बिहार बोर्ड कक्षा 12 गणित अध्याय 1 संबंध तथा फलन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 12 गणित अध्याय 1 संबंध तथा फलन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > गणित अध्याय 1 संबंध तथा फलन - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1.सिद्ध कीजिए कि पूर्णांकों के समुच्चय z में R = { (a, b ) : संख्या 2, (a – b) को विभाजित करती है } द्वारा प्रदत्त संबंध एक तुल्यता संबंध है। 

हल: समस्त a ∈ Z के लिए 2,(a – a) को विभाजित करेगा अर्थात् (a, a) ∈ R अत: R स्वतुल्य है।

माना (a,b) ∈ R ⇒ 2, (a – b) को विभाजित करता है

⇒ 2,- (b – a) को विभाजित करता है

(a,b) ∈ R ⇒ (b,a) ∈ R

अत: R, सममित है।

माना (a,b) ∈ R = 2,(a – b) को विभाजित करता है।

(b, c) ∈ R → 2,(b – c) को विभाजित करता है।

a – b तथा b – C, 2 से भाज्य है

a – b + b – c, भी 2 से भाज्य है

अर्थात् a – c भी 2 से भाज्य है

इसलिए (a,b) ∈ R, (b,c) ∈ R ⇒ (a,c) ∈ R

अत: R संक्रमक है। अतः R, स्वतुल्य, सममित तथा संक्रमक है अतः यह एक तुल्यता संबंध है। यही सिद्ध करना था।


प्रश्न 2. मान लीजिए कि समुच्चय A = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7} में R = {(a, b): a तथा b दोनों ही या तो विषम है या सम है } द्वारा परिभाषित एक संबंध है। सिद्ध कीजिए कि R एक तुल्यता संबंध है। साथ ही सिद्ध कीजिए कि उपसमुच्चय {1, 3, 5, 7} के सभी अवयव एक-दूसरे से संबंधित हैं और उपसमुच्चय {2, 4, 6} के सभी अवयव एक-दूसरे से संबंधित हैं। परंतु उपसमुच्चय {1, 3, 5, 7} का कोई भी अवयव उपसमुच्चय {2, 4, 6} के किसी भी अवयव से संबंधित नहीं है। 

हल: A का दिया गया कोई अवयव a या तो विषम है या सम है अतः (a, a) ∈ R अत: R स्वतुल्य है।

माना (a,b) ∈ R ⇒ a तथा b दोनों ही या तो विषम है या सम है।

⇒ b तथा a दोनों ही या तो विषम है या सम है।

(a,b) ∈ D (b, a) ∈ R

अत: R सममित है।

(a,b) ∈ R तथा (b, c) ∈ R ⇒ अवयव a, b, c सभी या तो विषम हैं या सम हैं।

(a,b) ∈ R तथा (b, c) ∈ R = (a,c) ∈ R

अत: R संक्रमक है।

यहाँ R, स्वतुल्य, सममित तथा संक्रमक है इसलिए R एक तुल्यता संबंध है। यही सिद्ध करना था।

पुनः {1, 3, 5, 7} के सभी अवयव एक – दूसरे से संबंधित हैं क्योंकि इस उपसमुच्चय के सभी अवयव विषम हैं।

इसी प्रकार {2, 4, 6} के सभी अवयव एक – दूसरे से संबंधित हैं क्योंकि ये सभी सम हैं साथ ही उपसमुच्चय {1, 3, 5, 7} का कोई भी अवयव {2, 4, 6} के किसी भी अवयव से संबंधित नहीं हो सकता क्योंकि {1, 3, 5, 7} के अवयव विषम हैं जबकि {2, 4, 6} के अवयव सम हैं।

प्रश्न 3. माना कि N प्राकृत संख्याओं का समुच्चय है। यदि समुच्चय N × N में परिभाषित एक संबंध R ऐसा हो कि (a, b) R (c, d) यदि ad (b + c) = bc (a + d) तो सिद्ध कीजिए कि R एक तुल्यता संबंध है।

हल: स्वतुल्यता: प्रत्येक (a, b) ∈ N × N के लिए

ab (b + a) = ba (a + b)

⇒ (a, b) R (a, b)

अत: R स्वतुल्य होगा।

सममितता: माना (a, b)(c, d) ∈ N × N

(a, b) R (c, d) ⇒ ab(b + c) = bc(a + d)

⇒ bc (a + d) = ab (b + c)

