बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 7 p-ब्लॉक के तत्व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 7 p-ब्लॉक के तत्व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > रसायन विज्ञान अध्याय 7 p-ब्लॉक के तत्व दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. सम्पर्क विधि से गंधकाम्ल उत्पादन के सिद्धान्त का समीकरण के साथ उल्लेख करें। SO SO4-- आयन का परीक्षण करें।

उत्तर⇒ गंधकाम्ल का निर्माण निम्नलिखित तीन चरणों में किया जाता है। ये चरण इस प्रकार हैं-

(i) SO2 का उत्पादन-सल्फर या आयरन पाइराइट को हवा की अधिकता में जलाकर SO2 गैस प्राप्त किया जाता है।

S+O2SO2

4FeS2+11O22Fe2O3+8SO2

(ii) V2O5उत्प्रेरक की उपस्थिति में SO2 को शुद्ध ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत कर SO2 को शुद्ध ऑक्सीजन से ऑक्सीकृत कर SO3 गैस बनाया जाता है।

2 SO2+O2⇋2SO3

(iii) SO3 को सल्फ्यूरिक अम्ल से प्रतिक्रिया कराकर ओलियम (H2S2O7) प्राप्त किया जाता है।

SO3+H2SO4H2S2O7

(iv) ओलियम से इच्छित सांद्रण का सल्फ्यूरिक अम्ल जल से तन कर प्राप्त किया जाता है।

H2S2O7+H2O2H2SO4

इस प्रकार सम्पर्क विधि से सल्फ्यूरिक अम्ल तीन चरणों में प्राप्त किया जाता है।

SO4-- आयन का परीक्षण- लवण के घोल में बेरियम क्लोराइड मिलाते हैं। बेरियम सल्फेट का श्वेत अवक्षेप प्राप्त होता है जो तनु HCl तथा   HNO3में अघुलनशील है।

  BaCl2+Na2SO4  BaSO4+2NaCl

  BaCl2+  HNO3अघुलनशील

प्रश्न 2. अमोनिया का औद्योगिक उत्पादन कैसे किया जाता है ? अथवा अमोनिया उत्पादन की हैबर विधि को लिखें।

(a) NH3 डाइड्रोजन बंध बनाती है, परन्तु PH3 नहीं बनाती क्यों ?

(b) हैलोजन प्रबंध ऑक्सीकारक क्यों होते हैं ?

उत्तर⇒ अमोनिया का बड़े पैमाने पर उत्पादन हैबर प्रक्रम के द्वारा किया जाता है। ला शैतलिए सिद्धान्त के अनुसार उच्च दाब अमोनिया उत्पादन के लिए अनुकूलतम परिस्थितियाँ  200 103 Pa    वायुमंडल दाब, 700K ताप तथा थोड़ी मात्रा में K2O तथा Al2O3  युक्त आयरन ऑक्साइड जैसा उत्प्रेरक का उपयोग होता है।

N2(g)+3H2(g)⇋2NH3(g)  =-66.01 kg/mol

           (a) नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण NH3  हाइड्रोजन बंधन बनाती है। परन्तु PH3  में H-बंध नहीं होती है। अमोनिया में N-H बंध के वैधुत ऋणात्मकता में अन्तर के कारण अत्यधिक ध्रुवीय होता है। ध्रुवता के कारण अमोनिया के अणुओं में अन्तराआणविक हाइड्रोजन बंध पाया जाता है लेकिन फॉस्फीन में नहीं होता है।

          (b) हैलोजन परिवार के सदस्य अणु व परमाणु दोनों रूप में अपनी इलेक्ट्रॉन लब्धि क्षमता के कारण प्रबल ऑक्सीकारक की तरह कार्य करती है।

X2+2 e-2X- 

जहाँ,X=Pf2,Cl,Br,I. 

