बिहार बोर्ड कक्षा 12 रसायन विज्ञान अध्याय 2 विलयन लघु उत्तरीय प्रश्न
अध्याय 2 विलयन लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एक ऐसे ठोस विलयन का उदाहरण दीजिए जिसमें विलेय कोई गैस हो।
उत्तर: जैसे कहा जाता है कि एक पदार्थ के कण दूसरे पदार्थ के कणों की तुलना में बहुत छोटे होते हैं, अतः छोटे कण बड़े कणों के अन्तराकाशी स्थलों में व्यवस्थित हो जायेंगे। अतः ठोस विलयन अन्तराकाशी ठोस विलयन प्रकार का होगा।
प्रश्न 2. स्पष्ट कीजिए कि 1 मोल NaCl को एक लिटर जल में मिलने पर जल के क्वथनांक में वृद्धि क्यों होती है, जबकि एक लिटर जल में एक मोल मेथिल ऐल्कोहॉल घोलने पर जल का क्वथनांक कम हो जाता है।
उत्तर: NaCl एक अवाष्पशील विलेय है। फलतः जल में NaCl को मिलाने से जल का वाष्प दाब कम हो जाता है। परिणामस्वरूप जल का क्वथनांक बढ़ जाता है। वहीं दूसरी ओर मेथिल ऐल्कोहॉल जल की तुलना में अधिक वाष्पशील है। अतः इसे मिलाने से विलयन के ऊपर कुल वाष्प दाब बढ़ जाता है अतः जल का क्वथनांक कम हो जाता है।
प्रश्न 3. हेनरी नियम स्थिरांक KH, की सार्थकता क्या है?
उत्तर: हेनरी नियम स्थिरांक KH का मान जितना उच्च होगा द्रव में गैसों की विलेयता उतनी ही कम होगी।
प्रश्न 4. पर्वतीय क्षेत्रें में हिम आच्छादित सड़कों को साफ करने में नमक का छिड़काव किस प्रकार सहायता करता है। इस प्रक्रिया से संबंधित परिघटना की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: जब हिमाच्छादित सड़कों पर नमक का छिड़काव किया जाता है तो सतह से हिम का पिघलना प्रारंभ हो जाता है क्योंकि जल के हिमांक में अवनमन होता है तथा यह सड़कों को साफ करने में सहायता करता है।
प्रश्न 5. समाधान पद की परिभाषा दीजिए। कितने प्रकार के विलयन बनते हैं? उदाहरण सहित प्रत्येक प्रकार के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: विलयन दो या दो से अधिक घटकों के समांगी मिश्रण होते हैं। समरूप मिश्रण से हमारा तात्पर्य है कि इसकी संरचना और गुण पूरे मिश्रण में एक समान होते हैं।
नौ प्रकार के समाधान हैं:
गैसीय समाधान:
गैस में गैस: ऑक्सीजन और नाइट्रोजन गैसों का मिश्रण
गैसों में द्रव : नाइट्रोजन गैस के साथ मिश्रित क्लोरोफॉर्म
गैस में ठोस : कपूर नाइट्रोजन गैस में
तरल समाधान:
तरल में गैस: पानी में घुली ऑक्सीजन
तरल में तरल: इथेनॉल पानी में घुल जाता है
तरल में ठोस: ग्लूकोज पानी में घुल जाता है
ठोस समाधान:
ठोस में गैस: प्लेडियम में हाइड्रोजन का समाधान मिश्रण
ठोस में तरल: सोडियम के साथ पारा का मिश्रण
ठोस में ठोस : तांबा सोने में घुला होता है
प्रश्न 6. संघटनों के सम्पूर्ण परास में बेन्जीन तथा टॉलूईन आदर्श विलयन बनाते हैं। 300 K पर शुद्ध बेन्जीन तथा टॉलूईन का वाष्प दाब क्रमशः50.71 mm Hg तथा 32.06 mm Hg है। यदि 80 g बेन्जीन को 100 g टॉलूईन में मिलाया जाए तो वाष्प अवस्था में उपस्थित बेन्जीन के मोल-अंश परिकलित कीजिए।
उत्तर:
द्रव अवस्था में nB=
80 78
= 1.026nr=
100 92
XB=0.486, XT=0.514
PB=50.710.486=24.65
pT=32.060.514=16.48
बेंजीन का वाष्प अवस्था में मोल प्रभाज
