बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 13 एमीन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित युगलों के यौगिकों में विभेद के लिए एक रासायनिक परीक्षण दीजिए
(i) मेथिलऐमीन एवं डाइमेथिलऐमीन ।
(ii) द्वितीयक एवं तृतीक एमीन ।
(iii) ऐथिलएमीन एवं ऐनिलीन।
(iv) एनिलीन एवं बेन्जिल एमीन।
(v) ऐनिलीन एवं N-मेथिल ऐनिलीन।
उत्तर⇒ (i) मेथिल एमीन, कार्बिल ऐमीन बनाती है जबकि डाइमेथिल एमीन अभिक्रिया नहीं करती है।
CH3CNH2 +HCCl3 + 3KOH (alc.) CH3NC + 3KCl + 3H2O
Methyl amine Carbylamine
. (Foul smell)
(ii) द्वितीयक ऐमीन हिन्सबर्ग अभिकर्मक के साथ अभिक्रिया करती है जबकि तृतीयक एमीन अभिक्रिया नहीं करती है।
(iii) एथिल ऐमीन नाइट्रेस अम्ल से अभिक्रिया द्वारा N2 गैस मुक्त करती है जबकि ऐनिलीन अभिक्रिया नहीं करती है।
C2H2NH2 +HNO2C2H5OH + H2O + N2
एथिल ऐमीन
(iv) एथिल ऐमीन नाइट्रस अम्ल से अभिक्रिया द्वारा N2 गैस मुक्त करती है जबकि ऐनिलीन अभिक्रिया नहीं करती है।
(v) ऐनिलीन, कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया करती है जबकि N-मेथिल ऐनिलीन अभिक्रिया नहीं करती है।
प्रश्न 2. निम्न पर लघु टिप्पणी लिखिए :
(i) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया,
(ii) हॉफमान ब्रोमामाइड,
(iii) युग्मन अभिक्रिया
(iv) डाइऐजोकरण
(v) अमोनी अपघटन
(vi) ऐसीटिलन
(vii) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण।
उत्तर⇒ (i) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया- ऐलिफैटिक तथा ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन, क्लोरोफॉर्म और एथेनॉलिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ गर्म करने पर दुर्गधयुक्त पदार्थ आइसोसायनाइड अथवा कार्बिल ऐमीन का विरचन करती हैं। द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन यह अभिक्रिया नहीं दर्शाती। इस अभिक्रिया को कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया अथवा आइसोसायनाइड परीक्षण कहते हैं तथा यह प्राथमिक ऐमीनों के परीक्षण में प्रयुक्त होती है।
R -NH2+CHCl3+ 3KOHR-NC-3KCl +3H2O
(ii) हॉफमान ब्रोमामाइड अभिक्रिया- हॉफमान ने प्राथमिक ऐमीनो के विरचन के लिए एक विधि विकसित की जिसमें किसी एमाइड की NaOH के जलीय अथवा एथेनॉलिक विलयन में ब्राऐमीन से अभिक्रिया करते हैं। इस अभिक्रिया में एल्किल अथवा ऐरिल समूह का स्थानांतरण ऐमाइड के कार्बोनिल कार्बन से ऐमीन के कार्बोनिल परमाणु पर होता है। इस प्रकार प्राप्त ऐमीन में ऐमाइड से एक कार्बन कम होता है।
(iii) युग्मन अभिक्रिया-बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड फीनॉल से अभिक्रिया करने पर इसके पैरा स्थान पर युग्मित होकर पैरा हाइड्रॉक्सीनोबेन्जीन बनाता है। इस प्रकार की अभिक्रिया को युग्मन अभिक्रिया कहते हैं।
(iv) डाइऐजोकरण-नाइट्रस अम्ल को जब प्राथमिक ऐरोमेटीक ऐमीन से क्रियाशील किया जाता है तब डाइऐजोनियम लवण बनता है।
