बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 1 वैद्धुत आवेश तथा क्षेत्र लघु उत्तरीय प्रश्न
Launch Your Course Log in Sign up
Menu
Classes
Competitive Exam
Class Notes
Graduate Courses
Job Preparation
IIT-JEE/NEET
vidyakul X
Menu

बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 1 वैद्धुत आवेश तथा क्षेत्र लघु उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > भौतिक विज्ञान अध्याय 1 वैद्धुत आवेश तथा क्षेत्र

 लघुउत्तरीय प्रश्न

1. वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को परिभाषित कीजिए तथा इसका I. मात्रक लिखिए।

उत्तर- वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण इसकी रचना करने वाले किसी एक आवेश तथा उनके बीच की दूरी के गुणनफल के बराबर होता है। 

अर्थात् 

                        p = q x 2l

यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा ऋणावेश से धनावेश की ओर होती है। इसका S.I. मात्रक कूलॉम मीटर है।

Download this PDF

2. बलों के अध्यारोपण का सिद्धान्त क्या है?

उत्तर- “यदि किसी निकाय में अनेक आवेश हों, तो उनमें से किसी एक आवेश पर बल, अन्य आवेशों के कारण अलग-अलग बलों को सदिश योग होता है, यही बलों के अध्यारोपण का सिद्धान्त कहलाता है।”

3. इलेक्ट्रॉन वोल्ट की परिभाषा दीजिए तथा इसका संख्यात्मक मान जूल में व्यक्त कीजिए।

उत्तर- एक इलेक्ट्रॉन वोल्ट वह ऊर्जा है जो किसी इलेक्ट्रॉन से 1 वोल्ट विभवान्तर द्वारा त्वरित होने पर अर्जित होती है।

अर्थात् 1 इलेक्ट्रॉन वोल्ट = 1.6 x 10-19 जूल

4. एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन एक समान वैद्युत क्षेत्र में रखे गए हैं। किसका त्वरण अधिक होगा और क्यों? 

उत्तर- इलेक्ट्रॉन का त्वरण अधिक होगा, क्योंकि प्रोटॉन की अपेक्षा इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान कम होता है।

5. किसी आवेशित कण के भार को एक वैद्युत-क्षेत्र द्वारा किस प्रकार सन्तुलित किया जाता है? 

उत्तर- कण पर आवेश की प्रकृति के अनुसार उस पर वैद्युत-क्षेत्र ऐसी दिशा में लगाकर, ताकि उसके कारण कण पर लगने वाला वैद्युत बल ऊर्ध्वाधरत: ऊपर की ओर अर्थात् कण के भार की विपरीत दिशा में कार्य करे तथा परिमाण में इसके बराबर हो।

6. आवेशित खोखले गोलाकार चालक के भीतर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कितनी होती है?

उत्तर- आवेशित खोखले गोलाकार चालक के भीतर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है?

7. वैद्युत स्थितिकी में गाउस का प्रमेय लिखिए।

उत्तर- गॉस का नियम : वह नियम है जो विद्युत आवेश के वितरण एवं उनके कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र में संबंध स्थापित करता है। 

इस नियम के अनुसार, “किसी बंद तल से निकलने वाला विद्यत फ्लक्स उस तल द्वारा घिरे हुए कुल विद्युत आवेश की मात्रा का

 1/3 0 गुणा होता है।

8. स्थिर वैद्यत परिरक्षण क्या है? इसका उपयोग लिखे।

उत्तर- स्थिर विद्युत परीक्षण-स्थिर वैद्युत परिरक्षण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी आंतरिक charge क्षेत्र को बाहरी विद्युत क्षेत्र से बचाया जाता है। इसे Faraday पिंजरा भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में फैराडे पिंजरा किसी बाहरी विद्युत क्षेत्र को कार्यान्वित होने से रोक देता है, जिसके आंतरिक क्षेत्र के contents पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 

उपयोग :- इस प्रक्रिया का उपयोग विद्युत उपकरणों में किया जाता है। 

9. आवेश +q1, +q2, और –q3, के पास रखे बन्द सतह ABC पर विद्युतक्षेत्र के फ्लक्स का मान क्या होगा? 