=24.6524.65+16.48 =0.60
प्रश्न 7. एक पेय जल का नमूना क्लोरोफॉर्म (CHCl3)से कैंसरजन्य समझे जाने की सीमा तक बहुत अधिक संदूषित है। इसमें संदूषण की सीमा 15 ppm (द्रव्यमान में) है –
(i) इसे द्रव्यमान प्रतिशत में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
15 ppm CHCl3 का तात्पर्य है कि 106g H2O में 15 g CHCl3 उपस्थित है।
(i) ∴ द्रव्यमान प्रतिशत
= 15106100
= 1.510-4
(ii) जल के नमूने में क्लोरोफॉर्म की मोललता ज्ञात कीजिए।
उत्तर: मोललता (m) =15119.51061000
=1.25 10-4m
प्रश्न 8. प्रयोगशाला कार्य के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला सान्द्र नाइट्रिक अम्ल द्रव्यमान की दृष्टि से नाइट्रिक अम्ल का 68% जलीय विलयन है। यदि इस विलयन का घनत्व 1.504 gml-1 हो तो अम्ल के इस नमूने की मोलरता क्या होगी?
उत्तर: द्रव्यमानानुसार 68% HNO3 का तात्पर्य है कि 100g विलयन में 68g HNO3 उपस्थित होगा
68g HNO3 = 6863 mol = 1.079 mol
विलयन का आयतन = विलयन का भारघनत्व = 1001.504 = 1.079 mol
मोलरता (M)= HNO3 के मोल विलयन का आयतन लीटर में
=1.079 100066.49
=16.23M
प्रश्न 9. 222.6 g, एथिलीन ग्लाइकॉल, C2H4(OH)2तथा 200 g जल को मिलाकर प्रतिहिम मिश्रण बनाया गया। विलयन की मोललता की गणना कीजिए। यदि विलयन का घनत्व
1.072 gml-1 हो तो विलयन की मोलरता निकालिए।
उत्तर: एथिलीन ग्लाइकॉल की मोललता
= 222.662 2001000
=17.95 m
विलयन का भार = ग्लाइकॉल का भार + जल का भार
=222.6+200
=422.6 g
विलयन का आयतन
= 422.61.072 ml
एथिलीन ग्लाइकॉल की मोलरता
= 222.642 422.61.0721000
=9.11 m
प्रश्न 10. ऐल्कोहॉल एवं जल के एक विलयन में आण्विक अन्योन्यक्रिया की क्या भूमिका है?
उत्तर: ऐल्कोहॉल एवं जल के विलयन में ऐल्कोहॉल तथा जल के अणु अन्तराआण्विकH- बन्ध बनाते हैं। लेकिन यह H2O - H2O तथा ऐल्कोहॉल-ऐल्कोहॉल H-बन्ध से दुर्बल होते हैं। इससे अणुओं की वाष्प अवस्था में जाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। अत: यह विलयन राउल्ट के नियम से धनात्मक विचलन प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 11. विलेय-विलायक आकर्षण के आधार पर निम्नलिखित को n-ऑक्टेन में विलेयता के —- KCl, CH3OH,CH3CN,साइक्लोहेक्सेन।
उत्तर:
KCl< CH3OH<CH3CN<साइक्लोहेक्सेन
KCl आयनिक यौगिक है। अत: यह अध्रुवीय विलायक में घुलता नही है , अत: यह 2-ऑक्टेन में सबसे कम विलेय है। साइक्लोहेक्सेन अध्रुवीय होने के कारण n-ऑक्टेन में आसानी से विलेय होती है। CH3OH,CH3CN की तुलना में कम ध्रुवीय है, अत: इसकी विलेयता CH3CN से अधिक होती है।
प्रश्न 12. पहचानिए कि निम्नलिखित यौगिकों में से कौन-से जल में अत्यधिक विलेय, आंशिक रूप से विलेय तथा अविलेय हैं –
1. फीनॉल
उत्तर: आंशिक विलेय
2. टॉलूईन
उत्तर: अविलेय
3. फॉर्मिक अम्ल
उत्तर: अत्यधिक विलेय
4. एथिलीन ग्लाइकॉल
उत्तर: अत्यधिक विलेय
5. क्लोरोफॉर्म
उत्तर: अविलेय
6. पेन्टेनॉल।
उत्तर: आंशिक विलेय
प्रश्न 13. ताप बढ़ाने पर गैसों की द्रवों में विलेयता में हमेशा कमी आने की प्रवृत्ति क्यों होती है?