(a,b) R (c,d) ⇒ (c, d) R (a, b)

अत: R सममित होगा।

उत्तर संक्रमकता: माना (a, b) R (c, d ) तथा (c, d) R (e, f)

⇒ ad ( b + c) = bc (a + d)

तथा cf (d + e) = de (c + f)

⇒ af (b + e) = bc (a + f)

(a, b) R (c, d) तथा (c, d) R (e, f) ⇒ (a, b) R (e, f)

अत: R संक्रमक है।

R, स्वतुल्य, सममित तथा संक्रमक है अत: R एक तुल्यता संबंध है। यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 4. माना A = {1, 2, 3, 4, 5} तथा R = {(a,b): |a – b| 2 से विभाजित है} तो सिद्ध कीजिए कि R एक तुल्यता संबंध है तथा तुल्यता वर्ग भी बनाइए।

हल: A = { 1, 2, 3, 4, 5 }

R = { (a, b) : |a – b| 2 से विभाजित है }

R = {(1, 1), (2, 2), (3, 3), (4, 4), (5, 5), (1, 3), (1, 5), (2, 4), (3, 5), (3, 1) (5, 1), (4, 2),(5, 3)}

∀ a ∈ A (a,a) ∈ R

इसलिए R स्वतुल्य होगा।

क्योंकि (1, 1), (2, 2), (3, 3), (4, 4), (5, 5) ∈ R

(a,b) ∈ R ⇒ (b,a) ∈ R

(1, 3), (1, 5), (2, 4), (3, 5), (3, 1), (5, 1), (4, 2), (5, 3) ∈ R

इसलिए R सममित है।

∀ (a, b) ∈ R,(b, c) ∈ R ⇒ (a, c) ∈ R

क्योंकि (1, 3)(3, 1) ∈ R = (1, 1) ∈ R

R संक्रमक है।

R, स्वतुल्य, सममित तथा संक्रमक है इसलिए R एक तुल्यता संबंध है।

यही सिद्ध करना था।

तुल्यता वर्ग

[1] = { a : a तथा 2 |a – 1| से विभाजित है}

[1] = {a : a ∈ A तथा a – 1 = 2 k}

[1] = {1, 3, 5}

[2] = { a : a तथा 2, |a – 2| से विभाजित है}

[2] = {a : a तथा a – 2 = 2k}

[2] = {2, 4}.

प्रश्न 5. मान लीजिए कि समस्त n ∈ N के लिए।

द्वारा परिभाषित एक फलन f : N → N है। बताइए कि क्या फलन f एकैकी आच्छादक है। अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए।

हल: f : N → N में,

यहाँ f (1) = f (2) ⇒ 1 ≠ 2

डोमेन के दो अवयव 1 और 2 का सह – डोमेन में एक ही प्रतिबिम्ब 1 है।

अत: f एकैकी फलन नहीं है।

स्थिति I.

जब n विषम हो

n = 2r + 1, r ∈ N

तब 4r + 1 ∈ N इस प्रकार विद्यमान है कि

f (4r + 1) = 4r+1+12 = 4r+22 = 2r + 1

स्पष्ट है सह – डोमेन के प्रत्येक अवयव का डोमेन में पूर्व प्रतिबिम्ब है इसलिए / आच्छादक फलन है।

स्थिति II.

माना n = 2r (सम संख्या)

तब 4r ∈ N इस प्रकार विद्यमान है कि

f(4r) = 4r2 = 2r

स्पष्ट है सह – डोमेन के प्रत्येक अवयव का डोमेन में पूर्व प्रतिबिम्ब है इसलिए f आच्छादक फलन है।

अतः f एकैकी आच्छादक फलन नहीं है।

प्रश्न 6. मान लीजिए कि A = R – {3} तथा B = R – {1} है। f(x) = x−2x−3 द्वारा परिभाषित फलन f : A → B पर विचार कीजिए। क्या f एकैकी तथा आच्छादक है? अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए। 

हल: f : A → B, f (x) = x−2x−3, A = R – {3} तथा B = R – {1}

मान लीजिए x, y∈A इस प्रकार है कि

f (x) = f (y)

⇒ x−2x−3 = y−2y−3

⇒ (x – 2) (y – 3) = (y – 2) (x – 3)

