बिहार बोर्ड कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 10 मानव कल्याण मे सूक्ष्मजीव लघु उत्तरीय प्रश्न
Launch Your Course Log in Sign up
Menu
Classes
Competitive Exam
Class Notes
Graduate Courses
Job Preparation
IIT-JEE/NEET
vidyakul X
Menu

बिहार बोर्ड कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 10 मानव कल्याण मे सूक्ष्मजीव लघु उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > जीव विज्ञान अध्याय 10 मानव कल्याण मे सूक्ष्मजीव

प्रश्न 1. मृदा मे उपसतिथ सूक्ष्म जीवों मे टिप्पणी लिखिए। 

उत्तर: मृदा में सूक्ष्म जीव में अनेक प्रकार के सूक्ष्मजीवी जैसे शैवाल, जीवाणु, कवक, प्रोटोजोआ, ऐक्टिनोमाइसिटीज, आदि पाये मृदा जाते हैं। मृदा के भौतिक व रासायनिक गुण मृदा पर्यावरण को निर्धारित करते हैं और मृदा पर्यावरण सूक्ष्मजीवों की सख्या, प्रकार, प्रकृति आदि को निर्धारित करता है। मृदा की उर्वरता उसके रासायनिक संघटन के अतिरिक्त उसमें उपस्थित सूक्ष्मजीवियों की प्रकृति व संख्या पर निर्भर करती हैं। ये सूक्ष्म जीव विभिन्न कार्बनिक आदि पदार्थों को अपघटित करके उनको ह्यूमस में बदलते हैं। अतः अधिक कार्बनिक पदार्थ होने पर इनकी संख्या भी अधिक होती है; जैसे कृष्य भूमि में सूक्ष्मजीवियों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक होती है।

Download this PDF

प्रश्न 2. डायरी उद्योग मे काम आने वाले जीवाणुओ के नाम बताए। 

उत्तर: डेरी उद्योग में – मक्खन, पनीर, दही आदि बनाने में जीवाणुओं की विभिन्न जातियों का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण- लैक्टोबैसीलस लैक्टिस, स्ट्रेप्टोकॉकस आदि। विभिन्न जीवाणु दूध की लैक्टोस शर्करा पर किण्वन क्रिया करके उसमें लैक्टिक अम्ल बना देते हैं जिससे वह खट्टा हो जाता है।

प्रश्न 3. नाइट्रोजन चक्र कर महत्वपूर्ण जीवाणुओ के नाम बताए। 

उत्तर: नाइट्रोजन यौगिकीकरण: (1) सहजीवी: 
(a) लेग्यूमिनस पौधों की जड़ों पर गुलिकाओं में रहने वाले राइजोबियम लेग्यूमिनोसैरम 

(b) साइकोट्रिया की पत्तियों पर उपस्थित गुलिकाओ क्लेबसिएला
(ii) स्वतन्त्रजीवी या मृतजीवी जीवाणु
क्रोमैटियम, क्लोरोबियम, क्लॉस्ट्रीडियम पाश्चूरियेनम, एजोटोबैक्ट, स्यूडोमोनास