(v) अमोनी अपघटन- अमोनिया को एल्कोहल माध्यम में जब ऐल्किल हैलाइड से क्रियाशील किया जाता है तो 1°, 2°, 3° ऐमीन का मिश्रण प्राप्त होता है।
R-X+HNH2 एल्कोहल R-NH2+HX
यदि R-X को अधिकाय में प्रयुक्त किया जाता है तो मिश्रण 1°, 2′, 3° ऐमीन प्राप्त होता है।
(vi) ऐसीटिलन-किसी फिनॉल, एल्कोहल या ऐमीन से क्रिया H परमाणु RCO समूह द्वारा प्रतिस्थापित करना ऐसीटिलन कहलाता है। ऐसीटिलन को क्षार जैसे पिरीडीन, डाइमेथिल एमीन आदि से प्राप्त किया जाता है।
CH3COCl + C2H5OH पिरिडिन CH3COOC2H5+HCl
(CH3CO)2O+C2H5NH2 CH3CONHCH2CH3 + CH3COOH
(vii) गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण- इस अभिक्रिया में थैलिमाइड ऐथेनालिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया द्वारा थैलिमाइड का पोटैशियम लवण बनाता है जो ऐल्किन हैलाइड के साथ गर्म करने के पश्चात् क्षारीय जल अपघटन द्वारा संगत प्राथमिक ऐमीन उत्पन्न करता है। इस विधि का उपयोग प्राथमिक ऐमीनो के विरचन के लिए किया जाता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए-
(i) C6H4NH4 + CHC3 +(ऐल्कोहॉली)+KOH
(ii) C6H5N2Cl + H3PO2 + H2O
(iii) C6H5NH2 + H2SO4 (सांद्र) →
(iv) C6H5Cl + C2H5OH
(v) C6H5NH2 + Br2(aq)
(vi) C6H5NH2 + (CH3O)2O
(vii) C6H5N2Cl
उत्तर⇒
प्रश्न 4. ऐमीन क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ? प्राइमरी, सेकेण्ड्री तथा टर्शियरी ऐमीन को परिभाषित करें।
उत्तर⇒ एलिपैफटिक ऐमीन अमोनिया के अल्काइल व्युत्पन्न है जो अमोनिया में उपस्थित हाइड्रोजन परमाणुओं के अल्काइल समूहों द्वारा प्रतिस्थापित होने से बनते हैं। ऐमीन को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) प्राइमरी ऐमीन
(ii) सेकेण्डरी ऐमीन
(iii) टर्शियरी ऐमीन
(i) प्राइमरी ऐमीन - अमोनिया का वह अल्काइल व्युत्पन्न जो अमोनिया के केवल एक ही हाइड्रोजन परमाणु के एक अल्काइल समूह द्वारा प्रतिस्थापित होने से बनता है, प्राइमरी ऐमीन कहलाता है।
उदाहरण-
प्राइमरी ऐमीन में क्रियाशील समूह -NH2 उपस्थित रहता है, जिसे ऐमीनो कहा जाता है।
(ii) सेकेण्डरी ऐमीन -अमोनिया के वे अल्काइल व्युत्पन्न जो अमोनिया के दो हाइड्रोजन परमाणुओं के दो अल्काइल समूहों (दोनों अल्काइल समूह एक ही या विभिन्न हो सकते हैं) द्वारा प्रतिस्थापित होने से प्राप्त होते हैं, सेकेण्डरी ऐमीन कहलाते हैं।
उदाहरण-
सेकेण्ड्री ऐमीन का क्रियाशील समूह -N- है, जिसे ऐमीन कहा जाता है।
(iii) टरशियरी ऐमीन -अमोनिया के वे अल्काइल व्युत्पन्न जो अमोनिया के तीनों हाइड्रोजन परमाणुओं तीन अल्काइल समूहों तीन अल्काइल समूह एक ही या विभिन्न हो सकते हैंद्ध द्वारा प्रतिस्थापित होने से प्राप्त होते हैं, टर्शियरी ऐमीन कहलाते हैं।
उदाहरण-
टर्शियरी ऐमीन में क्रियात्मक समूह >N- है।
प्रश्न 5. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
श्मिट अभिक्रिया,
मस्टर्ड ऑयल अभिक्रिया।
उत्तर⇒1. श्मिट अभिक्रिया- जब CHCl3 या C6H6 में विलेय हाइड्रोजोइक अम्ल की मोनोकार्बोक्सिलिक .. अम्ल पर