उत्तर- कुल फ्लक्स शून्य होगा, क्योंकि सतह के अंदर कुल Charge  शून्य है।

10. वायुमण्डल वैद्युत उदासीन नहीं होता है समझाइए क्यों? 

उत्तर- वायुमंडल वैद्युत जिसमें वायुमण्डल में उपस्थित विद्युत आवेश के बारे में अध्ययन करते हैं। पृथ्वी की सतह, वायुमंडल तथा आयनोस्पेयर के बीच आवेशों की गति को global atmospheric electrical circuit ‘ जानते हैं। वायुमंडल वैद्युत एक प्रकार का Topic है, जिसमें electrostatics atmospheric physics, meterology & earth science के बारे में study करते हैं। इस प्रकार वायुमंडल वैद्युत उदासीन नहीं होता है।

11. विद्युत फ्लक्स को परिभाषित करें। इसकेSI मात्रक को लिखिए-

उत्तर– किसी सतह के हर बिंदु पर वैद्युत तीव्रता परिभाषित हो, तो सतह के अभिलंब क्षेत्रफल सदिश के साथ तीव्रता सदिश का आपस गुणनफल ही वैद्युत फ्लक्स कहलाता है। 

विद्युत फ्लक्स का SI मात्रक = (विद्युत-क्षेत्र का SI मात्रक) (क्षेत्रफल का SI मात्रक) 

= (V m-1)/ (m) = V.m.

12. जब काँच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते हैं तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी प्रकार की परिघटना का वस्तुओं के अन्य युग्मों में भी प्रेक्षण किया जाता है। स्पष्ट कीजिए कि यह प्रेक्षण आवेश संरक्षण नियम से किस प्रकार सामंजस्य रखता है?

उत्तर- घर्षण द्वारा आवेशन की घटनाएँ आवेश संरक्षण नियम के साथ पूर्ण सामंजस्य रखती हैं। जब इस प्रकार की किसी घटना में दो उदासीन वस्तुओं को रगड़ा जाता है तो दोनों वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं। घर्षण से पूर्व दोनों वस्तुएँ उदासीन होती हैं अर्थात् उनका कुल आवेश शून्य होता है। इस प्रकार के सभी प्रेक्षणों में सदैव यह पाया गया है कि एक वस्तु पर जितना धनावेश आता है, दूसरी वस्तु पर उतना ही ऋणावेश आता है। इस प्रकार घर्षण द्वारा आवेशन के बाद भी दोनों वस्तुओं का नेट आवेश शून्य ही बना रहता है।

13.  स्थिर विद्युत-क्षेत्र रेखा एक सतत वक्र होती है अर्थात कोई क्षेत्र रेखा एकाएक नहीं टूट सकती क्यों?

उत्तर-  विद्युत-क्षेत्र रेखा वह वक्र है जिसके प्रत्येक बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है। ये क्षेत्र रेखाएँ सतत वक्र होती हैं अर्थात् किसी बिन्दु पर एकाएक नहीं टूट सकतीं, अन्यथा उस बिन्दु परे विद्युत-क्षेत्र की कोई दिशा ही नहीं होगी, जो असम्भव है।

14. स्पष्ट कीजिए कि दो क्षेत्र रेखाएँ कभी-भी एक-दूसरे का प्रतिच्छेदन क्यों नहीं करतीं?