B. अमोनीकरण: बैसीलस मायको,, बै० वल्गैरि, क्लॉस्ट्रीडियम
C. नाइट्रीफिकेशन: नाइट्रोसोमोनास, नाइट्रोबैक्टर नाइट्रोसोकॉकस,

D. डीनाइट्रफिकेशन: थायोवैसीलस डीनाइट्रफिकैन्स, माइक्रोकॉकस डोनाइट्रिफिकैन्स

प्रश्न 4. खाद के रूप मे कौन से सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर: खाद के रूप में- समुद्री शैवाल बहुतायत से प्रयोग में लाये जाते हैं। इनमें पोटैशियम, नाइट्रोजन इत्यादि के यौगिक प्रचुर मात्रा में होते हैं। क्षारीय ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए नॉस्टॉक, साइटोनीमा, सिलिण्ड्रोस्पर्मम, ऑलोसिरा आदि नील हरित शैवालों का उपयोग किया जाता है। एनाबीनॉप्सिस , स्पाइरुलीना आदि को झीलों आदि से एकत्र करके खाद के रूप में उपयोग में लाते हैं।
भूमि उद्धार के लिए बंजर भूमि जो क्षारीय होती है नील हरित शैवाल, जैसे- नॉस्टॉक , ऑलोसिरा, साइटोनीमा आदि को उगाने से नाइट्रोजन उर्वरता बढ़ने के साथ ही लावित अम्ल तथा पौधों की मृत्यु के बाद गलन से उत्पन्न अम्लीय पदार्थ भूमि की लवणता तथा क्षारीयता को कम करते हैं। ये श्लेष्मी प्रकृति के कारण भूमि की नमी को बनाये रखते हैं। 

प्रश्न 5. मेथेनजन किसे कहते है?

उत्तर: कुछ जीवाणु जो सेल्यूलोजीय पदार्थों का अवायवीय अपघटन करते हैं, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) तथा हाइड्रोजन (H2) के साथ-साथ काफी अधिक मात्रा में मीथेन गैस (CH4) भी उत्पन्न करते हैं। सामूहिक रूप से इन जीवाणुओं को मीथेनोजेन कहते हैं। इन जीवाणुओं में सामान्यतः पाया जाने वाला जीवाणु मीथेनोबैक्टीरियम होता है। 

प्रश्न 6. बाइओ गैस संयंत्र मे डएजेस्टर क्या होता है?

उत्तर: बायो गैस संयन्त्र  12-15 फीट गहरा एक बड़ा टैंक, डायजेस्टर होता है जिसमें गोबर युक्त कर्दम भरी जाती है। इसके ऊपर एक सचल  ढापन रखा जाता है। जो सूक्ष्मजीवी सक्रियता के कारण कर्दम के कार्बनिक पदार्थों के अपघटन से उत्पन्न गैस (बायो गैस) के बनने के फलस्वरूप ऊपर की और उठता है।

प्रसन 7. एण्टीबायोटिक उत्पन्न करने वाले दो जीवाणुओं के नाम बताइये।

उत्तर- (i) स्ट्रेप्टोमाइसेस ग्रीसस —जिससे स्ट्रेप्टोमाइसि नामक प्रतिजैविक निकाला जाता है
(ii) बैसीलस पॉलीमिक्सा - जिससे पॉलोमिक्सिन प्रतिजैविक प्राप्त होता है।

प्रश्न 8.  ल्यूवेनहाँक के योगदान का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- एण्टोनी वैन ल्यूवेनहॉक - हॉलैण्ड निवासी ल्यूवेनहॉक को जीवाणुओं को सर्वप्रथम देखने का श्रेय प्राप्त है। इन्होंने स्वयं के बनाये हुये सूक्ष्मदर्शी द्वारा पानी की एक बूंद में अनेक सूक्ष्मजीवों को देखा था। सन् 1683 में देखे गये ये सूक्ष्मजीव आज जीवाणु के रूप में जाने जाते हैं।

प्रश्न 9. क्या कारण है कि फलीदार पौधों (लेग्यूम) के लिए नाइट्रोजनयुक्त खाद बहुत आवश्यक नहीं होती।

उत्तर- लेग्यूमिनोसी कुल के पौधों अर्थात् फलीदार पौधों या लेग्यूम्स को जड़ों में गाँठें होती हैं। इनमें राइजोबियम लेग्यूमिनोसैरम नामक सहजीवी जीवाणु होते हैं। ये जीवाणु वायुमण्डल की नाइट्रोजन से नाइट्रोजन के यौगिक बनाते हैं। ये यौगिक पौधों को प्राप्त हो जाते हैं। इसलिये इन पौधों को नाइट्रोजनयुक्त खाद की अधिक आवश्यकता नहीं होती।