⇒ xy – 3x – 2y + 6 = xy – 3y – 2x + 6

⇒ -3x – 2y = -3y – 2x

⇒ 3x – 2x = 3y – 2y

⇒ x = y

यहाँ f (x) = f (y) ⇒ x = y

अतः f एकैकी फलन है।

f आच्छादक फलन होगा यदि x∈A इस प्रकार विद्यमान है कि f(x) = y

x−2x−3 = y

⇒ x – 2 = y (x – 3)

⇒ x – 2 = xy – 3y

⇒ xy – x = 3y – 2

⇒ x = 3y−2y−1∈A

प्रत्येक y ∈ B के लिए x ∈ A

f (x) = f ( 3y−2y−1 )

∵ f(x) = y

अतः f अचधक पालन है।

अतः f एकोकी अचधक पालन है।

प्रश्न 7. सिद्ध कीजिए कि नीचे परिभाषित फलन f : N → N एकैकी तथा आच्छादक दोनों ही।

हल: माना f (x1) = f (x2)

यदि x, विषम तथा x, सम है, तब

x1 + 1 = x2 – 1

X1 – x2 = -2

जो कि असंभव है।

इस प्रकार x1 के सम तथा x2 के विषम होने की संभावना नहीं है।

इसलिए x1 तथा x2, दोनों ही या तो सम होंगे या विषम होंगे।

माना x1, x2 दोनों विषम हैं।

f (x1) = f (x2)

⇒ x1 – 1 = x2 – 1

⇒ x1 = x2

अतः f एकैकी है।

सहप्रांत N की कोई भी विषम संख्या 2r + 1 प्रांत N की संख्या 2r + 2 का प्रतिबिंब है और सहप्रांत N की कोई भी सम संख्या 27, N की संख्या 2r – 1 का प्रतिबिंब है।

अतः f आच्छादक है। यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 8. f (x) = 4x + 3 द्वारा प्रदत्त फलन f: R → R पर विचार कीजिए। सिद्ध कीजिए कि f व्युत्क्रमणीय है। f का प्रतिलोम फलन भी ज्ञात कीजिए? 

हल: f : R → R, f (x) = 4x + 3

फलन का डोमेन तथा सह – डोमेन R है।

माना x, y ∈ R इस प्रकार है कि

f (x) = f (y)

4x + 3 = 4y + 3

⇒ 4x = 4y

⇒ x = y

इस प्रकार f (x) = f (y)

⇒ x = y

अतः f एकैकी है।

माना कि सह – डोमेन R का कोई अवयव y है

y = f (x)

y = 4x + 3

⇒ 4x = y – 3

⇒ x = y−34

∴ f-1(y) = y−34 तथा f-1(x) = x−34

प्रश्न 9. मान लीजिए कि y = {n2 : n ∈ N}⊂N है। फलन f : N → y, जहाँ f (n) = n2 पर विचार कीजिए। सिद्ध कीजिए कि व्युत्क्रमणीय है। का प्रतिलोम भी ज्ञात कीजिए। 

हल:

y = f(n) = n2

n = y√

इससे g (y) = x−−√ द्वारा परिभाषित फलन g : y → N प्राप्त होता है।

gof (n) = g [f (n)]

= g [n2]

= n2−−√ [g(n) = n−−√, g(n2) = n2−−√ = n]

(gof) n = n

तथा

(fog)y = f [g(y)]

= f[ y√ ], [f(n) = n2, f( y√ ) = ( y√ )2 = y]

= y

स्पष्ट है कि gof = In तथा fog = Iy

अतः f व्युत्क्रमणीय है तथा f-1 = g.

यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 10. यदि f : R → R तथा g : R → R फलन क्रमशः f (x) = cosx तथा g(x) = 3x2 द्वारा परिभाषित है, तो gof और fog ज्ञात कीजिए। सिद्ध कीजिए कि gof ≠ fog? 

हल: दिया है: f(x) = cosx

g (x) = 3x2

(gof) x = g [f (x)]

(gof) x = g [cost]

दिया है:

f (x) = cosx ……………………….. (1)

g (x) = 3x2

g (cosx) = 3 cos2x ……………………………. (2)

समी. (1) और (2) से,

(gof )x = 3cos2x

(fog) x = f [g(x)]

= f [3x2] ………………………………… (3)

दिया है:

g (x) = 3x2

f (x) = cosx

f [3x2] = cos3x2

समी. (3) और (4) से,

(fog) x = cos3x2

x = 0 के लिए

3cos2x ≠ cos3x2

अतः gof ≠ fog. यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 11. f: {1,2,3} → {a,b,c}, f(1) = a, f(2) = b, f(3) = c द्वारा प्रदत्त फलन f पर विचार कीजिए-ज्ञात कीजिए ओर सिद्ध कीजिए कि (f-1)-1 = f है।