प्रश्न 3. श्वेत फॉस्फोरस तथा लाल फॉस्फोरस के गुणों के मुख्य भिन्नताओं को लिखिए।

उत्तर⇒ फॉस्फोरस अपरूपता दर्शाता है। फॉस्फोरस का प्रमुख अपररूप श्वेत फॉस्फोरस है यह पारभासी श्वेत मोमी ठोस है जो जल में अघुलनशील परन्तु CS2 तथा बेंजीन में विलेय है यह अत्यन्त क्रियाशील व वायु में जल उठता है। अतः यह जल में रखा जाता है। यह अन्धेरे में भी चमकता है। इस गुण के कारण यह फॉस्फोरस कहलाता है। श्वेत फॉस्फोरस विविक्त चतुष्फलकीय P4 अणुओं से जुड़ कर बना होता है।

            जब श्वेत फॉस्फोरस को अक्रिय वातावरण में 573 K ताप पर कई दिनों तक गर्म किया जाता है तो लाल फॉस्फोरस बनता है। लाल फॉस्फोरस का गलनांक बिन्दु (870 K) उच्च होता है। घनत्व मान (2.16 g/mcm3) भी उच्च होता है। लाल फॉस्फोरस लोहे जैसी धूसर चमक वाला होता है। यह

            गन्धहीन, अविषैला तथा जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड में अविलेय होता है । यह श्वेत की तुलना में बहुत कम क्रियाशील है। यह अंधेरे में दीप्त नहीं होता है। यह बहुलकी होता है जिसमें P4 चतुष्फालक श्रृंखला के रूप में एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।

प्रश्न 4. आवर्त्त-सारणी के समूह -16 के तत्वों के सामान्य लक्षण का वर्णन करें।

उत्तर⇒ (i) समूह -16 में ऑक्सीजन, सल्फर, सेलिनियम, टेलूरीयम व पोलोनियम हैं।

8O , 16S,34Se,52Te एवं 84PO

(ii) समूह -16 के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में बाह्यतम कक्ष में ns2p4 (p-ब्लॉक के तत्व) होता है तथा इसके भीतर वाला कक्ष पूर्ण होता है। अतः सामान्य तत्वों के गुण प्रकट करते हैं।

(iii) 8O.......2,(2,4)-1s22s22p4

16S.......2,8,(2,4)-1s22s22p63s23p4

34Se.......2,8,18.(2,4)-1s22s22p63s23p63d104s24p4

52Te..............2,8,18,18(2,4)-1s22s22p63s23p63d104s24p64d105s25p4

84PO .........2,8,18,32,18(2,4)-1s22s22p63s23p63d104s24p64d104f145s25p65d106s26p4104s24p4

 

           (iv) प्रायः समूह -16 के तत्व अधातु हैं। जिनके गलनांक व क्वथनांक कम होते हैं।

           (v) समूह -16 के तत्व हाइड्रोजन से संयोग करके गैसीय हाइड्राइड बनाते हैं।

           जैसे-H2O,H2S,H2Se,H2Te,H2P,

           (vi) समूह -16 के तत्व संयोजकता 6 प्रकट करते हैं।

           (vii) ये ट्राइऑक्साइड बनाते हैं। ट्राइऑक्साइड अम्लीय होते हैं तथा क्षारों में घुलकर ऑक्सीलवण बनाते हैं।

           (viii) समूह -16  के सभी तत्व ऑक्सीक्लोराइड बनाते हैं जो कि सुगमता से जल अपघटित होकर ऑक्सी अम्ल देते हैं। पोलोनियम रेडियोएक्टिव तत्व है।

          SOCl2+2H2OH2SO4+2HCl

           सल्फ्यूरिल क्लोराइड

प्रश्न 5. ऑक्सीजन एवं सल्फर में समानता व असमानता बताइए।

उत्तर⇒ ऑक्सीजन-सल्फर ये समूह -16 के प्रारूपी तत्व हैं, अतः इनके गुणों में समानता प्रदर्शित होती है।

