बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 10 तरंग प्रकाशिकी लघु उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 10 तरंग प्रकाशिकी लघु उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > भौतिक विज्ञान अध्याय 10 तरंग प्रकाशिकी

लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. प्रकाश के व्यतिकरण से आप क्या समझते हैं ?   

           अथवा

प्रकाश के व्यतिकरण की परिभाषा एवं प्रकार लिखिए।

उत्तर: प्रकाश का व्यतिकरण – जब समान आवृत्ति की दो प्रकाश तरंगें किसी माध्यम में एक ही दिशा में गमन करती हैं तो उनके अध्यारोपण के फलस्वरूप प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन हो जाता है। इस घटना को प्रकाश का व्यतिकरण कहते हैं।

व्यतिकरण के प्रकार – व्यतिकरण दो प्रकार के होते हैं- संपोषी व्यतिकरण और विनाशी व्यतिकरण।

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2. समझाइये कि व्यतिकरण की घटना ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुकूल है।

अथवा

दो तरंगों के व्यतिकरण होने में कुछ बिन्दुओं की ऊर्जा शून्य हो जाती है। क्या इस ऊर्जा का क्षय हो जाता है ?

उत्तर: व्यतिकरण की घटना में व्यतिकरण तरंगों की कुल ऊर्जा नियत रहती है। इसमें ऊर्जा का केवल पुनर्वितरण होता है। न्यूनतम तीव्रता के स्थान पर जितनी ऊर्जा विलुप्त होती है, उतनी ही अतिरिक्त ऊर्जा अधिकतम तीव्रता के स्थान पर प्रकट हो जाती है। अत: व्यतिकरण की घटना ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुकूल है।

3. कला सम्बद्ध स्रोत क्या है ? दो स्रोतों के कला सम्बद्ध होने के लिए शर्ते लिखिए।

उत्तर: कला सम्बद्ध स्रोत-ऐसे स्रोतों को कला सम्बद्ध स्रोत कहते हैं, जिनसे निकलने वाली तरंगों की आवृत्तियाँ समान होती हैं तथा कलान्तर नियत (अथवा शून्य) होता है। प्रकाश स्रोतों के कला सम्बद्ध होने के लिए निम्न शर्ते हैं-

दोनों स्रोतों की आवृत्तियाँ बराबर हों। कलान्तर शून्य अथवा नियत हो।

4. यंग के द्विस्लिट प्रयोग में यदि एकवर्णी प्रकाश का तरंगदैर्ध्य बढ़ा दिया जाये तो फ्रिज चौड़ाई पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर:

सूत्र, फ्रिंज चौड़ाई                              β = λDd से ,

स्पष्ट है कि  यदि D व d नियत हों, तो

                                                      β ∝ λ

अर्थात् यदि प्रकाश का तरंगदैर्घ्य λ बढ़ा दिया जाये, तो फ्रिंज चौड़ाई β का मान बढ़ जायेगा।

5. यदि कला सम्बद्ध प्रकाश स्रोतों के बीच की दूरी कम कर दी जाये तो फ्रिंज चौड़ाई पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर: यदि कला सम्बद्ध प्रकाश स्रोतों के बीच की दूरी कम कर दी जाये तो फ्रिंज चौड़ाई बढ़ जायेगी।

 (क्योंकि β ∝  1d)

6. यंग के द्विस्लिट प्रयोग में यदि पर्दे को स्लिट से दूर हटाया जाये, तो क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर:

   सूत्र                                      β = λDd   से,

                                               β ∝ D.

अतः पर्दे को स्लिट से दूर हटाने पर फ्रिंज की चौड़ाई बढ़ जायेगी।

7. यंग के द्विस्लिट प्रयोग में फ्रिंज चौड़ाई पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यदि यह प्रयोग वायु के स्थान पर जल में किया जाये ?

उत्तर:

फ्रिज चौड़ाई  β = λDd  से स्पष्ट है कि यदि D और d नियत हों, तो

                                                      β ∝ λ

चूँकि जल में प्रकाश का तरंगदैर्घ्य λ का मान कम हो जाता है, अत: फ्रिंज चौड़ाई β का मान कम हो जायेगा।

8. यंग के द्विस्लिट प्रयोग में व्यतिकरण फ्रेंजों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यदि एकवर्णी प्रकाशस्रोत श्वेत प्रकाश-स्रोत से प्रतिस्थापित किया जाता है ?