उत्तर:  दो विद्युत-क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेदित नहीं कर सकतीं; क्योंकि इस स्थिति में कटान बिन्दु पर दो स्पर्श रेखाएँ खींची जाएँगी जो उस बिन्दु पर विद्युत-क्षेत्र की दो दिशाएँ प्रदर्शित करेंगी जो असम्भव है।

15.जब कांच की छड़ को रेशमी कपड़े से रगड़ा जाता है तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी तरह की घटना शरीर के कई अन्य जोड़े के साथ देखी जाती है। समझाइए कि यह प्रेक्षण किस प्रकार आवेश संरक्षण के नियम के अनुरूप है।

उत्तर:  रगड़ने से दो पिंडों पर समान परिमाण के लेकिन विपरीत प्रकृति के आवेश उत्पन्न होते हैं क्योंकि आवेश जोड़े में बनते हैं। आवेशन की इस घटना को घर्षण द्वारा आवेशन कहते हैं। दो रगड़े हुए पिंडों के तंत्र पर कुल आवेश शून्य होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विपरीत आवेशों की समान मात्रा एक दूसरे का सत्यानाश करती है। कांच की छड़ को रेशमी कपड़े से रगड़ने पर दोनों शरीरों पर विपरीत प्रकृति के आवेश प्रकट होते हैं। यह घटना ऊर्जा के संरक्षण के कानून के अनुरूप है। इसी तरह की घटना शरीर के कई अन्य जोड़े के साथ देखी जाती है।

16.आवेशों का संरक्षण क्या है?

उत्तर: एक विगलित निकाय का विद्युत आवेश संरक्षित रहता है। इसमें न उत्पन्न किया जा सकता है और न नष्ट ही । इसे दिखलाने के लिए एक ग्लास छड़ तथा सिल्क कपड़ा लेते हैं। दोनों को आपस में रगड़ा जाता है। इसके.ग्लास छड़ (+ve) आवेश तथा सिल्क पर (-ve) आवेश उत्पन्न होता है। दोनों पर आवेश का मान समान रहता है। अतः निकाय का कुल आवेश शून्य रहता है। यही शून्य आवेश, रगड़ने के पहले भी रहता था। यह आवेश के सरंक्षण को दिखलाता है।

 17:कथन 'एक शरीर का विद्युत आवेश परिमाणित होता है' का अर्थ स्पष्ट करें।

उत्तर:  किसी निकाय का विद्युत आवेश परिमाणित होता है। इसका अर्थ है कि केवल पूर्णांक (1, 2, …., n ) इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक शरीर से दूसरे शरीर में स्थानांतरित की जा सकती है। शुल्क अंश में स्थानांतरित नहीं किए जाते हैं। इसलिए, एक निकाय के पास केवल विद्युत आवेश के अभिन्न गुणकों में कुल आवेश होता है।

18. मैक्रोस्कोपिक यानी बड़े पैमाने के शुल्कों के साथ व्यवहार करते समय कोई विद्युत आवेश के परिमाणीकरण की उपेक्षा क्यों कर सकता है?

उत्तर:  मैक्रोस्कोपिक या बड़े पैमाने के आवेशों में, विद्युत आवेश के परिमाण की तुलना में उपयोग किए जाने वाले आवेश बहुत अधिक होते हैं। इसलिए, मैक्रोस्कोपिक पैमाने पर विद्युत आवेश का परिमाणीकरण किसी काम का नहीं है। इसलिए, इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है और यह माना जाता है कि विद्युत आवेश निरंतर है।

 19.एक इलेक्ट्रोस्टैटिक फील्ड लाइन एक निरंतर वक्र है। यानी, एक फील्ड लाइन में अचानक ब्रेक नहीं हो सकते। क्यों ?

उत्तर: एक इलेक्ट्रोस्टैटिक फील्ड लाइन एक निरंतर वक्र है क्योंकि एक इलेक्ट्रोस्टैटिक क्षेत्र में पता लगाने पर चार्ज एक निरंतर बल का अनुभव करता है। क्षेत्र रेखा में अचानक विराम नहीं हो सकता क्योंकि आवेश निरंतर चलता रहता है और एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर नहीं जाता है।

20.स्पष्ट कीजिए कि दो क्षेत्र रेखाएँ किसी भी बिंदु पर एक दूसरे को क्यों नहीं काटती हैं?