ऑक्सीजन एवं सल्फर में समानता 

(i) दोनों अधातु हैं।

(ii) सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान है।

8O=2 ,6

   16S=2,8,6

(iii) समान प्रकार के यौगिक बनाते हैं।

(iv) दोनों ही हाइड्रोजन से संयोग कर H2O  व H2S बनाते हैं।

(v) MO2 सूत्र के ऑक्साइड देते हैं, जैसे-O3,SO2

           ऑक्सीजन एवं सल्फर में असमानता-

           (i) भौतिक अवस्था-सल्फर पीले रंग का ठोस व ऑक्सीजन रंगहीन गंधहीन गैस है।

           (ii) प्राप्ति-सल्फर की अपेक्षा प्रकृति में ऑक्सीजन विस्तृत रूप से फैली हुई है।

           (iii) ऑक्सीजन की अधिकतम संयोजकता 2 तथा सल्फर की 6 है।

           (iv) CO2 एक रंगहीन गैस तथा CS2 एक गंधहीन द्रव है।

           (v) H2 से संयोग-विभिन्न प्रकार के यौगिक बनाते हैं।

                  H2O उदासीन रंगहीन, गंधहीन द्रव

            H2S अम्लीय, सड़े अण्डे की गंध वाली गैस

प्रश्न 6. ओजोन कैसे बनता है ? इनके गुण कौन-कौन हैं ?

उत्तर⇒ ठण्डी व शुष्क ऑक्सीजन में शांति विद्युत विसर्ग प्रवाहित करके ओजोन प्राप्त की जाती है।

3O2⇋ 3O3

विभिन्न प्रकार के उपकरण ओजोनाइजर प्रयुक्त किये गये हैं।

          ओजोन के गुण-भौतिक गुण-यह नीले रंग की सड़ी मछली जैसी गंधयुक्त गैस है। वायु से भारी है। जल में कम विलेय परंतु तरपीन के तेल में अत्यधिक घुलती है। -112°C तक ठण्डा करने पर नीले रंग के द्रव में बदलती हैं। (M.P. = -299.7°C)

रासायनिक गुण-

          (a) अपघटन-230°C पर गर्म करने पर O2 में अपघटित होती है।

2O3O2+O

          (b) ऑक्सीकारक गुण-चूँकि गर्म करने पर ऑक्सीजन परमाणु देती है। अतः यह एक प्रबल ऑक्सीकारक है।

          (i) काले लेड सल्फाइड को लेड सल्फेट में ऑक्सीकृत करती है।

           O3 O2+O]4

         PbS+4OPbSO4

—------------------------------------------

       PbS+4 O3PbS4+ 4O2

      काला                  सफ़ेद 

        (ii) पोटेशियम आयोडाइड को आयोडीन में ऑक्सीकृत करती है।

        2Kl+H2O+ O32KOH+ I2+ O2

          (iii) फेरस सल्फेट को फेरिक सल्फेट में, पोटेशियम मैगनेट को परमैंगनेट

में, फेरोसायनाइड को फेरीसायनाइड में ऑक्सीकृत करती है।

 

          O3                                 O2+O

          2FeSO4+ H2 SO4+O Fe2(S O4)3

—--------------------------------------------------------------

      2FeSO4+ H2 SO4+ O3 Fe2(S O4)3+ H2O+ O2

                         फेरस सल्फेट                                    फेरिक सल्फेट 

2K2MnO4+ H2O+ O3 2KMnO4+2KOH+ O2

           पोटेशियम मैगनेट                                             पोटेशियम परमैंगनेट

 

2K4[Fe(CN)6]  + H2O+ O32K3[Fe(CN)6] +2KOH+ O2

                पोटेशियमफेरोसायनाइड                                                         पोटेशियम फेरीसायनाइड

    (iv) इसी प्रकार नम आयोडीन को आयोडिक अम्ल में ऑक्सीकत। करता है।

        I2+ H2O5O32HIO3+5O2

    (v) सल्फर, फॉस्फोरस आदि को इनके अम्लों में ऑक्सीकृत करता है।

         O3                                 O2+O

         2P+3 H2O+5O 2H3P O4

—--------------------------------------------------------

         2P+3 H2O+5 O3 2H3P O4+5 O2

            S+ H2O+ 3O3 2H2S O4+ 3O2

          (vi) इसी प्रकार सोडियम नाइट्राइट को सोडियम नाइट्रेट में ऑक्सीकृत करता है।

            Na NO2+O3 Na NO3+ O2

          (c) अपचायक गण- O3 एक अवकारक भी है हाइड्रोजन पर ऑक्साइड को जल में तथा बेरियम परक्साइड को बेरियम ऑक्साइड में अपचयित करती है।