2. मस्टर्ड ऑयल अभिक्रिया-ऐलिफैटिक प्राथमिक ऐमीन को -CS2 तथा HgCl2 के साथ गर्म करने पर सरसों के तेल जैसी गन्धयुक्त मेथिल आइसोथायोसायनेट बनता है। इसलिए इस अभिक्रिया को मस्टर्ड ऑयल अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 6. एथिल ऐमीन तथा ऐनिलीन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर⇒
एथिल ऐमीन तथा ऐनिलीन में अन्तर –
गुण | एथिल ऐमीन (C2H5NH2) | ऐनिलीन (C6H5NH2) |
1. विलेयता 2. गन्ध 3. NaNO2 +HCl से क्रिया 4. उपर्युक्त विलयन +-नेफ्थॉल 5. लिटमस के साथ व्यवहार | 1. जल में विलेय है। 2. अमोनिया के समान होती है। 3. एथिल ऐल्कोहॉल बनता है। 4. कोई प्रभाव नहीं। 5. लाल लिटमस नीला हो जाता है। | 1. जल में अविलेय है। 2. अमोनिया से भिन्न होती है। 3. बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोरौंइड बनता है, जिसे गर्म करने पर फीनॉल बनता है। 4.कोई प्रभाव नहीं । 5. लाल रंजक बनता है। |
प्रश्न 7. एथिल नाइट्राइट और नाइट्रो एथेन में अन्तर के कोई चार बिन्दु लिखिए।
उत्तर⇒नाइट्रो एथेन और एथिल नाइट्राइट में अन्तर
1. संरचना-
2. क्वथनांक- नाइट्रो एथेन का क्वथनांक एथिल नाइट्रेट से उच्च होता है।
3. अपचयन- नाइट्रो एथेन प्राथमिक एमीन तथा एथिल नाइट्राइट अमोनिया बनाता है
4. जल अपघटन-नाइट्रो एथेन NaOH के साथ ऐल्कोहॉल नहीं बनाता जबकि एथिल नाइट्राइट NaOH के साथ ऐल्कोहॉल बनाता है|
C2H5-O-N=O+NaOHC2H5OH + NaNO2
प्रश्न 8. मेण्डियस अभिक्रिया क्या है ?
उत्तर⇒ऐल्किल सायनाइड (RCN) का अपचयन सोडियम तथा ऐल्कोहॉल द्वारा करने पर प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होता है । जैसे- मेथिल सायनाइड के अपचयन से एथिल ऐमीन बनता है । यह अभिक्रिया मेण्डियस अभिक्रिया कहलाती है ।
प्रश्न 9. कैसे प्राप्त करेंगे
(a) मेथिल सायनाइड से एथिल ऐमीन
(b) ऐसीटामाइड से मेथिल ऐमीन ।
(c) एथिल ऐल्कोहॉल से एथिल ऐमीन
(d) मेथिल ऐमीन से एथिल ऐमीन ।
उत्तर⇒
प्रश्न 10. सायनाइड और आइसोसायनाइड के बीच कोई चार अन्तर लिखिये । अथवा एथिल सायनाइड और एथिल आइसोसायनाइड में अन्तर लिखिये ।
उत्तर⇒एथिल सायनाइड और एथिल आइसोसायनाइड में अन्तर –
परीक्षण | एथिल सायनाइड | एथिल आइसोसायनाइड |
1. गंध 2.जल में विलेयता 3.अम्ल द्वारा जल-अपघटन 4.अपचयन | तीव्र परन्तु अरुचिकर नहीं। विलेयशील । प्रोपियोनिक अम्ल देता है। C2H5CN +2H2O C2H5COOH+ NH3 प्रोपिल ऐमीन प्राप्त होता है। C2H5CN + 2H2 C2H5CH2NH2 | अत्यन्त दुर्गन्ध वाला। अल्प विलेय । एथिल ऐमीन बनता है। C2H5NC +2H2O C2H5 NH2 +HCOOH एथिल मेथिल ऐमीन प्राप्त होता है। C2H5NC +2H2 C2H5 NHCH3 |
प्रश्न 11. एथिल ऐमीन किस प्रकार क्रिया करता है
(a) HNO2 से,
(b) CH3COCl से
(c) CS2 से ।
उत्तर⇒ (a) C2H5NH2 + OHNO C2H5OH + N2 + H2O
(b)
(c)
प्रश्न 12. एथिल ऐमीन, ऐनिलीन से अधिक क्षारीय है, क्यों? अथवा ऐनिलीन, एथिल ऐमीन से कम क्षारीय होता है, क्यों?