उत्तर: गैस + विलायक विलयन + ऊष्मा
गैस का द्रव में घुलना एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है। ताप बढ़ाने पर साम्य बायीं ओर विस्थापित होता जाता है और विलयन से गैस मुक्त हो जाता है।
प्रश्न 14. हेप्टेन एवं ऑक्टेन एक आदर्श विलयन बनाते हैं। 373 k पर दोनों द्रव घटकों के वाष्प दाब क्रमशः 105.2 kPa तथा 46.8 k Pa हैं। 26.0 g हेप्टेन एवं 35.0 g ऑक्टेन के मिश्रण का वाष्प दाब क्या होगा?
उत्तर:
P =Pहेंटेनेन + P ऑक्टेन = Pहेप्टेन nn+N+Pऑक्टेन nn+N
=105.22610026100+35114+46.83511426100+35114
=73.08 kPa
प्रश्न 15. यदि किसी झील के जल का घनत्व 1.25 g ml-1 है तथा उसमें 92 g Na+ आयन प्रति किलो जल में उपस्थित हैं तो झील में Na+ आयन की मोललता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
विलेय का भार = 92 g
विलायक का भार =1000 g
m = विलेय का भार अणुभार 1000 विलायक का भार
=92 23 10001000
=4 m
प्रश्न 16. 293 K पर जल का वाष्प दाब 17.535 mm Hg है। यदि 25 g ग्लूकोस को 450 g जल में घोलें तो 293 K पर जल का वाष्प दाब परिकलित कीजिए।
उत्तर: जल के मोलों की संख्या (n1)=45018=25
ग्लूकोस के मोलों की संख्या (n2)=25180=0.138
वाष्प दाब्ध में अवनमन= p- psp=n2n1+n
या 17.535- ps=0.13817.53525+0.138
या ps=17.44 mm Hg
प्रश्न 17: मान लीजिए कि दो पदार्थों के बीच एक ठोस विलयन बनता है, एक जिसके कण बहुत बड़े हैं और दूसरे जिसके कण बहुत छोटे हैं। किस तरह का ठोस समाधान क्या यह होने की संभावना है?
उत्तर: पैलेडियम में हाइड्रोजन और खनिजों में घुली गैसों का विलयन।
प्रश्न 18. 114 g ऑक्टेन में किसी अवाष्पशील विलेय (मोलर द्रव्यमान 40 mol-1) की कितनी मात्रा घोली जाए कि ऑक्टेन का वाष्प दाब घट कर मूल वाष्प दाब का 80% रह जाए?