उत्तर: यदि दो क्षेत्र रेखाएँ एक दूसरे को किसी बिंदु पर काटती हैं, तो विद्युत क्षेत्र की तीव्रता उस बिंदु पर दो दिशाएँ दर्शाएगी। यह नहीं हो सकता। अतः दो क्षेत्र रेखाएँ कभी भी एक दूसरे को नहीं काटती हैं।

21.किसी वैद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु पर विभव एवं तीव्रता में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर:किसी विद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु पर विभव एवं तीव्रता में निम्नलिखित अंतर है-

       वैद्युत तीव्रता                              बैद्युत विभव

(i) किसी विद्युत क्षेत्र में किसी बिन्दु    (i) वैद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु

पर तीव्रता उस बिन्दु पर रखे इकाई     पर इकाई धन आवेश को

धन आवेश पर लगने वाला बल है।      अनन्त से उस बिन्दु तक लाने

                                                   में संपादित कार्य होता है।

(ii) यह एक सदिश राशि।                 (ii) यह एक अदिश राशि है।

(iii)इसका S.I. मात्रक                       (iii) इसका S.I. मात्रक  

 न्यूटन/कूलम्ब-1   होता है।                     वोल्ट (volt) होता है।

 

22.क्या कूलम्ब का नियम एक सार्वत्रिक नियम है?

उत्तर: कूलम्ब का नियम सार्वजनिक नियम नहीं है क्योंकि यह आवेशों के बीच के माध्यम पर निर्भर करता है। यह नियम विरामावस्था में बिन्दु आवेश के लिए लागू होता है।

23.विद्युत क्षेत्र क्या है? किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक प्राप्त करें।

उत्तर:विद्युत क्षेत्र -क्षेत्र में स्थिति किसी बिन्दु पर के इकाई धन आवेश पर क्षेत्र के कारण जितना काम लगता है उसे उस बिन्दु पर “विद्युत क्षेत्र” कहते हैं।

व्यंजक:- मान लिया कि A एक चालक है। इस पर आवेश +Q है। इसमें r दूरी पर P एक बिन्दु है। P पर इकाई धन आवेश की कल्पना करते हैं।

A के कारण P पर बल = 14∏ε0  Qr2

 

     

∴ P पर विद्युत क्षेत्र = 14∏ε0  Qr2

यदि A और P के बीच हवा न रहकर कोई दूसरा माध्यम हो तो

P पर विद्युत क्षेत्र =14∏ε0  Qr2

इसका मात्रक  न्यूटन/कूलम्ब-1  है।

24.ऊन से रगड़े जाने पर कोई पॉलीथीन का टुकड़ा 3 x 10-7 C के ऋणावेश से आवेशित पाया गया। क्या ऊन से पॉलीथीन में संहति का स्थानान्तरण भी होता है?

उत्तर:  हाँ, ऊन से पॉलीथीन पर द्रव्यमान का स्थानान्तरण होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन, जो द्रव्य कण हैं, ऊन से पॉलीथीन पर विस्थापित होते हैं।

m = प्रत्येक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1 x 10-31kg,

n = 1.875 x 1012

पॉलीथीन पर स्थानान्तरित कुल द्रव्यमान M = m x n = 91 x  10-31 kg x 1.875 x 1012

= 1.71 x1018 kg

25.किसी काले बॉक्स के पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स 8.0 x103 Nm2Cहै। यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी फ्लक्स शून्य है तो क्या आप यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बॉक्स के भीतर कोई आवेश नहीं है? क्यों, अथवा क्यों नहीं?

उत्तर:  यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी वैद्युत फ्लक्स शून्य है, तो इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि बॉक्स के अन्दर कोई आवेश नहीं है। हो सकता है कि बॉक्स के अन्दर समान मात्रा में धनावेश तथा ऋणावेश दोनों उपस्थित हों, जो एक-दूसरे के प्रभाव को निरस्त कर देंगे अर्थात् बॉक्स के अन्दर नेट आवेश शून्य हो जाएगा और हमें ऐसा प्रतीत होगा कि बॉक्स के अन्दर कोई आवेश नहीं है।