उत्तर⇒ ऐनिलीन एथिल ऐमीन की अपेक्षा कम क्षारीय होता है, क्योंकि बेंजीन नाभिक में अनुनाद के कारण नाइट्रोजन परमाणु का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म नाभिक की ओर आकर्षित होकर समस्त रिंग में विस्थापित हो जाता है।
इस कारण यह इलेक्ट्रॉन युग्म एथिल ऐमीन के इलेक्ट्रॉन युग्म की अपेक्षा कठिनाई से त्यागा जाता है, जिससे ऐनिलीन का क्षारीय गुण अपेक्षाकृत कम हो जाता है । ऐनिलीन में इलेक्ट्रॉनों का विस्थापन निम्नलिखित प्रकार से प्रदर्शित किया जा सकता हैr
प्रश्न 13. ऐमीनों के क्वथनांक संगत आण्विक द्रव्यमान के हाइड्रोकार्बनों की अपेक्षा उच्च होते हैं; परन्तु संगत ऐल्कोहॉलों एवं कार्बोक्सिलिक अम्लों से निम्न होते हैं । इस कथन का स्पष्टीकरण दीजिए ।
उत्तर⇒
प्राथमिक ऐमीन ध्रुवीय होते हैं तथा इनमें द्विध्रुवीय बन्ध उपस्थित होते हैं, जिससे ऐमीन में हाइड्रोजन बन्ध द्वारा अणुओं का संगुणन हो जाता है । इसी कारण इनका क्वथनांक समतुल्य अणुभार वाले ऐल्केन से अधिक होता है।
नाइट्रोजन की विद्युत्ऋणता का मान ऑक्सीजन से कम होने के कारण ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्लों में प्रबल H-बन्ध द्वारा संगुणन हो जाता है, जबकि ऐमीनों में दुर्बल H-बन्ध द्वारा संगुणन होता है । इसलिये ऐमीनों का क्वथनांक एवं गलनांक संगत ऐल्कोहॉलों एवं कार्बोक्सिलिक अम्लों से निम्न होता है।
प्रश्न 14. ऐनिलीन के नाइट्रीकरण से पूर्व उसका ऐसीटिलीकरण क्यों किया जाता है ? आवश्यक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर⇒एनिलीन का सीधा नाइट्रीकरण सम्भव नहीं है, क्योंकि ऐनिलीन का ऐमीनो समूह नाइट्रिक अम्ल से ऑक्सीकृत हो जाता है । ऐनिलीन का नाइट्रीकरण करने के लिए पहले -NH, समूह को ऐसीटिलीकरण द्वारा सुरक्षित करते हैं। फिर नाइट्रीकरण करते हैं।
प्रश्न 15. कैसे प्राप्त करेंगे केवल समीकरण लिखिए
(a) एथिल ऐमीन से मेथिल ऐमीन
(b) ऐनिलीन से फीनॉल
(c) मेथिल ऐमीन से एथिल ऐमीन ।
उत्तर⇒
प्रश्न 16. निम्न को समझाइए-
(a) ऐल्किल हैलाइड के अमोनी अपघटन से शुद्ध ऐमीन बनना कठिन है ।
(b) मेथिल ऐमीन जलं में FeCl, से क्रिया करके फेरिक हाइड्रॉक्साइड का अवक्षेप देता है ।
(c) AgCl मेथिल ऐमीन में विलेय है।
उत्तर⇒
(a) ऐल्किल हैलाइड के अमोनीकरण से प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीनों का मिश्रण प्राप्त होता है।
इन ऐमीनों का पृथक्करण बहुत कठिन है, इस कारण ऐल्किल हैलाइड के अमोनी अपघटन से शुद्ध ऐमीन बनना कठिन है।
(b) मेथिल ऐमीन जल में OH- आयन देता है, जो FeCl3 से निम्न प्रकार क्रिया करके Fe(OHl)3 का अवक्षेप देता है।
