बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 12 परमाणु लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. रदरफोर्ड के-कण प्रकीर्णन के प्रायोगिक निरीक्षण का क्या निष्कर्ष प्राप्त हुआ ?
उत्तर:- निष्कर्ष –
(i) परमाणु के सभी धनात्मक आवेश अत्यल्प भाग में संकेन्द्रित होते है।
(ii) पूरे द्रव्यमान थोड़े भाग में ही संकेन्द्रित होते हैं, जिनका आकार का भाग 1/10000 वाँ भाग होता है उसे नाभिक कहा जाता है।
(iii) नाभिक के चारों ओर का स्थान व्यावहारिक रूप से रिक्त होता है। सोने के नाभिक प्रकीर्णित प्रक्रिया में स्थिर होते हैं।
α- कण का परिणाम F = 140 . 2Zer2
(iv) α-कणों के प्रकीर्णन की कुल संख्या तथा प्रकीर्णन कोण के बीच का ग्राफ परमाणु के नाभिक मॉडल के आधार पर होता है।
2. कैथोड किरणें क्या है ? समझाएँ।
उत्तर:⇒ कैथोड किरणें – कैथोड किरणें बहुत से इलेक्ट्रॉनों के तेजगामी प्रवाह हैं जो सभी तत्त्वों में विद्यमान है।
(i) इनकी खोज सर्वप्रथम गोल्डस्टीन ने तरंग प्रवृत्ति के रूप में की।
(ii) ये ऋण आवेशयुक्त होती है।
(iii) इनके मात्रा तथा आवेश इलेक्ट्रॉन के बराबर है। अर्थात इनका आवेश 1.6 x 10-19 C तथा 9.1 x 10-31 kg है।
जब विसर्ग नली का दाब लगभग 10-2 से 10-3 पारे के मिमी तथा उच्च विभवांतर इनके इलेक्ट्रोडों के बीच आरोपित होता है, तो कुछ अदृष्य किरणें कैथोड से निकलती है तथा नली के दीवार पर प्रदीप्ति उत्पन्न करती है कैथोड किरणें कहलाती है।
3. उत्तेजित ऊर्जा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: ⇒ उत्तेजित ऊर्जा – उत्तेजित ऊर्जा, ऊर्जा का वह परिमाण है जो एक इलेक्ट्रॉन को ग्राउंड अवस्था से परमाणु के किसी एक उत्तेजित अवस्था में कूदने में लगता है।
हम जानते हैं कि हाइड्रोजन परमाणु के ग्राउंड अवस्था (n = 1) में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा E1 = -13.6eV है, प्रथम उत्तेजित अवस्था में (n = 2) में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा E2= -3.4 eV है।
अतः हाइड्रोजन परमाणु के प्रथम उत्तेजित ऊर्जा
E2–E1= -3.4 – (-13.6) = 10.2 eV
अतः 10.2eV को प्रथम उत्तेजित विभव कहा जाता है।
4.आयनीकरण विभव क्या है ?
उत्तर: आयनीकरण ऊर्जा – आयनीकरण ऊर्जा वैसी आवश्यक ऊर्जा है, जिसके परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन को बाहर निकाला जाता है। जब इलेक्ट्रॉन को बढ़ाकर कक्षा n = ∞ में ले जाया जाता है, तो वह परमाणु से पूर्णतः बाहर हो जाता है। इसलिए हाइड्रोजन परमाणु के आयनीकरण ऊर्जा n = 1 कक्षा से n = ∞ कक्षा में छोड़ने में आवश्यक ऊर्जा के बराबर होता है।
अर्थात् आयनीकरण ऊर्जा = E∞ – E1 = 0 – (-13.6) = 13.6 eV
अतः हाइड्रोजन परमाणु का आयनीकरण विभव = 13.6 eV है।
5. प्रकाश का फोटो सेल क्या है ?
उत्तर: फोटो सेल एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है। यह प्रकाश विद्युत प्रभाव के सिद्धांत पर बनी रहती है। यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है -
(i) प्रकाश उत्सर्जक सेल (ii) प्रकाश वोल्टीय सेल ।
6. प्रकाश फोटो सेल का उपयोग बताइए |
उत्तर: प्रकाश फोटो सेल का उपयोग –
(i) सिनेमाओं में ध्वनि के पुनः उत्पादन में ।
(ii) टेलीविजन तथा फोटोग्राफी में।
(iii) अंतरिक्ष Solar battery द्वारा विद्युत उत्पन्न में।
(iv) सड़कों पर बत्तियों के अपने-आप जलने या बुझने में तथा Crossing पर signal देने के काम में।
(v) दरवाजों को अपने आप खोलने तथा बंद करने में।
(vi) बैंक, खजानों इत्यादि में चोरों की सूचना देने के काम में।
(vii) मौसम विज्ञान विभाग में दिन के प्रकाश की तीव्रता मापने के काम में।
(viii) तारों के ताप मापने के काम में।
7. 2.3eV ऊर्जा अन्तर किसी परमाणु में दो ऊर्जा स्तरों को पृथक कर देता है। उत्सर्जित विकिरण की आवृत्ति क्या होगी यदि परमाणु में इलेक्ट्रॉन उच्च स्तर से निम्न स्तर में संक्रमण करता है?