  H2O2+ O3 H2O+2 O2

BaO2+ O3BaO+2 O2

          (d) विरंजक गुण- यह रंगीन पदार्थों को ऑक्सीकृत कर रंगहीन कर देती है। नील तथा वानस्पतिक पदार्थों के रंग को उड़ा देती है।

O3 O2+O

रंग + O → रंगहीन

प्रश्न 7. सल्फर के अपरूपों का वर्णन करें।

उत्तर⇒ सल्फर के अनेक अपरूप हैं। इनके दो प्रमुख अपरूप हैं-

(i) अल्फा सल्फर या रोम्बिक सल्फर, (ii) बीटा सल्फर या मोनो क्लीनिक सल्फर।

          (i) अल्फा या रोम्बिक सल्फर – कमरे के ताप पर सबसे स्थायी अपरूप है। यह पीले रंग का होता है। इसका गलनांक (M.P.) = 385.8 K तथा घनत्व 2.06 gm / ml है। यह S8 के रूप में रहता है।

          निर्माण- रौल सल्फर को कार्बन डायसल्फाइड में घुलाकर घोल का वाष्पीकरण करने से रोम्बिक सल्फर बनता है। इसकी रचना मुकुट  की तरह होता है।

          यह जल में अघुलनशील है परंतु बेन्जीन, अल्कोहल तथा ईथर में अल्पघुलनशील है। परंतु CS2 में पूर्ण घुलनशील है।

          यह 369 K तक स्थायी है। इसके ऊपर गर्म करने पर यह मोनोक्लिनिक सल्फर में बदल जाता है।

प्रश्न 8. (a) N2O5में नाइट्रोजन की सहसंयोजकता क्या है ?

(b) N व Bi दोनों पेन्टाहैलाइड क्यों नहीं बनाते हैं जबकि फॉस्फोरस बनाता है, समझाइये।

उत्तर⇒ (a) N की सहसंयोजकता पेन्टाऑक्साइड में ( N2O5)4 है।

          (b)N व Bi दोनों भिन्न कारणों से पेन्टाहैलाइड नहीं बनाते हैं। तत्व N संयोजी कोश में रिक्त d – कक्षकों की अनुपस्थिति के कारण अपनी सहसंयोजकता 5 तक नहीं बढ़ा सकता। तत्व Bi बन्धन के लिए अनुपलब्ध संयोजी 6s इलेक्ट्रॉन के कारण (अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण) पेन्टाहैलाइड नहीं बनाता है। 3d– कक्षकों की उपलब्धता के कारण, तत्व P पेन्टाहैलाइड ( PCl5) बनाता है।

प्रश्न 9. SO2 ऑक्सीकरण व अपचायक दोनों की तरह कार्य करता है जबकि SO3 केवल ऑक्सीकारक की तरह कार्य करता है, समझाइये।

उत्तर⇒ SO2 में, सल्फर की ऑक्सीजन अवस्था +4 होती है। सल्फर के लिए अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था + 6 तथा न्यूनतम -2 है। चूंकि यह अपनी ऑक्सीकरण अवस्था में वृद्धि व कमी दोनों कर सकता है, इसलिए यह ऑक्सीकारक व अपचायक दोनों की तरह कार्य करता है। दूसरी ओर SO3 में  सल्फर की ऑक्सीकरण अवस्था + 6 होती है जो कि अधिकतर यह अपनी ऑक्सीकरण संख्या में केवल कमी कर सकता है, इसलिए SO3 केवल ऑक्सीकारक की तरह ही कार्य कर सकता है।

प्रश्न 10. प्रयोगशाला में नाइट्रोजन कैसे बनाते हैं ? संपन्न होनेवाली अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण को लिखिए।