अथवा 

यंग के द्विस्लिट प्रयोग में श्वेत प्रकाश का उपयोग करने पर केवल श्वेत और अदीप्त फ्रिंज प्राप्त होती हैं। क्या यह कथन सत्य है ? क्यों ?

उत्तर: श्वेत प्रकाश सात रंगों से बना होता है। जब एकवर्णी प्रकाश-स्रोत श्वेत प्रकाश-स्रोत से प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो केन्द्रीय चमकीली फ्रिंज की स्थिति सभी रंगों के लिए एक ही होती है। अतः केन्द्रीय फ्रिंज श्वेत होती है। अन्य चमकीली फ्रिजों की स्थिति भिन्न-भिन्न रंगों के लिए भिन्न-भिन्न होती है। अतः अन्य फ्रिजें रंगीन बनती हैं। बैंगनी रंग का तरंगदैर्घ्य λ सबसे कम तथा लाल रंग का तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक होता है। अत: बैंगनी रंग की फ्रिंज की कोणीय चौड़ाई सबसे कम तथा लाल रंग की प्रिंज की कोणीय चौड़ाई सबसे अधिक होती है। अत: प्रत्येक फ्रिज का वह किनारा जो केन्द्रीय फ्रिंज की ओर होता है, बैंगनी तथा दूसरा किनारा लाल दिखाई देता है।

9. यंग के द्विस्लिट प्रयोग में व्यतिकरण फ्रिंजों पर क्या प्रभाव पड़ेगा यदि इनमें से एक स्लिट को बन्द कर दिया जाये ?

उत्तर: ऐसा करने से व्यतिकरण प्रतिरूप के स्थान पर विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त होगा। फ्रिन्जे समदूरस्थ नहीं होंगी तथा इनकी तीव्रता क्रमशः घटती जायेगी।

10. जब नीचे उड़ता हुआ वायुयान ऊपर से गुजरता है, तो कभी-कभी टी.वी. स्क्रीन का चित्र कुछ हिलते हुए दिखाई देता है, क्यों?

उत्तर: नीचे उड़ता हुआ वायुयान टी. वी. सिग्नल को परावर्तित कर देता है। सीधे आने वाले सिग्नल और परावर्तित सिग्नल में व्यतिकरण हो जाता है, जिससे चित्र कुछ हिलते हुए दिखाई देते है।

11. साबुन के बुलबुले रंगीन दिखाई देते हैं, क्यों?

उत्तर: बुलबुले की ऊपरी सतह और निचली सतह से परावर्तित किरणें एक-दूसरे के साथ व्यतिकरण

करती हैं। संपोषी व्यतिकरण और विनाशी व्यतिकरण का बनना तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है। श्वेत प्रकाश सात – रंगों से मिलकर बना होता है। अत: बुलबुला रंगीन दिखाई देता है।

12. प्रकाश के विवर्तन की परिभाषा तथा प्रकार लिखिए।

                                                  अथवा

प्रकाश के विवर्तन कितने प्रकार के होते हैं ? इनके उदाहरण दीजिए। 

उत्तर: जब प्रकाश किसी छोटे छिद्र से होकर गुजरता है या उसके मार्ग में कोई महीन वस्तु (अवरोध) जैसे-बाल, तार इत्यादि आ जाती है, तो प्रकाश किनारे पर मुड़ जाता है।

तीक्ष्ण धार वाले किनारों पर प्रकाश के इस प्रकार के मुड़ने की घटना को प्रकाश का विवर्तन कहते हैं।

विवर्तन  के प्रकार – विवर्तन दो प्रकार का होता है-

फ्रेनेल विवर्तन, फ्रॉनहॉफर विवर्तन।

उदाहरण-

फ्रेनेल विवर्तन- ऋजुकोर द्वारा प्राप्त विवर्तन।

फ्रॉनहॉफर विवर्तन- एकल स्लिट द्वारा प्राप्त विवर्तन।

13. प्रकाश सरल रेखा में संचरित होता हुआ प्रतीत होता है, क्यों?