प्रश्न 10 - पौधों के साथ पौधों की सहोपकारिता के दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर-सहयोग करने वाली दोनों जातियों को एक-दूसरे से आपस में लाभ हो तो ऐसे जीवन को सहजीवन कहते हैं तथा ऐसे जीवों को सहजीवी कहते हैं। इनके उदाहरण लाइकेन्स  मे मिलते है जिनमे कवक तथा शैवाल का अत्यधिक घनिष्ठ, स्थायी तथा अनिवार्य सहजीवन मिलता है। इसी प्रकार लेग्यूमिनस पौधों की जड़ों पर ग्रन्थिकाओं में उपस्थित नाइट्रोजन स्थिरीकारी जीवाणु, राइजोबियम लेग्युमिनोसैरम सहजीवी है।

प्रश्न 11.  कवक मूल (माइकोराइजा ) का क्या अर्थ है? ये कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर—अनेक आवृतबीजी तथा अनावृतबीजी पौधों की जड़ों पर प इनके अन्दर कवक पाये जाते हैं। बाहर पाये जाने वाले कवक अपना जाल एक आवरण के रूप में बना लेते हैं तथा इनके कुछ सूत्र बाह्य कोशिकाओं के अन्दर भी प्रवेश पा जाते हैं। ऐसे कवक आवरणों को बहिर्मुखी कवक मूल कहते हैं। कुछ पौधों की जड़ों को ऊतकों में (अन्दर) पाये जाने वाले इस प्रकार के कवक परान्तः पोषित कवक मूल कहलाते हैं।

प्रश्न 12. LAB का पूरा नाम बताइये। हल्के गर्म दूध में जब LAB मिलाया जाता है तो वह जमना प्रारम्भ हो जाता है। LAB के दो अन्य लाभ और बताइये।

उत्तर- लैक्टिक एसिड जीवाणु (LAB = lactic acid bacteria)

1. दूध को जमाने के अतिरिक्त यह दूध को पोषकता भी बढ़ाता है क्योंकि यह दूध में (दही में विटामिन B12 की मात्रा बढ़ा देता है।

2. यह जीवाणु (LAB) आहारनाल मे रोगजनक सूक्ष्मजीवियों  को भी नियंत्रित करने मे सहायता करता है। 

प्रश्न 13. जलाक्रांत खेत में नास्टॉक एवं एनाबीना जैसे शैवालों की आबादी अधिक हो जाने से खेत किस प्रकार प्रभावित होगा ?

उत्तर— नास्टॉक एवं एनाबीना नाइट्रोजन स्थिरीकारी नील हरित शैवाल है। ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा ऊर्जा की में पूर्ति करते हैं। इनका प्रयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है। इनके प्रयोग से खेतों में नाइट्रोजन की उपलब्धता बढ़ जाती है जिससे उत्पादन बढ़ता है।

प्रश्न 14- सहजीवी कवकमूलीय संबंध के पोषक पादक के लिए चार लाभ लिखिए।

उत्तर- (i) कवक जल एवं लवण उपलब्ध कराता है।

(ii) रोगजनकों के प्रति रोधकता उत्पन्न कराते है।

(iii) जल अवशोषण करते हैं।

(iv) ये लेग्यूम में गुलिका निर्माण प्रेरित करते हैं।

प्रश्न 15. ह्यूमस किसे कहते है?

उत्तर: पौधों के विभिन्न मृत भागो जैसे-पत्तियां जड़े, भूमिगत तने इत्यादि जन्तुओं के मृत शरीर या भाग, उत्सर्जी पदार्थ आदि मृदा में प्राप्त होते हैं। ये सब कार्बनिक

पदार्थ गलने तथा सड़ने  के कारण काले-भूरे पदार्थों में बदल जाते हैं। मिट्टी का यही भाग ह्यूम कहलाता है। इसके निर्माण में विभिन्न सूक्ष्म जीवो  का विशेष योगदान होता है। ये

जीव प्रमुखतः जीवाणु, विभिन्न कवक तथा प्रोटोजोआ आदि होते हैं तथा क्षय अपघटन आदि क्रियाओं के द्वारा इसका निर्माण करते है। किसी वन में भूमि पर उपस्थित पौधों के व्यर्थ पदार्थों को संचित रूप में करकट कहते हैं। करकट के नीचे आंशिक रूप में अपघटित करकट को डफ कहते हैं और अधिक अपघटित डफ को ही ह्यूमस कहा जाता है।

प्रश्न 16. कर्दम किसे कहा जाता है?

