बिहार बोर्ड कक्षा 12 जीव विज्ञान अध्याय 13 जीव व समस्तिया लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. जैव विविधता किसे कहते हैं?
उत्तर-विविधता जीवधारियों का विशेष लक्षण होता है। हमें अपने चारों ओर विविध प्रकार के जीवधारी देखने को मिलते हैं। इसी को जैव विविधता कहते है। उदाहरण-पक्षियों में ही जैव विविधता के अनेक दृश्य देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 2. आवास तथा निकेत में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- आवास या वासस्थान जीव का वह स्थान है जहाँ वह रहता है, जबकि निकेत या पारिस्थितिक कर्मता समुदाय में जीवों (जन्तुओं व पौधों) का स्थान तथा कर्म (कार्य) बताती है। निकेत से जैव समुदाय में जातियों को संख्या का ज्ञान होता है।
प्रश्न 3- दोमट मृदा को सबसे अधिक उपजाऊ क्यों माना जाता है?
उत्तर- दोमट मृदा बालू व मृत्तिका का उचित मिश्रण है, चूंकि इसमें प्रचुर पोषक पदार्थ, समुचित वायु तथा पर्याप्त जल की मात्रा ठहर सकती है; अतः यह मृदा ह्यूमस मिलाने पर सबसे अधिक उपजाऊ हो जाती है।
प्रश्न 4 निम्नलिखित में अन्तर बताइये-
(क) कैल्सियम वातावरणीय व कैल्सियमभीरू मृदीय पादप
(ख) केशिका जल व गुरुत्वीय जल।
उत्तर—(क) कैल्सियम वातावरणीय पौधे 6-5 pH वाली मृदा में, किन्तु केल्सियम भीरु पौधे 3.8 से 4-0pH वाली मृदा में उगते हैं।
(ख) ख़ुदा कणों के द्वारा निर्मित सूक्ष्म स्थानों अर्थात् केशिकाओं में रहने वाला जल केशिकीय जल है जो केशिकीय बल के कारण इन स्थानों में रुका रहता है। गुरुत्वीय जल गुरुत्वाकर्षण के कारण मृदा कणों के अवकाशों में से नीचे की ओर अन्तःस्रावित होने वाला जल है।
प्रश्न 5 - समुद्र सतह से ऊँचाई पर पाये जाने वाले वनस्पति अनुक्षेत्रों में पायी जाने वाली वनस्पति के प्रकार बताइए।
उत्तर—समुद्र सतह से ऊँचाई तापक्रम की विभिन्नता प्रदर्शित करती है। इसी आधार पर वानस्पतिक अनुक्षेत्र भी भिन्नता प्रदर्शित करते हैं। निचले स्थानों से पर्वत शिखर की ओर क्रमशः उष्ण, उपोष्ण, शीतोष्ण तथा एल्पाइन प्रकार की वनस्पति मिलती है।
प्रश्न 6. न्यूमेटोफोर में मूलरोमों का अभाव क्यों होता है?
उत्तर— न्यूमेटोफो दलदल में उगने वाले पौधों में पाये जाते हैं। ये जड़ों के रूप हैं तथा मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण ये मिट्टी से बाहर निकल आते हैं। ये श्वसन का कार् करते हैं। ये पानी के अवशोषण का कार्य नहीं करते, इसी कारण इनमें मूल रोम विकसित नहीं होते; जैसे— राइजोफोरा
प्रश्न 7. :-हेलियोफाइट तथा साइयोफाइट में अन्तर बताइए।
उत्तर—हेलियोफाइट्स, सूर्यतापी पौधे या आतपोद्भिद् सूर्य के प्रकाश में ही ढंग स पौधों की सामान्य वृद्धि सूर्य के प्रकाश में ही सम्भव होती है। साइयोफाइट्स, छायाप्रिय, छायातापी या छायारागी पौधे केवल छाया में उगते हैं तथा प्रकाश, ताप, शुष्कता आदि को सहन नहीं कर सकते हैं। दोनों प्रकार के पौधों में अनेक आकारिकी तथा कार्यिकी विभिन्न पायी जाती है।
प्रश्न 8 - सघन वनों में प्रकाश वनस्पति वितरण को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर—सघन वनों में ऊंचे वृक्षों को अधिक तीव्र प्रकाश व कम ऊँचाई की झाड़ियों तथा वन भूमि पर उगने वाली वनस्पति को क्रमशः कम तीव्रता का प्रकाश मिल पाता है। वन भूमि पर पहुँचने वाली प्रकाश तीव्रता, अनावृत स्थल की तुलना में, 90-98% तक कम हो जाती है। इस प्रकार, प्रकाश तीव्रता की विभिन्न स्तरों पर विभिन्नता, वन में पायी जाने वाली वनस्पति के वितरण को अत्यधिक प्रभावित करती है।
