बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 9 उपसहसंयोजन यौगिक लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. [Ni(CO)4] यौगिक को कैसे तैयार करते हैं ? निकेल की ऑक्सीकरण संख्या क्या है ? इसके मुख्य उपयोग बताएँ।
उत्तर⇒ Ni + 4CO [Ni(CO)4]
ऑक्सीकरण संख्या Ni = 0
निकेल के शुद्धिकरण में इसका उपयोग होता है।
प्रश्न 2. [Pt(NH3)6] Cl4 ⇋ [Pt(NH3)6] 4+ + Cl- यौगिक CoBr3 4NH3 2H2O की मोलर चालकता 3 : 1 है। आण्विक और IUPAC नाम लिखें।
उत्तर⇒ क्योंकि मोलर चालकता 3 : 1 है इसलिए आण्विक सूत्र
[ Co(NH3) 4] ( H2O)2 Br2 ⇋ [Co (NH3)4 (H2O)2]3+ + 3Br-
प्रश्न 3. सल्फ्यूरिक अम्ल की तुलना में परक्लोरिक अम्ल क्यों शक्तिशाली होता है ?
उत्तर⇒ HClO4 (परक्लोरिक अम्ल) में क्लोरीन (Cl) की ऑक्सीकल संख्या +7 होती है, जबकि सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) में सल्फर (S) की ऑक्सीजन संख्या +6 होती है।
अतः परक्लोरिक अम्ल का ClO3 भाग OH बंध को सल्फ्यूरिक अम्ल की अपेक्षा अधिक आसानी से तोड़कर प्रोटॉन को मुक्त करता है।
प्रश्न 4. निम्न यौगिकों का IUPAC नामकरण करें-
(a) [Zn (OH)4]2-
(b) [Co (NH3)6]2 (SO4)3
(c) K2[Ni (CN)4]
(d) [Co(ONO) (NH3)5]2+
(e) [Ni(CO)4]
(f) K3[Fe(C2O4)3]
(g) [Pt(NH3)6]Cl4
(h) K4[Mn(CN)6]
(i) [CO(NH3)4 Cl(NO2)Cl]
उत्तर⇒ (a) Tetrahydroxozincate (II).
(b) Hexammine Cobalt (III) Sulphate.
(c) Potassium tetracyanonickelate (II).
(d) Pentaamine nitrito-O-Cobalt (III).
(e) Tetracarbonyl nickel (0).
(f) Potassium trioxalao ferrate (III).
(g) Hexaammine platinum (N) Chloride.
(h) Potassium hexacyanomanganate (II).
(i) Tetra amine chloronitrol-N-Cobalt (III) Chloride.
प्रश्न 5. अपचयन से पहले भर्जन की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर⇒ लगभग सभी सल्फाइड AG मान CS2 और H2S से अधिक है। CS2 तथा H2S उफष्माशोषी यौगिक है। इसलिए न तो C तथा न ही H2 सल्फाइड को अपचयित नहीं कर सकता। इसके विपरीत ऑक्साइड के लिए गिब्ज उफर्जा SO2 से कम है। अतः धातु सल्फाइड का ऑक्सीकरण ऊष्मागतिकी रूप से संभव है।
प्रश्न 6. निम्न में दिए गए यौगिकों के IUPAC नाम लिखें-
(क) [Cu(NH3)4]Cl2
(ख) K4[Fe(CN)6]
उत्तर- (क) टेट्राएमीन कॉपर (ii) क्लोराइड
(ख) पोटैशियम हेक्सासायनोफेरेट (ii)
प्रश्न 7. निम्नलिखित उपसहसंयोजक यौगिक के रासायनिक सूत्र को लिखें-
(i) टेट्राहाइड्रोऑक्सो जिंकेट (II)
(ii) टेट्राब्रोमो क्यूपरेट (III)
(iii) पोटैशियम टेट्रासायनोक्यूपरेट (III)
(iv) पेंटा कार्बोनाइल आयन (O)|
उत्तर⇒ (i) [Zn(OH)4]2-
(ii) [CuBr4]2-