हल: दिया है, ∆E = 2.3 eV= 2.3 x 1.6 x 10-19 जूल;
h = 6.62 x 10-34जूल-सेकण्ड
विकिरण की आवृत्ति ν = ?
∆E= hv
v = ∆Eh = 2.3 x 1.6 x 10-196.62 x 10-34 = 5.57x 1014 Hz
8. हाइड्रोजन परमाणु की निम्नतम अवस्था में ऊर्जा -13.6 eV है। इस अवस्था में इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जाएँ क्या होंगी?
हल: H2 परमाणु की मूल ऊर्जा
E = -13.6 ev
गतिज ऊर्जा EK = -E = 13.6 ev
स्थितिज ऊर्जा EP = 2 EK = 2x 13.6 ev
EP = - 27.2ev
9.परमाणु में इलेक्ट्रॉन की स्थायी कक्षा किसे कहते हैं तथा उसकी शर्त क्या होती है?
उत्तर: कुछ निश्चित त्रिज्याओं की कक्षाएँ जिनमें घूमता इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का उत्सर्जन नहीं करता है, स्थायी कक्षाएँ कहलाती हैं। इन कक्षाओं में घूमते इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग h/2π का पूर्ण गुणक होता है। अर्थात्
mνr= nh/2π
(जहाँ, n = 1, 2, 3, …)
10.परमाणु में इलेक्ट्रॉन की स्थायी कक्षा की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: इलेक्ट्रॉन की स्थायी कक्षा वह होती है जिसमें घूमते हुए इलेक्ट्रॉन ऊर्जा उत्सर्जित नहीं करता। इन कक्षाओं में घूमते इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग, h/2π को पूर्ण गुणज होता है, जहाँ h प्लांक नियतांक है। इसे क्वाण्टम प्रतिबन्ध कहते हैं।
11.किसी परमाणु के उत्तेजन विभव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: वह न्यूनतम त्वरक विभव जो किसी इलेक्ट्रॉन को इतनी ऊर्जा प्रदान कर सके कि वह किसी परमाणु से टकराने पर उसे निम्नतम ऊर्जा-स्तर से ठीक आगे वाले ऊर्जा-स्तर में उत्तेजित कर सके, परमाणु का प्रथम उत्तेजन विभव कहलाता है।
12.आयनन ऊर्जा की परिभाषा दीजिए। हाइड्रोजन परमाणु के लिए इसका मान क्या है?
उत्तर: यदि किसी परमाणु को निम्नतम अथवा मूल अवस्था में +13.6eV ऊर्जा बाहर से दी जाए तो परमाणु की कुल ऊर्जा = -13.6eV +13.6 eV = 0 हो जाएगी अर्थात् परमाणु आयनित अवस्था में पहुँच जाएगा। यह बाह्य ऊर्जा ही परमाणु की आयनन ऊर्जा कहलाती है। हाइड्रोजन परमाणु के लिए इसका मान 13.6 eV होगा।
13.हाइड्रोजन परमाणु की आयनन ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
हल: हाइड्रोजन परमाणु की nवीं कक्षा में ऊर्जा En= -13.6n2 अतः आयनित अवस्था (n = ∞] में ऊर्जा E∞= 0
परमाणु की निम्नतम अवस्था (n= 1) में ऊर्जा E1 = – 13.6 eV
अत: यदि परमाणु को निम्नतम अथवा मूल अवस्था में 13.6 eV ऊर्जा बाहर से दी जाये, तो परमाणु की कुल ऊर्जा =- 13.6 eV+ 13.6 eV = 0 हो जायेगी अर्थात् परमाणु आयनित अवस्था में पहुँच जायेगा।।
14.हाइड्रोजन परमाणु की बॉमर श्रेणी की रेखाओं की आवृत्ति के लिए सूत्र लिखिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन परमाणु की बॉमर श्रेणी की रेखाओं की आवृत्ति
v = RC 122-1n2
15.हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में बॉमर श्रेणी की द्वितीय रेखा की तरंगदैर्घ्य रिडबर्ग नियतांक R के पदों में लिखिए।
हल: बॉमर श्रेणी के लिए , 1 = R 122-1n2
द्वितीय रेखा के लिए n= 4
1 = R 122-142
1 = R 316
1 = 163R m
16.संतत (अविरत) स्पेक्ट्रम व रेखीय स्पेक्ट्रम में अन्तर बताइए।
उत्तर: रेखीय स्पेक्ट्रम:
इस प्रकार के स्पेक्ट्रम में काली पृष्ठभूमि पर केवल कुछ चमकीली रंगीन रेखाएँ प्राप्त होती हैं। इन्हें स्पेक्ट्रमी रेखाएँ कहते हैं, जिनकी संख्या तथा तरंगदैर्घ्य केवल लिये गए तत्त्व पर निर्भर करती है, किसी अन्य राशि पर नहीं।
अविरत या संतत स्पेक्ट्रम:
इस स्पेक्ट्रम में लाल रंग से लेकर बैंगनी तक सभी रंगों की सभी तरंगदैर्ध्य विद्यमान रहती हैं। इसमें सभी रंग एक सिरे से दूसरे सिरे तक एक बिना टूटी हुई पट्टी के रूप में उपस्थित रहते हैं, अर्थात् इन स्पेक्ट्रमों में यह बताना कठिन है कि एक रंग कहाँ समाप्त हो रहा है। और दूसरा रंग कहाँ से आरम्भ हो रहा है। पास-पास के रंग एक-दूसरे में इस प्रकार विलीन रहते हैं कि दो रंगों के बीच कोई निश्चित पृथक्कारी रेखा नहीं होती।
17.मान लीजिए कि स्वर्ण पन्नी के स्थान पर ठोस हाइड्रोजन की पतली शीट का उपयोग करके आपको ऐल्फा-कण प्रकीर्णन प्रयोग दोहराने का अवसर प्राप्त होता है। (हाइड्रोजन 14K से नीचे ताप पर ठोस हो जाती है।) आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं?