उत्तर⇒ (i) N2 के विरचन की प्रयोगशाला विधि-जलीय अवस्था में अमोनिया क्लोराइड और सोडियम नाइट्राइट क्रिया कर N2 बनाते हैं। अभिक्रिया में थोड़ी मात्रा में NO और  HNO3बनाता है जिन्हें H2SO4और K2Cr2O7 की क्रिया से हटाया जाता है।

NH4Cl(aq)+ NaNO2(aq) N2(g)+NaCl(aq)+2 H2O

(ii) तापीय विघटन कर अमोनियम डाइक्रोमेट से बनाई जाती है।

(NH4)2Cr2O7N2(g)+4H2O(I)+Cr2O3

(iii) सोडियम या बेरियम एजाइड से शुद्ध N2 प्राप्त होती है।

Ba(N3)2Ba+3N2(g)

प्रश्न 11. पाइरोफॉस्फोरस व ऑर्थोफॉस्फोरस अम्ल में क्या समानता है ? अम्लों की संरचना लिखें।

उत्तर⇒ पाइरोफॉस्फोरस अम्ल (H4P2O7) है जो ऑर्थोफॉस्फोरस की विजलीय अवस्था है, इसे ऑर्थोफास्फोरस के दो अणुओं से एक जल अणु हटाने पर प्राप्त करते हैं।

2(H3PO4)H6P2O8  H4P2O7

प्रश्न 12. डाइबोरॉन की संरचना का वर्णन करें।

उत्तर⇒ डाइबोरेन ( B2H6) की संरचना- डाइबोरेन की संरचना बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आवश्यक इलेक्ट्रॉन (संयोजी) नहीं होते हैं। डाइबोरेन की संरचना को X-किरण विधि द्वारा ज्ञात करते हैं।

               डाइबोरॉन संरचना में कुल 16 इलेक्टॉनों की आवश्यकता होती है ताकि सभी आबंध अच्छी प्रकार से बन सकें। लेकिन केवल इलेक्ट्रॉन ही उपस्थित होते हैं। तीन-तीन प्रत्येक बोरॉन परमाणु से व एक-एक प्रत्येक हाइड्रोजन परमाणु से। इस प्रकार B2H6 इलेक्ट्रॉन कमी का यौगिक है। दो ब्रीज हाइड्रोजन परमाणु एक-दूसरे के लम्ब होते हैं। दोनों हाइड्रोजन परमाणु बोरॉन-परमाणुओं के इलेक्ट्रॉन से आबंध बनाते है। इस प्रकार यह संरचना 3e-3e संरचना होती है या बहु केन्द्र आबंध संरचना होती है। दोनों परमाणु नजदीक होने के कारण इनमें प्रतिकर्षण होता है। इस प्रतिकर्षण को कम करने के लिए ब्रीज आबंध बीच में बनता है।

प्रश्न 13. बोरॉन तत्व अपने ही वर्ग के दूसरे तत्वों से किस प्रकार भिन्न है ? सिलिकॉन व बोरॉन कौन-से गुणधर्म समान दर्शाते हैं ?

उत्तर⇒ बोरॉन परमाणु की अद्वितीय प्रकृति-क्योंकि बोरॉन का छोटा आकार होता है यह अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक होता है। बोरॉन अपने ही वर्ग के बाकी तत्वों से भिन्न गुणधर्म दर्शाता है। बोरॉन में बहुत से गुणधर्म सिलिकॉन से मिलते-जुलते हैं। ऐसा विकर्ण संबंध के कारण है।

                 बोरॉन के अद्वितीय गुण-1. बोरॉन अधातु है जबकि बाकी तत्व धातु गुण दर्शाते हैं। 2. बोरॉन विद्युत का कुचालक होता है जबकि दूसरे तत्व सुचालक होते हैं। 3. बोरॉन दो अवस्थाओं में पाया जाता है-(i) क्रिस्टल, (ii) अक्रिस्टल । 4. बोरॉन के क्वथनांक व गलनांक उच्च होते हैं। 5. बोरॉन केवल सहसंयोजी आबंध बनाता है। 6. बोरॉन के हाइड्रोक्साइड व ऑक्साइड अम्लीय होते हैं। 7. बोरॉन ट्राइहैलाइड एकल प्रकृति के होते हैं। 8. बोरॉन हाइड्राइड स्थायी होते हैं।