(c) मेथिल ऐमीन AgCl के साथ एक विलेय संकुल बनाता है और इस प्रकार AgCl मेथिल ऐमीन में विलेय हो जाता है।
प्रश्न 17. नाइट्रोबेंजीन के अम्लीय, उदासीन एवं क्षारीय माध्यम में अपचयन अभिक्रिया लिखिये।
उत्तर⇒ (a) अम्लीय माध्यम में अपचयन-नाइट्रोबेंजीन अम्लीय माध्यम में (Sn + HCl , Zn + HCl या SnCl2+HCl) अपचयित होकर ऐनिलीन बनाता है।
(b) उदासीन माध्यम में अपचयन-ऐल्युमिनियम मरकरी युग्म या जिंक रज तथा अमोनियम क्लोराइड के साथ अपचयित होकर फेनिल हाइड्रॉक्सिल ऐमीन बनाता है।
(c) क्षारीय माध्यम में अपचयन–
1. क्षारीय सोडियम आर्सेनाइट द्वारा अपचयन करने पर ऐजॉक्सीबेंजीन बनता है।
2. CH3OH में बने Zn रज व NaOH विलयन द्वारा अपचयन करने पर ऐजोबेंजीन बनता है।
3. जिंक रज व कॉस्टिक सोडा द्वारा अपचयन करने पर हाइड्रोऐजोबेंजीन बनता है ।
2C6H5NO2+10[H]C6H5NH-NH-C6H5+4H2O
प्रश्न 18. आप ऐनिलीन से निम्नलिखित कैसे प्राप्त करेंगे? केवल समीकरण दीजिए।
(a) फीनॉल
(b) मेथेन
(c) ट्राइब्रोमो ऐनिलीन
(d) फेनिल आइसोसायनाइड ।
उत्तर⇒(a) फीनॉल
(b) मेथेन
(c) ट्राइबोमो ऐनिलीन
(d) फेनिल आइसोसायनाइड-
प्रश्न 19. निम्न पर लघु टिप्पणी लिखिए
(1) कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया
(2) डाइऐजोटीकरण
(3) हॉफमैन ब्रोमामाइड अभिक्रिया
(4) युग्मन अभिक्रिया
(5) अमोनी-अपघटन
(6) ऐसीलिकरण
(7) गैब्रियल थैलिमाइड संश्लेषण।
उत्तर⇒
1. कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया- जब प्राथमिक ऐमीन को क्लोरोफार्म तथा ऐल्कोहॉली कॉस्टिक क्षार के साथ गर्म किया जाता है, जो कार्बिल ऐमीन (आइसोसायनाइड) की अरुचिकर गन्ध आती है। यह अभिक्रिया केवल प्राथमिक ऐमीनों द्वारा ही सम्पन्न होती है, इसे कार्बिल ऐमीन परीक्षण कहते हैं।
2. डाइऐजोटीकरण- ऐनिलीन के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन को हिम मिश्रण द्वारा 5°C तक ठण्डा करके उसमें सोडियम नाइट्राइट का हिमशीत विलयन मिलाने पर बेंजीन डाइऐजोनियम क्लोराइड बनता है। इस प्रकार ऐमीन समूह (-NH2) का डाइऐजो समूह (-N2X) द्वारा विस्थापन को डाइऐजोटीकरण कहते हैं।
3. हॉफमैन ब्रोमामाइड अभिक्रिया- इस अभिक्रिया को हॉफमैन ब्रोमामाइड अभिक्रिया कहते हैं, क्योंकि क्रिया के दौरान बनने वाला एक उत्पाद ब्रोमामाइड है, इसे हॉफमैन पुनर्विन्यास भी कहते हैं, क्योंकि अभिक्रिया के एक पद में पुनर्विन्यास होता है। इसी अभिक्रिया को हॉफमैन डिग्रेडेशन भी कहते हैं क्योंकि अंतिम उत्पाद में कार्बन परमाणु कम हो जाता है।
जब कोई एमाइड क्षार की उपस्थिति में ब्रोमीन से अभिक्रिया करता है तो एक कार्बन परमाणु कम होकर प्राथमिक एमीन बनाता है|
R-CONH2+Br2+3NaOH RNH2+2NaBr+NaHCO3+H2O
जैसे- एसीटामाइड से मेथिलामीन तथा बेंजामाइड से एनिलीन बनता है।
