बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 10 हैलोएल्केन्स तथा हैलोएरीन्स लघु उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 10 हैलोएल्केन्स तथा हैलोएरीन्स लघु उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > रसायन विज्ञान अध्याय 10 हैलोएल्केन्स तथा हैलोएरीन्स

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. फ्रियॉन-12 का उपयोग लिखें।

उत्तर⇒ फ्रियॉन के निम्नलिखित उपयोग हैं
(i) दाढ़ी बनाने के क्रीम में,

(ii) कीटनाशक के रूप में,

(iii) एयर कंडीशनर एवं रेफ्रिजरेटर में शीतकारक के रूप में।


प्रश्न 2. DDT का उपयोग लिखें।

उत्तर⇒ DDT के निम्नलिखित उपयोग हैं-

(i) कीटनाशक के रूप में,

(ii) मलेरियानाशक के रूप में।

प्रश्न 3. कार्बटेट्राक्लोराइड का उपयोग लिखें।

उत्तर⇒ कार्बन टेट्राक्लोराइट के उपयोग निम्न हैं

(i) वसा, तेल एवं रेजीन आदि के लिए विलायक के रूप में।

(ii) अग्निशामक के रूप में।

(iii) क्लोरोफॉर्म बनाने में।

(iv) औषधि के निर्माण में।

प्रश्न 4. आयोडोफॉर्म का उपयोग लिखें।

उत्तर⇒ आयोडोफॉर्म के उपयोग निम्न हैं-

(i) आयडोफार्म का उपयोग घाव भरने के लिए किया जाता है।

(ii) आयोडोफॉर्म का उपयोग घाव की मरहम-पट्टी में होता है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम दीजिए-

(i)  CHCH (Cl) CH (Br) CH3

(ii) CH FCBrClF

(iii) ClCH2C CCH2Br

(iv) (CCl3) 3CCl

(v) CHC (P - ClC6H4)CH(Br) CH5

(vi) (CH3) 3CCH = ClC6H4I-p

उत्तर⇒ (i) 2-ब्रोमो-3-क्लोरो ब्यूटेन

(ii) 1-ब्रोमो-1-क्लोरो 1, 2, 2-ट्राइफ्लोरे इथेन

(iii) 1-ब्रोमो-4-क्लोरो ब्यूट-2-आइन

(iv) 2-ट्राइक्लोरो मेथिल-1, 1, 1, 2, 3, 3, 3 हेप्टाक्लोरोप्रोपेन

(v) 2, 2-बिस (4-क्लोरो फेनिल) ब्यूटेन

(vi) 1-क्लोरो-1-4-आयाडोफेनिल)-3, 3-डाइमेथिल ब्यूट-1-इन

प्रश्न 6. वुर्ट्ज-फिटिग तथा फिटिग अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर⇒ वुर्ट्ज-फिटिग अभिक्रिया-एल्किल हैलाइड तथा ऐरिल हैलाइड का मिश्रण, सोडियम के साथ शुष्क ईथर की उपस्थिति में गरम करने पर ऐल्किलऐरीन देता है तथा इसे वु-फिटिग अभिक्रिया कहते हैं।

फिटिग अभिक्रिया-रेरिल हैलाइड भी शुष्क ईथर में सेडियम के साथ अभिक्रिया द्वारा सजातीय यौगिक देते हैं, जिसमें दो ऐरिल समूह परस्पर जुड़े रहते हैं। इसे फिटिग अभिक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 7. निम्नलिखित यौगिकों की संरचनाएँ लिखिए-

(i) 2-क्लोरो-3-मेथिलपेन्टेन

(ii) 1-क्लोरो-4-एथिलसाइक्लो हेक्सेन

(iii) 4-तृतीयक-ब्यूटिल-3-आयोडोहेप्टेन

(iv) 1, 4-डाइब्रामोब्यूट-2-ईन

(v) 1-ब्रोमो-4-द्वितीयक-ब्यूटिल-2-मेथिल बेन्जीन।

उत्तर⇒ (i) CHCHCH(CH3) CHClCH3

(iii)  CH3 CHCHCHCH(I) CHCH3

(iv) BrCH2CH = CHCH2Br

प्रश्न 8. बेंजिल ब्रोमाइड के निम्नलिखित में परिवर्तन के लिए आवश्यक अकार्बनिक अथवा कार्बनिक अभिकर्मक क्या होगा ?