सिलिकॉन के साथ बोरॉन का विकिरण सम्बन्ध-

           1. दोनों अधातु गुण को दर्शाते हैं।

           2. सिलिकॉन व बोरॉन ऑक्साइड B2O3तथा SiO3 दोनों अम्लीय प्रकृति के होते हैं।

        B2O3+6NaOH2 Na3BO3+2 H2O

        SiO2+2NaOH2 Na3SiO3+ H2O

बोरेट व सिलिकेट्स चतुष्फलकीय ( BO4, SiO4) चतुष्फलकीय इकाइयाँ हैं।

           3. दोनों के क्लोराइड जल से क्रिया कर बोरिक अम्ल तथा सैलिसिक अम्ल बनाते हैं।

                 BCl3+3 N2O H3BO3+3HCl

                SiCl4+2 H2O H2SiO3+2HCl

           4. बोरॉन, सिलिकेट्स हाइड्राइड स्थायी होते हैं।

           5. बोरॉन बाइनरी यौगिक बनाता है। ऐसा बहुत से धातुओं के साथ मिलकर करता है।

                     3Mg+2B Mg3B2

                     3Mg+Si Mg2Si

इनमें से कुछ बोराइड व सिलिकॉन H3PO4 से क्रिया कर बोरॉन मिश्रण बनाते हैं।

Mg2B2+ H3PO4  मिश्रण

              B4H10 (मुख्य)

Mg2Si+ H3PO4  मिश्रण

6. बोरॉन व सिलिकॉन तत्व अर्धचालक हैं।

 

प्रश्न 14. SF6 ज्ञात यौगिक हैं लेकिन SCl6 अज्ञात हैं। समझाइये।

उत्तर⇒ क्लोरीन परमाणु का आकार बहुत बड़ा होता है। इसलिए 6 क्लोरीन परमाणु एक सल्फर परमाणु के साथ नहीं जुड़ सकते जबकि 6 फ्लोरीन परमाणु छोटे आकार के कारण जुड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त क्लोरीन फ्लूलोरीन की अपेक्षा कम विद्युत् ऋणता के कारण सल्फर रिक्त d कक्षकों में इलेक्ट्रॉन का अयुग्मन नहीं कर सकता है जबकि फ्लूलोरीन अपनी उच्च विद्युत् ऋणता के कारण ऐसा कर सकता है।

 

प्रश्न 15. Kl विलयन में Cl2 डालने से भूरे रंग के अवक्षेप बनते हैं परन्तु अधिक मात्रा में Cl2डालने से रंगहीन हो जाता है क्यों ?

उत्तर⇒   Cl2 एक प्रबल ऑक्सीकारक है I2 की तुलना में Kl विलयन को ऑक्सीकृत कर I2 बनता है। जिससे भूरा रंग उत्पन्न होता है।

2Kl(aq)+Cl2(aq)2KCl(aq)+ I2(s)

             यदि अधिक मात्रा में Cl2 गैस गुजारी जाती है तथा I2  ऑक्सीकृत हो जाता है जिससे HIO3  बनता है जो रंगहीन है।

SCl2 +I2+6 H2O10HCl+2 HIO3     

प्रश्न 16. नाइट्रोजन की क्रियाशीलता फॉस्फोरस से भिन्न क्यों है ?

उत्तर⇒  नाइट्रोजन की क्रियाशीलता फॉस्फोरस तुलना में भिन्न-भिन्न । कारणों से की है

(i) आकार छोटा

(ii) उच्च आयनन एन्थैल्पी तथा वैद्युतऋणात्मकता

(iii) d-कक्षक की अनुपस्थिति

(iv) नाइट्रोजन में pπ – Pπ बहुआबंध बनाने की क्षमता होती है जो स्वयं तथा दूसरे परमाणुओं के साथ बना सकता है।

प्रश्न 17. क्या PCl5 ऑक्सीकारक और अपचायक दोनों कार्य कर सकता है ? तर्क दीजिए।

उत्तर⇒   PCl5 अणु में फॉस्फोरस की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था + 5 है। यह कम होकर + 3 भी हो सकती है। अतः यह ऑक्सीकारक की भांति कार्य कर सकता है।

PCl3+ H2             PCl3+2HCl    

PCl5+2Ag             2AgCl+ PCl3

          क्योंकि PCl5 में फॉस्फोरस की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था है इसलिए इससे और अधिक ऑक्सीकरण अवस्था नहीं हो सकती।

प्रश्न 18. क्यों डाइऑक्सीजन एक गैस है जबकि सल्फर एक ठोस है ?