4. युग्मन अभिक्रिया - हिमताप पर जब एनिलीन की क्रिया बेंजीन डाइएजोनियम लवण से कराई जाती है तो एक पीला पदार्थ प्राप्त होता है, जिसे हल्का गर्म करने पर चमकदार नारंगी-लाल रंजक बनता है।
5. अमोनी-अपघटन - यह वह क्रिया है जिसमें या तो एल्किल (या एरिल हैलाइड) के हैलोजन अणु में या एल्कोहॉल (या फिनॉल) के हाइड्रॉक्सिल समूह का विस्थापन एमीनों समूह के द्वारा होता है। इस क्रिया में एल्कोहॉलीय अमोनिया अभिकर्मक प्रयुक्त होता है। सामान्यतः प्राथमिक, द्वितीयक या तृतीयक एमीन बनते हैं।
6. एसीटिलीकरण – एलिफैटिक तथा एरोमैटिक प्राथमिक तथा द्वितीयक एमीन अम्ल क्लोराइड, ऐनहाइड्राइड तथा एस्टर के साथ नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया देते हैं । इस अभिक्रिया में -NH2 या >NH समूह की परमाणु एसिल समूह द्वारा प्रतिस्थापित होते हैं तथा इस अभिक्रिया को एसीटिलीकरण या एसीलीकरण कहते हैं।
अभिक्रिया एमीन से प्रबल क्षार की उपस्थिति में होती है,
जैसे – पिरिडीन, जो बने हुए HCl को निष्कासित करके साम्यावस्था को दायीं तरफ विस्थापित करती है तथा एसीटिलीकरण द्वारा बना उत्पाद एमाइड कहलाता है।
7. गैब्रियल थैलिमाइड संश्लेषण - इस अभिक्रिया में थैलिमाइड KOH से क्रिया करके पोटैशियम थैलिमाइड बनाता है, जो ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया कर N-ऐल्किल थैलिमाइड देता है, जिसके जल अपघटन से प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 20. निम्नलिखित को कैसे प्राप्त करेंगे”
ऐनिलीन से सल्फैनिलिक अम्ल
ऐनिलीन से p-ऐमीनो ऐजो बेंजीन
उत्तर⇒ (1)
प्रश्न 21. प्रयोगशाला में ऐनिलीन बनाने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर⇒ऐनिलीन, ऐमीनो बेंजीन अथवा फेनिल ऐमीन (C6H5NH2) प्रयोगशाला में बनानाप्रयोग-शाला में ऐनिलीन नाइट्रोबेंजीन को टिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल द्वारा उत्पन्न नवजात हाइड्रोजन से अपचयित कर प्राप्त किया जाता है।
विधि - एक गोल पेंदे के फ्लास्क में 30 g नाइट्रोबेंजीन सान्द्र HCl (4 भाग) व 60 g जिंक लेकर उसमें 150 ml सान्द्र HCl वायु संघनित्र द्वारा डालते हैं
पश्चवाही संघनित्र ।थोड़ा-थोड़ा HCl डालकर हिलाते जाते हैं और फ्लास्क को नल से ठण्डा नाइट्रोबेंजीन (1 भाग) करते जाते हैं । समस्त अम्ल डालने के बाद उसे जल-ऊष्मक पर तब तक गर्म ! करते हैं, जब तक कि नाइट्रोबेंजीन की तेलीय बूंदें गायब न हो जायें । इस प्रक्रम Y -टिन (2 भाग) में बने हुए ऐनिलीन व SnCl4, HCl की उपस्थिति में परस्पर संयुक्त | होकर लवण (C6H5NH3), SnCl6बना लेते हैं । इसे विघटित करने के + लिए इस मिश्रण में 40 %कॉस्टिक सोडा विलयन धीरे-धीरे करके तब तक डालते हैं जब तक कि बना हुआ अवक्षेप पुनः घुल न जाय आर _योगाला में विलीन बनाना विलयन उदासीन न हो जाये