प्रश्न 9- पौधों के साथ पौधों की सहोपकारिता के दो उदाहरण दीजिए।'
उत्तर-सहयोग करने वाली दोनों जातियों को एक-दूसरे से आपस में लाभ हो तो ऐसे जीवन को सहजीवन कहते हैं तथा ऐसे जीवों को सहजीवी कहते हैं। इनके उदाहरण लाइकेन्स में मिलते हैं जिनमें कवक तथा शैवाल का अत्यधिक घनिष्ठ, स्थायी तथा अनिवार्य सहजीवन मिलता है। इसी प्रकार लेग्यूमिनस पौधों की जड़ों पर ग्रन्थिकाओं में उपस्थित नाइट्रोजन स्थिरीकारी जीवाणु, राइजोबियम लेग्युमिनोसैरम सहजीवी है।
प्रश्न 10 - कवक मूल (माइकोराइजा ) का क्या अर्थ है? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर—अनेक आवृतबीजी तथा अनावृतबीजीपौधों की जड़ों पर मा इनके अन्दर कवक पाये जाते हैं। बाहर पाये जाने वाले कवक अपना जाल एक आवरण के रूप में बना लेते हैं तथा इनके कुछ सूत्र बाह्य कोशिकाओं के अन्दर भी प्रवेश पा जाते हैं। ऐसे कच आवरणों को बहिर्मुखी कवक मूल कहते हैं। कुछ पौधों की जड़ों के ऊतकों में (अन्दर) पाये जाने वाले इस प्रकार के कवक परान्तः घोषित कवक मूल कहलाते है।
प्रश्न 11. 5-प्रतिस्पर्धा का क्या अर्थ है? यह किन जीवों में अधिक होती है?
उत्तर- प्रतिस्पर्धा एक प्रकार का जीवन संघर्ष है जो शीत युद्ध की तरह चलता रहता है। स्थान, प्रकाश, पोषण, गैसे आदि की उपलब्धता के लिए इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा होती है। अतः समान जाति के जीव समूह के जीवों के मध्य यह सबसे अधिक होती है क्योंकि उनकी आवश्यकतायें समान होती है। अन्य जीव-जातियों के साथ भी प्रतिस्पर्धा अपनी-अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु चलती रहती है।
प्रश्न 12 - राइजोफोरा की जड़ें खुटियों के समान पानी की सतह पर निकली रहती हैं, क्यों?
उत्तर- राइजोफोरा दलदली व लवणीय भूमि में उगने वाला पौधा है, अतः यह एक लवणोद्भिद पौधा है। दलदली भूमि में वायु प्रवेश नहीं कर पाती और जड़ों को श्वसन के लिए मिट्टी में वायु नहीं मिल पाती अतः जड़ों की कुछ शाखाएँ दलदल से छूटी की तरह बाहर निकल आती है जिन्हें श्वसन मूल कहते हैं। इनकी बाहरी सतह पर छोटे-छोटे छिद्र, वातरन्ध होते हैं। श्वसन मूल पौधे की जहाँ के लिए श्वसन करती है।
प्रश्न 13 –वेलामेन ऊतक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- अधिपादपों को वायवीय जड़ों में पाये जाने वाला विशेष ऊतक वेलामेन कहलाता है, जो वायुमण्डल से नमी को अवशोषित करता है। उदाहरण- ऑर्किड्स।
प्रश्न 14 - जलोद्भिद तथा मरुद्भिद पौधों में दो प्रमुख अन्तर बताइए।
उत्तर- (i) जलोद्भिद पौधों में जड़े अविकसित या अनुपस्थित होती है, जबकि मरुद्भिद पौधों में जड़े लम्बी सुविकसित होती है।
(ii) जलोद्भिद में तना पतला, मुलायम एवं छालरहित होता है, जबकि मदभिद पौधों में तना कठोर तथा छाल वाला होता है।
प्रश्न 15. वर्ष में कब दिन एवं रात की अवधि बराबर होती है?
उत्तर—विषुवत् रेखा पर 22 सितम्बर (शरद विषुव) व 23 मार्च (बसन्त विषुव) को दिन एवं रात को अवधि बिल्कुल बराबर होती है। इन स्थितियों को विषुव कहते हैं।
प्रश्न 16 -कॉरिऑलिस प्रभाव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर—-वायु धारायें तथा समुद्री धारायें उत्तर विषुवत् रेखा से उत्तर अथवा दक्षिण की ओर बढ़ते हुए विश्लेषित हो जाती हैं। यह विक्षेषण बल पृथ्वी के घूमने के कारण उत्पन्न होता है धाराओं का प्रवाह बायीं अथवा दायीं ओर मुड़ जाता है। इसी को कॉरिऑलिस प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 17 - शान्त पवन पेटियाँ क्या हैं तथा कहाँ स्थित हैं?