उत्तर: हाइड्रोजन परमाणु का नाभिक एक प्रोटॉन है जिसका द्रव्यमान (1.67 x 10-27 kg) α – कण के द्रव्यमान (6.64 x 10-27kg) की तुलना में कम है। यह हल्का नाभिक भारी α -कण को प्रतिक्षिप्त नहीं कर पाएगा; अतः α-कण सीधे नाभिक की ओर जाने पर भी वापस नहीं लौटेगा और इस प्रयोग में α-कण का बड़े कोणों पर विक्षेपण भी नहीं होगा।
18.हाइड्रोजन परमाणु को निम्नतम अवस्था से दूसरी उत्तेजित अवस्था तक उत्तेजित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा कितनी होगी?
उत्तर: निम्नतम अवस्था में ऊर्जा E1 = -13.6 eV
दूसरी उत्तेजित अवस्था में कर्जा E3 = -1.85 eV
आवश्यक ऊर्जा ∆E = E3 - E1
∆E = (-1.85 eV) - (-13.6 eV)
∆E = 11.75 eV
19.बोर का आवृत्ति प्रतिबंध क्या है?
उत्तर: जब कोई इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा अवस्था E2 से निम्न ऊर्जा अवस्था E1 में संक्रमण करता है तो उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति निम्न सूत्र से मिलेगी-
hv = E2 - E1
20.हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की उन श्रेणियों के नाम लिखिए जो अवरक्त क्षेत्र में आती हैं।
उत्तर: अवरक्त क्षेत्र में आने वाली श्रेणियाँ हैं- पाश्चन श्रेणी, ब्रेकेट श्रेणी, फुण्ड श्रेणी आदि।
21.हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की उस - श्रेणी का नाम लिखिए जो विद्युत चुम्बकीय तरंगों के स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र में आती हैं?
उत्तर: बॉमर श्रेणी की प्रथम चार रेखाएँ Hα, Hß, Hγ व Hδ तरंगों के स्पेक्ट्रम के दृश्य क्षेत्र में आती हैं।
22.परमाणु के रदरफोर्ड मॉडल की दो कमियाँ लिखिए।
उत्तर: रेखीय वर्णक्रम की व्याख्या करने में असफल
परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या करने में असफल
23.हाइड्रोजन परमाणु के लिए नील्स बोर के कोई दो अभिगृहीत लिखिए।
उत्तर: बोर की प्रथम अभिगृहीत:
(i) परमाणु में इलेक्ट्रॉन निश्चित त्रिज्याओं की कक्षाओं में नाभिक के चारों ओर परिक्रमण करते हैं, इन कक्षाओं में परिक्रमण करते समय इलेक्ट्रॉन विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित नहीं करते हैं। ये विशिष्ट कक्षाएँ 'स्थायी कक्षाएँ' कहलाती हैं।
(ii) इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर केवल उन्हीं कक्षाओं में रह सकता है जिनके लिए कोणीय संवेग का मान h2 का पूर्ण गुणज होता हैं।
24.बोर मॉडल की दो सीमाएं लिखिए।
उत्तर: बोर मॉडल की दो सीमाएँ-
इस सिद्धांत द्वारा केवल एक इलेक्ट्रॉन वाले परमाणु जैसे - हाइड्रोजन, आयनित हीलियम आदि की ही व्याख्या की जा सकती हैं।
यह सिद्धांत परमाणु में इलेक्ट्रॉन वितरण संबंधी कोई सूचना नहीं देता है।
25.बोर सिद्धांत के अनुसार इलेक्ट्रॉन की स्थायी कक्षा से क्या आशय है तथा इसके लिए शर्त क्या है?
उत्तर: बोर के अनुसार इलेक्ट्रॉन की स्थायी कक्षा वह होती है, जिसमें घूमते हुए इलेक्ट्रॉन ऊर्जा उत्सर्जित नहीं करता।
शर्तं: इन कक्षाओं में घूमते इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग h2 का पूर्ण गुणज होता है। जहाँ h प्लांक नियतांक हैं। इसे क्वाण्टम प्रतिबंध कहते हैं।