(a) बेंजिल आयोडाइड

(b) बेंजिल एथिल ईथर

(c) बेंजिल ऐल्कोहॉल

(d) बेंजिल साइनाइड

(e) बेंजिल ऐसीटेट

(f) (नाइट्रोमेथिल) बेंजीन

(g) बेंजिल ट्राइ-n-ब्यूटिल अभिनियम ब्रोमाइड।

उत्तर⇒ (a) NaI

(b) NaOC2H5

(c) NaOH

(d) KCN

(e) NaOCOCH3

(f) AgNO2

(g) Cu3N

प्रश्न 9. क्लोरोबेंजीन का जलांशन अधिक ताप एवं दाब पर होता है लेकिन ट्राई नाइट्रोबेंजीन का जलांशन कमरे के तापक्रम पर होता है। क्यों ?

उत्तर⇒ कार्बन और क्लोरीन के बीच आंशिक द्विबंधन और बेंजीन पर अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व के कारण क्लोरो बेंजीन पर अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व के कारण क्लोरो बेंजीन कम क्रियाशील है, नाभिकीय विस्थापन के लिए (हाइड्रोलाइसिस) -NO2समूह इलेक्ट्रॉन खींचने वाला है जो C- Cl बंधन की ध्रुवीयता को बढ़ा देता है और हाइड्रोलासिस की क्रियाशीलता को बढ़ा देता है।

प्रश्न 11. आर्थों तथा मैटा आइसोमर की तुलना में P डाइक्लोरोबेंजीन की गलनांक उच्च है और जल में कम घुलनशील है क्यों ?

उत्तर⇒ पैरा आइसोमर संरचना में ज्यादा सरल है जिसके कारण अन्तर आण्विक बल उच्च होता है जिसके कारण अंतर आण्विक बल उच्च होता है। परिणामस्वरूप पैरा आइसोमर का गलनांक उच्च होता है। प्रबल अन्तर आण्विक बल होने के कारण अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्कता होती है। अतः गलनांक व क्वथनांक उच्च होते हैं। लेकिन घुलनशील कम होती है।

प्रश्न 12. हैलोऐरीन जल में घुलनशील है जबकि बेंजीन में घुलनशील क्यों ?

उत्तर⇒  हैलोऐरीन जल के अणु में हाइड्रोजन आबंध नहीं बनाते और नहीं जल में अणुओं के मध्य उपस्थित हाइड्रोजन आबंधों को तोड़ते, अतः हैलोऐरनी जल में अघुलनशील हैं। अधिक मात्रा में हाइड्रोकर्बन होने के कारण हैलोएंरीन बेंजीन जैसे विलायक में घुलनशील हैं।

प्रश्न 13. एल्केन का मुक्त मूल क्लोरीकरण से एल्किन हैलाइड तैयार नहीं किए जा सकते हैं क्यों ?

उत्तर⇒  प्रयोगशाला में मुक्त मूलक क्लोरीकरण एक उपयुक्त विधि नहीं है क्योंकि

            (i) इस विधि में समावयवों का मिश्रण प्राप्त होता है। समावयवों के क्वथनांक समान होते हैं, जिन्हें अलग करना आसान नहीं है।

            (ii) बहुहैलोजनीकरण के कारण जटील यौगिकों का निर्माण होता है। जिन्हें पृथक करना मुश्किल होता है।

प्रश्न 14. निम्न यौगिकों के IUPAC नाम लिखें-

उत्तर⇒ (i) 3-क्लोरो-5-फ्लोरो-3-5 डाइमिथाइल हैप्टेन ।

(ii) 3-ब्रोमो-5-क्लोरो-3-5 डाइमिथाइल हैप्टेन ।

प्रश्न 15. निम्न अभिक्रियास्वरूप उत्पन्न उत्पाद लिखें-

उत्तर⇒ (i) CCl3 में m-स्थिति पर निर्देशन करता है।

(ii) CHCHBr CN- CH- CH-N          C+AgBr

प्रश्न 16. निम्न में हैलोएल्केन नाभिकरागी विस्थापन दर्शाता है जबकि हैलोएरीन इलेक्ट्रॉनरागी विस्थापन दर्शाता है क्यों ?