उत्तर⇒ ऑक्सीजन के छोटे आकार के कारण ऑक्सीजन पर उपस्थिति अआबंध इलेक्ट्रॉन में प्रतिकर्षण होता है जबकि S-S में सल्फर का आकार बड़ा होने के कारण प्रतिकर्षण कम होता है। परिणामस्वरूप O-O आबंध के लिए वियोजन ऊर्जा कम होती है। दूसरे शब्दों में सल्फर सहआबंध की उच्च योग्यता रखता है। तथा pπ – pπ आबंध के लिए उच्च योग्यता रखता है।

         ऑक्सीजन प्रबल स्थायी द्विपरमाणु O2 अणु बनाता है। जबकि ऑक्सीजन ऐसा नहीं करता।

प्रश्न 19. सिलिकोल क्या है ?

उत्तर⇒  वैसा संश्लिष्ट पदार्थ जिसमें Si-O-Si बंध उपस्थित रहता है. सिलिकोल कहलाता है। सिलिकोल में  R2SiOकी पुनरावर्ती इकाई होती है।

                 सिलिकोल का प्रयोग, सील लगाने, ग्रीज के रूप में तथा विद्युतरोधी के रूप में होता है।

सिलिकोल  R2SiCl2के जल अपघटन के फलस्वरूप प्राप्त होता है।

प्रश्न 20. आप बोरॉन (B) और एलुमिनियम (AI) ऑक्साइड कैसे बनायेंगे ?

उत्तर⇒ बोरॉन (B) के ऑक्साइड बोरॉन को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाने से प्राप्त होता है।

4B+3O22B3O3

ऐलुमिनियम का ऑक्साइड एलुमिनियम को ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाने से तैयार होता है।

4Al+3O22Al2O3

प्रश्न 21. क्या कारण है कि :

(i) XeF3 और XeF5 जैसे फ्लोराइड जिनॉन नहीं बनाता।

(ii) आदर्श गैसों में केवल जिनॉन यौगिक बनाता है।

उत्तर⇒  (i) जिनॉन के सभी उपकक्षक पूर्ण भरे हैं sp उपकक्षक से 5Cl उपकक्षक में इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन से दो, चार या छह उपकक्षक अर्द्धपूर्ण हो जाते हैं। इसलिए जिनॉन सम संख्या में फ्लोरीन परमाणुओं से आबंध बनाकर फ्लोराइड बनाता है। लेकिन XeF3 और XeF5  जैसे फ्लोराइड नहीं।

                 (ii) रेडॉन एक रेडियोएक्टिव तत्व है ? जिनॉन की आयनन ऊर्जा बाकी आदर्श गैसों से कम है। यह आसानी से क्रिया कर रसायन यौगिक बनाता है।

प्रश्न 22. सिलिका ( SiO2) से आप क्या समझते हैं ? सिलिका का शुद्धतम रूप क्या है ? सिलिका को प्रयोगशाला में किस प्रकार बनाया जा सकता है ? दो भिन्न विधियों का वर्णन करें।

उत्तर⇒ SiO2 को सिलिका कहते हैं। यह प्रकृति में बालू की तरह विस्तार रूप में बँटा हुआ है।

सिलिका का शुद्ध रूप- प्रयोगशाला में सिलिका का निर्माण-

(i) सिलिकन टेट्राक्लोराइड SiCl4 के जल अपघटन द्वारा-

SiCl4+4H2OH4SiO4+4HCl

H4SiO4 SiO2+2H2O