(iii) K2[Cu(CN)4]
(iV) [Fe(CO)5]
प्रश्न 8. प्रदत्त जटिल यौगिकों के IUPAC नाम लिखें-
(a) [Pt(NH3)4] Cl2 [PtCl4]
(b) [Co(en)2Cl2]2 SO4
(c) Na2[ CrOF4]
(d) K3[Fe(C2O4)3]
(e) Fe4[Fe(CN)6]3
(f) K[Fe(BF4)]
उत्तर⇒ (a) टेट्राएमीन डाईक्लोरो प्लैटिनम (IV) टेट्राक्लोरो प्लैटिनम (II)
(b) डाईक्लोरोलीस (इथीलिन डाइएमीन) कोबॉल्ट (III) सल्फेट ।
(c) सोडियम टेट्रा फ्लोरो ऑक्सो क्रोमेट (IV)
(d) पोटैशियम ट्राई (आक्जेलेट) फॉरमेट (II)
(e) पोटैशियम टेट्राफ्लोरो बोरेट (III)
प्रश्न 9 . [Ni(H2O)6]2+ का विलयन हरा है परन्तु [Ni(CN)4]2- का विलयन रंगहीन है। समझाइए।
उत्तर⇒ [Ni(H2O)6]2+ में Ni+2 आयन हरा रंग उत्पन्न करता है क्योंकि इसमें दो अयुग्मित इलेक्ट्रॉन 3d उपकक्षक में उपस्थित रहते हैं, d-d संक्रमण से यौगिक हरे रंग का होता है। दूसरी ओर [Ni(CN)4]2- आयन में कोई इलेक्ट्रॉन अयुग्मित नहीं है। अतः यह रंगहीन है।
प्रश्न 10. [Fe(CN)6]4- तथा [Fe(H2O)6]2+ के तनु विलयनों के रंग भिन्न होते हैं। क्यों ?
उत्तर⇒ [Fe(CN)6]4- आयन में d2sp3 संकरण के कारण इलेक्ट्रॉन अयुग्मित नहीं है। 3d उपकक्षक में सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित हैं। जबकि [Fe(H2O)6]2+ आयन में चार इलेक्ट्रॉन अयुग्मित हैं जो sp3d2संकरण उत्पन्न करते हैं। यौगिक में d-d संकरण से भिन्न-भिन्न रंग उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 11. ऐसे दो यौगिकों के नाम लिखो जो दवाइयों में उपयोग होते हैं ?
उत्तर⇒ (i) EDTA का उपयोग सीसा के प्रभाव को कम करने के लिए
(ii) समपक्ष-प्लेटिन [PtCl2 (NH3)2] का उपयोग कैंसर के उपचार में होता है।
प्रश्न 12. [NiCl4]2- आयन के ज्यामिति व चुम्बकीय गुण लिखो ?
उत्तर⇒ चतुष्फलक, अनुचुंबकीय।
प्रश्न 13. गोल्ड नम्बर क्या है ?
उत्तर⇒ गोल्ड नम्बर किसी संरक्षी कोलॉइड की मिलीग्राम में वह मात्रा है जो 10 मिली प्रामाणिक गोल्ड सॉल को 10 % नमक के घोल के 1 मिली शीघ्रता से मिलाने पर संकेन्द्रित होने से संरक्षित होने योग्य हो जाता है।
प्रश्न 14. संलग्नी क्या है ?
उत्तर⇒ उप–सहसंयोजक यौगिक में केन्द्रीय परमाणु/आयन से संलग्न अन्य परमाणु या समूह को संलग्नी कहा जाता है जैसे- K4[Fe(CN)6] में CN- संलग्नी है।
प्रश्न 15. उप-सहसंयोजक संख्या क्या है ?
उत्तर⇒ केन्द्रीय परमाणु आयन एवं संलग्नियों के बीच बने सिग्मा (σ) आबंधों की संख्या, उप-सहसंयोजक यौगिक के केन्द्रीय परमाणु आयन की उप-सहसंयोजन संख्या कहलाती है।
प्रश्न 16. किलेटन क्या है ?
उत्तर⇒ वैसी संलग्नी जिनमें दो या दो से अधिक दाता परमाणु होते हैं, किलेटन कहलाता है। जैसे- EDTA CO2-3 इत्यादि ।
प्रश्न 17. समावयता क्या है ?