(C2H5NH3)2SnCl6 + 8 NaOH 2 C6H5NH2+6NaCl + Na2SnO3+5H2O
इस मिश्रण के वाष्प-आवसन से एनिलीन प्राप्त हो जाती है।
प्रश्न 22. प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीनों में किन्हीं पाँच बिंदुओं में विभेद कीजिये।
उत्तर⇒
परीक्षण | प्राथमिक ऐमीन | द्वितीयक ऐमीन | तृतीयक ऐमीन |
1. HNO2 से क्रिया 2.काबिल ऐमीन परीक्षण 3.मस्टर्ड ऑयल अभिक्रिया 4.ऐसिड क्लोराइड से क्रिया, जैसे - CH3COCl 5.ऐल्किल हैलाइड से क्रिया 6.हिन्सबर्ग परीक्षण (C6H5SO2Cl से क्रिया) | 1. N2 गैस निकलती है तथा ऐल्कोहॉल बनता है। 2. आइसोसायनाइड की दुर्गन्ध आती है। 3.ऐल्किल आइसो- थायोसायनेट देते हैं। 4. ऐसीटिल व्युत्पन्न बनता है। 5.द्वितीयक ऐमीन देते हैं। 6. मोनोऐल्किल सल्फोनमाइड देते हैं, जो KOH में विलेय है। | 1. नाइट्रोसो ऐमीन बनता है, जो लीबरमैन परीक्षण देता है । 2. कोई क्रिया नहीं । 3.डाइ थायो- कार्बनिक अम्ल देते हैं| 4. ऐसीटिल व्युत्पन्न बनता है। 5.तृतीयक ऐमीन देते हैं। 6.डाइऐल्किल- सल्फोनमाइड देते हैं, जो KOH में अविलेय है। | 1. ठण्डे में नाइट्राइट तथा गर्म करने पर ऐमीन ऑक्साइड देता है । 2. कोई क्रिया नहीं । 3.कोई क्रिया नहीं । 4. कोई क्रिया नहीं । 5. चतुष्क अमोनियम हैलाइड देता है । कोई क्रिया नहीं । |
प्रश्न 23. नाइट्रोबेंजीन बनाने की प्रयोगशाला विधि का समीकरण दीजिए एवं नाइट्रो-बेंजीन द्वारा होने वाली निम्नलिखित की रासायनिक अभिक्रिया दीजिए
(1) नाइट्रीकरण
(2) सल्फोनीकरण।
उत्तर⇒ प्रयोगशाला में नाइट्रोबेंजीन बनाना- प्रयोगशाला में नाइट्रोबेंजीन सान्द्र नाइट्रिक अम्ल और सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के मिश्रण द्वारा 60°C से कम ताप पर बेंजीन का नाइट्रीकरण करने से बनता है।
नाइट्रोबेंजीन की निम्न के साथ क्रिया
1. नाइट्रीकरण- नाइट्रोबेंजीन को सधूम HNO3 के साथ सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में गर्म करने पर m-डाइ नाइट्रोबेंजीन बनती है।
m-डाइ नाइट्रोबेंजीन का नाइट्रीकरण करने पर 1 , 3 , 5-ट्राइ नाइट्रोबेंजीन (T.N.B.) बनती है।
2. सल्फोनीकरण- नाइट्रोबेंजीन को सधूम H2SO4 के साथ गर्म करने पर m-नाइट्रोबेंजीन सल्फोनिक अम्ल बनता है।
प्रश्न 24. C4H11N के संभव समावयवी लिखिए।
उत्तर⇒
1. स्थान समावयवी
CH3-CH2-CH2-CH2-NH2 ब्यूटेन -1 अमीन
2. श्रृंखला समावयवी
3. मध्यावयवी
प्रश्न 25. C3H9N के संभव समावयवी लिखिए एवं समावयवता का प्रकार लिखिए।
उत्तर⇒
1. क्रियात्मक समूह समावयवता-
2. स्थान समावयवता-