उत्तर— पृथ्वी पर विभिन्न वायु पेटियाँ विद्यमान हैं। इन पेटियों के मध्य वर्ष भर सनातनी अथवा स्थायी प प्रवाहित होती रहती है। विषुवत् रेखा के दोनों ओर 107N तथा 105 अक्षांश पर एक निम्न वायुदाब पेटी स्थित होती है, इसी को शान्त पवन पेटी या डोलड्रम्स) कहते हैं। यहाँ वायु की गति क्षैतिज न होकर लम्बवत होती है।
प्रश्न 18 - कौन से अक्षांश अश्व अक्षांश कहलाते हैं और क्यों?
उत्तर: -ध्रुवीय प्रदेशों की ओर प्रवाहित होने वाली वायु राशियाँ 30N तथा 30° अक्षांश पर नीचे बैठती है। इस प्रकार यहाँ उच्च दाब पेटी बनती हैं तथा पृष्ठीय पवन लगभग शान्त अथवा मर गति वाली होती हैं। यहाँ वायु आकाश से भू-पृष्ठ की ओर उतरती है अर्थात् अधोमुखी होती है और मौसम शान्त तथा मेघ रहित होता है। इन अक्षांशों को अश्व अक्षांश कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ प्राचीन समय में पालदार जलयानों को नयी दुनिया (उत्तरी अमरीका) की ओर आगे बढ़ने में अत्यधिक कठिनाई होती थी। इन जलयानो जलयानों को नयी दुनिया (उत्तरी अमरीका) की ओर आगे बढ़ने में अत्यधिक कठिनाई होती थी। इन जलयानों में स्पेन से घोड़े लाये जाते थे जलयान का बोझ कम करने के लिए कुछ घोड़ों (अश्वों) को समुद्र में फेंक दिया जाता था।
प्रश्न 19 - इकोटोन को परिभाषित कीजिए-
उत्तर- इकोटोन- किसी भी जीव क्षेत्र का अस्तित्व एकाकी स्वरूप में निश्चित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसकी सीमाये स्पष्ट नहीं हो सकती है; ऐसे में वे एक-दूसरे की सीमाओं का अतिक्रमण कर एक विनिमय क्षेत्र का निर्माण कर रहे होते हैं जहाँ दोनों क्षेत्रों के जीवों का परस्पर सहअस्तित्व होता है। ऐसे ही क्षेत्रों को संक्रमिक क्षेत्र या इकोटोन कहते हैं।
प्रश्न 20 - समतापमण्डल को परिभाषित कीजिए-
समतापमण्डल - क्षोभमण्डल के ऊपर स्थित अर्थात् लगभग 18 किमी से ऊपर 40-60 किमी की पर्त समतापमण्डल कहलाती है, यहाँ जीवों की उपस्थिति को कोई सम्भावना नहीं होती है। यहाँ तापमान लगभग 90°C तक होता है जो समान रहता है। इसी मण्डल में ओजोन स्तर भी होता है जो सूर्य के प्रकाश में उपस्थित पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है।
प्रश्न 21 - समतापमण्डल को परिभाषित कीजिए-
उत्तर: क्षोभमण्डल: क्षोभमण्डल पृथ्वी पर सबसे निचला स्तर है जो लगभग 10-18 किमी तक फैला है, ध्रुवों पर यह मात्र 8 किमी है। ऊपरी ऊँचाइयों पर इसका तापमान गिरता जाता है। वायुमण्डल के इसी स्तर में कुछ हवाई तक जीव पाये जाते हैं। इसी मण्डल में बादलों का बनना तथा मौसमी परिवर्तन होते हैं।
प्रश्न 22 - जलमण्डल का कितने प्रतिशत जल ध्रुवीय हिम टोपियों तथा हिमाच्छादित पर्वत शिखरोंvv के रूप में है तथा इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर- जलमण्डल का मात्र 2.317 प्रतिशत जल ही ध्रुवीय हिम टोपियों तथा हिमाच्छादित पर्वत शिखरों के रूप में है। इनके निचले भागों में हिमनद आदि के पिघलने से नदियाँ आदि बनती है जो धरातल पर जल को वितरित करती है।
प्रश्न 23. दो पारिस्थितिक तन्त्रों के मध्य स्पष्ट सीमा रेखा खींचना क्यों असम्भव है?
उत्तर: दो पारिस्थितिक तन्त्रों के जीव एक-दूसरे के क्षेत्रों में अतिक्रमण कर परस्पर सहअस्तित्व बना लेते हैं। इस विनिमय क्षेत्र अर्थात् संक्रमिक क्षेत्र के कारण दोनों पारितन्त्रों के मध्य कोई स्पष्ट सीमा रेखा खींच सकना असम्भव है।
प्रश्न 24. वायुमण्डल का कौन-सा स्तर पराबैंगनी प्रकाश को पृथ्वी की सतह पर आने से रोकता है?
उत्तर: वायुमण्डल के समतापमण्डल में उपस्थित ओजोन स्तर सूर्य के प्रकाश की पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकता है।