उत्तर: सेल्यूलोज का अपघटन करने वाले ये जीवाणु कार्बनिक पदार्थ युक्त अवायवीय गाढ़े कीचड़ तथा कार्बनिक पदार्थं युक्त व दुर्गन्ध युक्त सड़ते हुए स्थिर जल में अत्यधिक संख्या में पाये जाते हैं। इन स्थानों में प्रायः गैस के बुलबुले निकलते हुए देखे जाते हैं जिन्हें भ्रमवश उगने वाले हरे पौधों द्वारा उत्पन्न ऑक्सीजन समझ लिया जाता है। इस प्रकार के जीवाणु पशुओं के आमाशय के प्रारम्भिक भाग रूमेन में भी पाये जाते हैं जहां ये अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध सेल्यूलोज़ को तोड़ने का कार्य करते हैं; अतः पशुओं के गोबर  में भी ये जीवाणु प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसीलिए बायो गैस उत्पन्न करने वाले संयन्त्र में अन्य पदार्थों जैसे वाहित मल, कार्बनिक अपशिष्ट, सड़े-गले कार्बनिक पदार्थ आदि के साथ भी काफी मात्रा में गोबर मिलाया जाता है। इसको कर्दम (slurry) कहा जाता है।

प्रश्न 17. अवायवीय आपंक संपचित्र क्या होता है?

उत्तर: वाहित मल (व्यर्थ जल) का बी०ओ०डी० जब पर्याप्त मात्रा में घट जाता है तो बहिःस्राव को निःसादन टैंक में भेज देते हैं जहाँ जीवाणुओं को अत्यधिक उपस्थिति उसे अवसाद के रूप में बदल देते हैं। यह अवसाद सक्रिय आपंक कहा जाता है। सक्रिय आपक के थोड़े से भाग को निवेश द्रव्य की तरह वायवीय टैंक में पम्प कर दिया जाता है, शेष आपक एक बड़े टैंक में भेजा जाता है। यह एक संपाचित्र की तरह कार्य करता है और अवायवीय आपक संपाचित्र  कहलाता है। यहाँ जीवाणुओं की अवायव प्रजातियां क्रिया करती है तथा समस्त कार्बनिक पदार्थों को पंचाकर बायोगैस का निर्माण करती है। इसका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जा सकता है।

प्रश्न 18. खनिजीकरन किसे कहते है?

उत्तर: खनिजीकरण-  अकार्बनिक तथा कुछ कार्बनिक पदार्थ जो अब वाहितमल में निलम्बित या घुलित अवस्था में रह जाते हैं, का ऑक्सीकरण करके अकार्बनिक पदार्थों में बदला जाता है। यह क्रिया खनिजीकरण कहलाती है। इस क्रिया के लिए ऑक्सीजन या तो कृत्रिम रूप से प्राथमिक उपचार से प्राप्त वाहितमल प्राथमिक बहिःसाय के अन्दर प्रविष्ट की जाती है। 

प्रश्न 19. स्विस चीज बनाने के लिए किस जीव का उपयोग किया जाता है? वैज्ञानिक नाम बताइये।

उत्तर- स्विस चीज बनाने में जीवाणु प्रोपिओनिबैक्टीरियम शारमैनाई का उपयोग की जाता है।

प्रश्न 20- स्ट्रोप्टोकोकस जीवाणु द्वारा उत्पन्न होने वाले एन्जाइम का नाम लिखिए। चिकित्सा विज्ञान में इसका क्या महत्व है ?

उत्तर- एन्जाइम – स्ट्रेप्टोकाइनेज।

महत्व - रुधिर वाहिका में बने धक्के के लिए "क्लॉट ब्लस्टर” के रूप में।