उत्तर⇒  हैलोएल्केन, हैलोऐरीन की तुलना में अधिक ध्रुवण गुण दर्शाता है अतः हैलोएल्केन में क्लोरीन परमाणु पर अधिक इलेक्ट्रॉन है। हैलोएल्केन में कोई बेंजीन वल्य नहीं है।

प्रश्न 17. निम्नलिखित प्रत्येक युग्मों में से कौन-सा यौगिक OH के साथ SN 2 अभिक्रिया में अधिक तीव्रता से अभिक्रिया करेगा?

(1) CH2Br अथवा CH3l

(2) (CH3)3CCl अथवा CH3Cl

उत्तर⇒ (1) CH3l I अधिक तेजी से क्रिया करेगा, क्योंकि Br- की अपेक्षा I- आसानी से यौगिक को छोड़ देगा।

(2) कम त्रिविम बाधा प्रदर्शित करने के कारण CH3Cl , SN 2 अभिक्रिया में तेजी से क्रिया करेगा।

प्रश्न 18. ध्रुवण घूर्णक पदार्थ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर⇒  वह पदार्थ जो समतल ध्रुवित प्रकाश के तल को एक निश्चित कोण तक घुमाने की प्रवृत्ति रखता है, ध्रुवण घूर्णक पदार्थ कहलाता है।

प्रश्न 19. निम्न को क्वथनांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए –

CHCHCHCHBr , (CH3)CBr , (CH3)CHCH2Br 

उत्तर⇒   (CH3)CBr <(CH3)CHCH2Br < CH3CH2CH2CH2Br 

प्रश्न 20. कारण दीजिए-ऐल्किल हैलाइड ऐरिल हैलाइड से श्रेष्ठ विलायक होते हैं।

उत्तर⇒   हैलोऐल्केनों में C - X आबन्ध हैलोऐरीनों से अधिक ध्रुवीय होता है। C - X आबन्ध की ध्रुवता के कारण ऐल्किल हैलाइड ऐरिल हैलाइड से श्रेष्ठ विलायक होते हैं।

प्रश्न 21. असममित कार्बन परमाणु किसे कहते हैं?

उत्तर⇒  वह कार्बन परमाणु जिसकी चारों संयोजकताएँ भिन्न-भिन्न परमाणुओं या समूहों द्वारा सन्तुष्ट होती हैं, उसे असममित कार्बन परमाणु कहते हैं।

प्रश्न 22. प्रकाश समावयवी से क्या तात्पर्य है?

उत्तर⇒   समान अणुसूत्र तथा समान रासायनिक संरचनाओं वाले दो-या-दो से अधिक यौगिक जो समतल ध्रुवित प्रकाश के प्रति भिन्न व्यवहार दर्शाते हैं, प्रकाश समावयवी कहलाते हैं।

प्रश्न 23. कारण दीजिए-उद्योगों में प्रयुक्त विलायक हैलोऐल्केन ब्रोमो यौगिकों के विपरीत क्लोरो यौगिक होते हैं।

उत्तर⇒  क्लोरीन, ब्रोमीन की तुलना में अधिक ऋणविद्युती होने के कारण ऐल्किल क्लोराइड में C - Cl आबन्ध ऐल्किल ब्रोमाइड में C - Br आबन्ध से अधिक ध्रुवीय होता है। आबन्ध की उच्च ध्रुवता के कारण क्लोरोऐल्केन ब्रोमोऐल्केनों की तुलना में श्रेष्ठ विलायक होते हैं।

प्रश्न 24. कारण दीजिए-क्लोरोफॉर्म क्लोरीन यौगिक है फिर भी यह सिल्वर नाइट्रेट विलयन के साथ कोई अवक्षेप नहीं देता है, क्यों?

उत्तर⇒  क्लोरोफॉर्म सहसंयोजी यौगिक है, अत: यह क्लोराइड आयन नहीं देता है। इसलिए यह Ag NO3 के साथ किसी प्रकार का अवक्षेप नहीं देता है। 

प्रश्न 25. क्लोरोफॉर्म को प्रकाश एवं वायु के प्रभाव से बचाने के लिए कौन-सी सावधानियाँ बरती जाती हैं?

उत्तर⇒   क्लोरोफॉर्म को रंगीन बोतलों में, काले कागज में लपेटकर, अंधेरे में, मुँह तक भर कर तथा  1 % C2H5OH की कुछ बूंद मिलाकर रखना चाहिए।