उत्तर:
प्रश्नानुसार,
M2=40, w1=114 g
∵ p- psp = w2M1w1M2 या 100-80100
= w211411440 या w2 = 8g
प्रश्न 19. निम्नलिखित युग्मों में उपस्थित सबसे महत्त्वपूर्ण अन्तरआण्विक आकर्षण बलों का सुझाव दीजिए –
1. n−हेक्सेन व n−ऑक्टेन
उत्तर: लण्डन परिक्षेपण बल
2. I2 तथा CCl4
उत्तर: लण्डन परिक्षेपण बल
3. NaCIO4 तथा H2O
उत्तर: आयन-द्विध्रुव अन्योन्यक्रियाएँ
4.मेथेनॉल तथा ऐसीटोन
उत्तर: द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्योन्यक्रियाएँ
5.ऐसीटोनाइट्राइल ( CH3CN) तथा ऐसीटोन (C3H6O)
उत्तर: द्विध्रुव–द्विध्रुव अन्योन्यक्रियाएँ
प्रश्न 20. 298 k पर मेथेन की बेन्जीन में मोललता का हेनरी स्थिरांक 4.27105mm Hg है। 298 k तथा 760 mm Hg दाब पर मेथेन की बेन्जीन में विलेयता परिकलित कीजिए।
उत्तर:
हेनरी के नियमानुसार,
PA=KHxA या xA=PAKHpA
= 760 mm Hg
KH=4.27105 mm Hg
PA=7604.27105
=1.7810-3
प्रश्न 21. 2 लीटर जल में 25C पर K2SO4 के 25 mg को घोलने पर बनने वाले विलयन का परासरण दाब, यह मानते हुए ज्ञात कीजिए कि K2SO4 पूर्णतः वियोजित हो गया है।
उत्तर:
n=0.025174
=0.0001436 V
= 2 litre
T=25 C + 273
=298 K
K2SO4 वियोजित होकर दो K+ तथा एक SO42- आयन देता है। अतः यह 3 आयन देता है।
∴i=3
=inVRT
=30.00014360.08212982
=5.210-3atm
प्रश्न 22. जब 6.5 g ऐस्पिरीन (C9H8O4) को 450 g ऐसीटोनाइट्राइल (CH3CN)में घोला जाए तो ऐस्पिरीन का ऐसीटोनाइट्राइल में भार प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
ऐस्पिरीन का द्रव्यमान प्रतिशत = ऐस्पिरीन का द्रव्यमान + ऐसीटोनाइट्राइल का द्रव्यमान ×100
=6.56.5+450100
=1.424%
प्रश्न 23: निम्नलिखित शब्दों को परिभाषित करें:
(i) मोलरिटी
(ii) मास प्रतिशत
उत्तर:
(i)मोलरिटी- मोलरिटी (M) को एक लीटर (या एक क्यूबिक डेसीमीटर) घोल में घुले विलेय के मोल की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है।
मोलरिटी = विलेय के मोलविलय का आयतन लीटर में
(ii)मास प्रतिशत (w/w)- एक समाधान के एक घटक का द्रव्यमान प्रतिशत इस प्रकार परिभाषित किया गया है:
किसी घटक का द्रव्यमान% = विलयन में घटक का द्रव्यमानविलयन का कुल द्रव्यमान × 100
प्रश्न 24. अल्कोहल और पानी के घोल में आणविक अंतःक्रिया की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:अल्कोहल और पानी दोनों में इंटरमॉलिक्युलर हाइड्रोजन बॉन्डिंग बनाने की प्रबल प्रवृत्ति होती है। दोनों को मिलाने पर, अल्कोहल और H2O अणुओं के बीच H-बंधों के बनने के परिणामस्वरूप एक घोल बनता है, लेकिन ये इंटरैक्शन शुद्ध H2P की तुलना में कमजोर और कम व्यापक होते हैं। इस प्रकार वे आदर्श व्यवहार से सकारात्मक विचलन दिखाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, अल्कोहल और पानी के घोल का वाष्प दाब अधिक होगा और पानी और अल्कोहल की तुलना में कम क्वथनांक होगा।
प्रश्न 25. पीने के पानी का एक नमूना क्लोरोफॉर्म (CHCl3) से गंभीर रूप से दूषित पाया गया जिसे कार्सिनोजेन माना जाता है। संदूषण का स्तर 15 ppm (द्रव्यमान के अनुसार) था:
i) इसे द्रव्यमान द्वारा प्रतिशत में व्यक्त करें
ii) पानी के नमूने में क्लोरोफॉर्म के तौर–तरीके का निर्धारण करें।
उत्तर: 15 ppm का मतलब घोल में द्रव्यमान के हिसाब से 15 भाग मिलियन (106) में होता है
द्रव्यमान द्वारा प्रतिशत = 15106100=15104%
चूँकि 106g विलयन में केवल 15g क्लोरोफॉर्म मौजूद है, विलायक का द्रव्यमान = 106g
(CHCl3) - 12 + 1 + 3 × 35.5 = 119.5 mol-1 का मोलर द्रव्यमान
CHCl3 के मोल = 15119.5
मोललिटी = 15119.5100106=1.2510-4