जैविक विविधता को खतरे में डालते हैं। यह पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन उत्पन्न कर सकता है।

निष्कर्ष:

"जीवों में विविधता" अध्याय यह बताता है कि पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जीवों की मौजूदगी जैविक संतुलन और जीवन के अस्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है। जीवों की संरचना, रूप, और उनके पर्यावरण के अनुकूल गुण जीवन को बनाए रखने में मदद करते हैं। इस विविधता का संरक्षण पर्यावरण के सही संतुलन और भविष्य के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। जैविक विविधता का अध्ययन और संरक्षण पृथ्वी पर जीवन के हर रूप की सुरक्षा में सहायक है।