उत्तर:

प्रकाश सरल रेखा में संचरित होता हुआ प्रतीत होता है,क्योंकि प्रकाश का तरंगदैर्घ्य कम होता है।

14. विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त करने के लिए स्लिट के द्वारक और तरंगदैर्ध्य में क्या सम्बन्ध होना चाहिए?

उत्तर: विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त करने के लिए स्लिट के द्वारक को प्रकाश के तरंगदैर्घ्य के क्रम का होना चाहिए।

15. ऊँचे अवरोध के दोनों ओर खड़े व्यक्ति एक-दूसरे को देख नहीं सकते किन्तु एक-दूसरे की आवाज सुन सकते हैं। क्यों ?

उत्तर: तरंगों के विवर्तन के लिए यह आवश्यक है कि अवरोध का आकार तरंग की तरंगदैर्घ्य की कोटि का होना चाहिए। ध्वनि का तरंगदैर्घ्य अवरोध के आकार का कोटि का होता है। अत: ध्वनि तरंगें विवर्तित होकर व्यक्तियों तक पहुँच जाती है और वे एक-दूसरे की आवाज सुन लेते हैं।

प्रकाश का तरंगदैर्घ्य बहुत कम होता है। जबकि अवरोध का द्वारक बहुत अधिक है अत: प्रकाश तरंगें विवर्तित नहीं हो पातीं। फलस्वरूप वे एक-दूसरे को देख नहीं पाते।

16. प्रकाश के ध्रुवण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर: प्रकाश तरंग द्वारा तरंग संचरण की दिशा के चारों ओर सममिति की कमी को प्रदर्शित करना प्रकाश का ध्रुवण कहलाता है।

17. समतल ध्रुवित और अध्रुवित (सामान्य) प्रकाश में अन्तर लिखिए। 

अथवा

समतल ध्रुवित प्रकाश किसे कहते हैं ?

उत्तर: समतल ध्रुवित और अध्रुवित (सामान्य) प्रकाश में अन्तर-

समतल ध्रुवित प्रकाश

अधुवित प्रकाश

1. इस प्रकाश में विद्युत् वेक्टर के कम्पन तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् तल में केवल एक ही दिशा में होते हैं।

इस प्रकाश में विद्युत् वेक्टर के कम्पन तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् तल में प्रत्येक दिशा में समान रूप से अर्थात् समरूप होते हैं ।

2. यदि इस प्रकाश को पोलेरॉइड में से गुजारा जाये तथा पोलेरॉइड को प्रकाश किरणों के परितः घुमाया जाये तो प्रकाश की तीव्रता विशेष स्थितियों में अधिकतम तथा विशेष स्थितियों में न्यूनतम होती है।

यदि इस प्रकाश को पोलेरॉइड में से गुजारा जाये तथा पोलेरॉइड को प्रकाश किरणों के परितः घुमाया जाये तो प्रकाश की तीव्रता में कोई परिवर्तन नहीं होता।


18. तरंग प्रकाशिकी का सिद्धान्त क्या है ?

                               अथवा

प्रकाश का तरंग सिद्धान्त क्या है ?

उत्तर: प्रकाश का तरंग सिद्धान्त-    सन् 1678 में हॉलैण्ड के वैज्ञानिक क्रिश्चियन हाइगन ने प्रकाश संचरण से सम्बन्धित तरंग सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था जो निम्नलिखित हैं-

सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में काल्पनिक माध्यम ईथर व्याप्त है। यह भारहीन तथा समांगी होता है। इसका घनत्व बहुत ही कम तथा प्रत्यास्थता बहुत अधिक होती है।

जब किसी स्रोत से प्रकाश ऊर्जा निकलती है तो ईथर में तरंगें उत्पन्न हो जाती हैं और इस प्रकार तरंगों के द्वारा प्रकाश का संचरण होता है।

ये तरंगें सभी दिशाओं में अत्यधिक वेग (3 × 108 मीटर/सेकण्ड) से चलती हैं।

विभिन्न रंगों का आभास तरंगदैर्ध्य में अन्तर के कारण होता है।

प्रारम्भ में प्रकाश तरंग को अनुदैर्ध्य माना गया था, किन्तु बाद में ध्रुवण की व्याख्या करने के लिए इसे अनुप्रस्थ माना गया।

19. प्रकाश तरंगें ध्रुवित हो सकती हैं, किन्तु ध्वनि तरंगें नहीं, क्यों?