उत्तर⇒ वैसे यौगिक जिनके अणुसूत्र समान परन्तु संरचना सूत्र अलग-अलग होते हैं, समावयवी कहलाते हैं तथा इस घटना को समावयवता कहा जाता है।
प्रश्न 18. त्रिविम समावयव से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर⇒ त्रिविम समावयव के अणु होते हैं जिनके अणुओं में समान परमाणु बंध होते हैं, परन्तु परमाणुओं अथवा समूहों की त्रिविम में भिन्न स्थिति होती है।
प्रश्न 19. निम्नलिखित लिगैंडों को एकदंतुक, द्विदंतुक….. आदि में वर्गीकरण कीजिए।
(i) en
(ii) CN-
(iii) acac
(iv) dmg
उत्तर:
(i) द्विदंतुक
(ii) एकदंतुक
(iii) द्विदंतुक
(iv) द्विदंतुक।
प्रश्न 20. उभयदंती लिगैण्ड का एक उदाहरण लेकर बताइए कि यह क्यों उभयदंती लिगैण्ड कहलाता है?
उत्तर⇒ एकदंतुक लिगैण्ड जिनमें एक अधिक दाता परमाणु केन्द्रीय आयन से उपसहसंयोजक बन्धों द्वारा बन्धित हो उभयदंती लिगैण्ड कहलाते हैं।
उदाहरण: CN- इसमें C व N दोनों परमाणु के एकांकी e-युग्म होता है। इसलिए दोनों दाता परमाणु की तरह व्यवहार कर सकते हैं।
M CN MNC
प्रश्न 21 . [Mn2(CO)12] का IUPAC नाम लिखिए।
उत्तर⇒ डोडिकार्बोनिल डाइ मैंगनीज (0).
प्रश्न 22. [Ni(CN4)]2- आयन का स्वच्छ आकृति चित्र बनाते हुए इसके केन्द्रीय परमाणु की संकरण अवस्था को समझाइए।
उत्तर⇒ ये संकरित कक्षक लिगैण्डों के कक्षकों के साथ अतिव्यापन कर लेते हैं। यहाँ लिगैण्डों के कक्षक बन्धन बनाने के लिए इलेक्ट्रॉन युग्म प्रदान करते हैं। अतः बन्धों की ऊर्जा समान होती है तथा ये बन्ध दिशात्मक होते हैं।
प्रश्न 23. समन्वयन यौगिकों का निम्न के प्रकरणों में उदाहरण देकर योगदान समझाइए|
उत्तर⇒ जैविक तंत्र में-पौधों के विकास में कई धातुओं का महत्वपूर्ण स्थान है। उनकी कमी से पौधों की वृद्धि स्वस्थ रूप से नहीं होती। जैसे-आयरन की कमी से पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं किन्तु आयरन का ऑक्साइड जो मिट्टी में होता है, अविलेय होने के कारण पौधों द्वारा ग्रहण नहीं किया जा सकता। इसके लिए Fe-EDTA संकुल को मिट्टी में मिलाया जाता है। यह विलेय होने के कारण पौधों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।
प्रश्न 24. उप-सहसंयोजन संख्या क्या है ? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर⇒ केन्द्रीय धातु या धातु आयन से उप-सहसंयोजक बन्ध द्वारा सीधे ही जुड़े हुए लिगैण्डों की संख्या को केन्द्रीय धातु आयन की उप-सहसंयोजन संख्या कहते हैं।
उदाहरण-[CO(NH3)6]3+ में CO3+ की उप-सहसंयोजन संख्या 6 है।
[Ag(CN)2]- में Ag की उप-सहसंयोजन संख्या 2 है।
प्रश्न 25. प्रभावी परमाणु संख्या क्या है ? एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर⇒ उप-सहसंयोजक यौगिक के केन्द्रीय धातु परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा बन्ध के बनने से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या के योग को प्रभावी परमाणु संख्या कहते हैं। प्रभावी परमाणु संख्या = परमाणु संख्या – आयन बनने में लुप्त इलेक्ट्रॉन + लिगैण्ड द्वारा प्रदत्त इलेक्ट्रॉन युग्मों की संख्या
K4[Fe(CN)6] में Fe के लिए EAN=26-2+12 =36.