            अथवा

ध्रुवण किस प्रकार की तरंगों में संभव है ?

उत्तर: ध्रुवण की घटना केवल अनुप्रस्थ तरंगों में ही सम्भव है। प्रकाश तरंगें अनुप्रस्थ एवं ध्वनि तरंगें तरंगदैर्ध्य तरंगें होती हैं। अतः प्रकाश तरंगें ध्रुवित हो सकती हैं, ध्वनि तरंगें नहीं।

20.ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुप्रस्थ नहीं होती है। प्रमाण दीजिए।

उत्तर: ध्वनि तरंगों में ध्रुवण की घटना सम्भव नहीं है। ध्रुवण की घटना केवल अनुप्रस्थ तरंगों में ही होती है, तरंगदैर्घ्य तरंगों में नहीं। इससे सिद्ध होता है कि ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुप्रस्थ नहीं होती।

21. व्यतिकरण और विवर्तन की परिघटनाओं से ध्रुवण की परिघटना किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर: व्यतिकरण और विवर्तन की परिघटनाएँ अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य दोनों प्रकार की तरंगों में होती हैं जबकि ध्रुवण की परिघटना केवल अनुप्रस्थ तरंगों में ही होती है।

22. X – किरणों, ध्वनि तरंगों और रेडियो तरंगों में किन-किन तरंगों का ध्रुवण सम्भव है और क्यों?

उत्तर: X – किरणों और रेडियो तरंगों का ध्रुवण सम्भव है, क्योंकि ये अनुप्रस्थ तरंगें हैं।

23. ध्रुवण कोण से क्या तात्पर्य है ? किसी पारदर्शी माध्यम के लिए यह किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ?

उत्तर: ध्रुवण कोण – आपतन कोण के उस न्यूनतम मान को, जिसके लिए परावर्तित प्रकाश पूर्णत: ध्रुवित होता है, ध्रुवण कोण कहते हैं। किसी पारदर्शी माध्यम के लिए ध्रुवण कोण

(i) माध्यम के अपवर्तनांक और

(ii) आपतित प्रकाश के तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है।

24. बुस्टर का नियम क्या है ?

उत्तर: इस नियमानुसार, किसी माध्यम का अपवर्तनांक μ ध्रुवण कोण ip की स्पर्शज्या के बराबर होता है। सूत्र के रूप में, 

                                            n = tan ip

25. व्यतिकरण और विवर्तन में अंतर लिखिए। 

उत्तर: व्यतिकरण और विवर्तन में अंतर :- 

क्र.सं.

              व्यतिकरण

                    विवर्तन

1.

दो कला संबद्ध स्रोतों से आने वाली प्रकाश तरंगों के अध्यारोपण से व्यतिकरण प्राप्त होता है।

एक ही तरंगाग्र के विभिन्न बिंदुओं से आने वाली द्वितीयक तरंगिकाओं के अध्यारोपण से विवर्तन प्राप्त होता है।

2.

व्यतिकरण प्रतिरूप में सभी दीप्त फ्रीजों की तीव्रता समान होती है।

विवर्तन प्रतिरूप में सभी दीप्त फ्रीजों की तीव्रता घटती जाती है।

3.

व्यतिकरण फ्रीजों की चौड़ाई समान भी हो सकती है अथवा नहीं भी हो सकती।

विवर्तन फ्रीजें की चौड़ाई कभी भी समान नहीं होती हैं।

4.

व्यतिकरण प्रतिरूप में सभी अदीप्त फ्रीज की तीव्रता बहुत कम या शून्य होती है।

विवर्तन प्रतिरूप में निम्निष्ट की तीव्रता कभी भी शून्य नहीं होती है।