हल: दिया गया है:

f: {1, 2,3} → { a, b, c}

f(1) = a, f (2) = b, f (3) = c

माना g : { a, b, c } → {1, 2, 3} में

g (a) = 1, g (b) = 2, g (c) = 3

(fog) a = f [g (a)]

= f [1] = a

(fog) b = f [g (b)]

= f (2) = b

(fog) c = f [g (c)]

= f (3) = c

तथा (gof) (1) = g [f (1)]

= g (a) = 1

(gof) (2) = g [f(2)]

= g (b) = 2

(gof) (3) = g [f (3)]

= g (c) = 3

अत: gof = Ix, तथा fog = Iy

जहाँ x = {1, 2, 3} तथा y = {a, b, c}

f का प्रतिलोम विद्यमान है तथा।

तथा f-1 = g

∴ f-1 {a, b, c} → {1, 2, 3} में,

f-1 (a) = 1, f-1(b) = 2, f-1(c) = 3

अतः f-1 का प्रतिलोम अथरिथ का प्रतिलोम जात करेंगे

माना h: {1, 2, 3} → {a, b, c}

h(1) = a, h(2) = b, h(3) = c

(goh) 1 = g[h(1)] = g(a) = 1

(goh) 2 = g[h(2)] = g(b) = 2

(goh) 3 = g[h(3)] = g(c) = 3

तथा (hog) a = h[g(a)] = h(1) = a

(hog) b = h [ g(b)] = h(2) = b

(hog) c = h[g(c)] = h(3) = c

अत: goh = Ix तथा hog = Iy

जहाँ x = {1, 2, 3} तथा y = {a, b, c}

g का प्रतिलोम विद्यमान है तथा g-1 = h = (f-1)-1 = f

अत: h = f

∴ (f-1)-1 = f यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 12. सिद्ध कीजिए कि समस्त बहुभुजों के समुच्चय A में R = { (P1, P2 ) : P1 तथा P2 की भुजाओं की संख्या समान है।} प्रकार से परिभाषित संबंध R एक तुल्यता संबंध है। 3, 4 और 5 की भुजाओं वाले समकोण त्रिभुज से संबंधित समुच्चय A के सभी अवयवों का समुच्चय ज्ञात कीजिए। 

हल: दिया है:

A = समस्त बहुभुजों का समुच्चय

R = {(P1, P2) : P1, तथा P2 की भुजाओं की संख्या समान है।

प्रत्येक बहुभुज P में भुजाओं की संख्या, बहुभुज P की भुजाओं की संख्या के बराबर है।

∴ (P, P) ∈ R, ∀P∈A

माना (P1,P2)∈R ⇒ बहुभुज P1 तथा P2 मे भुजाओं की संख्या समान हैं।

⇒ बहुभुज P2 तथा बहुभुज P1 में भुजाओं की संख्या समान हैं।

अत: R संक्रमक संबंध है।

R, स्वतुल्य, सममित तथा संक्रमक है।

अतः R एक तुल्यता संबंध है।

भुजाओं 3, 4 तथा 5 वाले समकोण त्रिभुज से वह बहुभुज संबंधित होगा जिसमें भुजाओं की संख्या तीन होगी। इसलिए भुजाओं 3, 4 तथा 5 वाले समकोण त्रिभुज से संबंधित बहुभुज त्रिभुज है। यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 13. यदि f(x) = 4x+36x−4, x ≠ 23 हो, तो सिद्ध कीजिए कि सभी x ≠ 23 के लिए fof(x) = xहै। f का प्रतिलोम फलन क्या है? 

हल:

f (x) = 4x+36x−4

fof (x) = f {f (x)}

f{ 4x+36x−4 }

MP Board Class 12th Maths Important Questions Chapter 1 संबंध एवं फलन

माना f का प्रतिलोम फलान f-1(x) = y हैं।

तब f (y) = x

∴ 4y+36y−4 = x

⇒ 4y + 3 = 6xy – 4x

⇒ 6xy – 4y = 3 + 4x

⇒ y (6x – 4) = 3 + 4x

⇒ y = 3+4x6x−4

⇒ f-1 (x) = 3+4x6x−4 = f(x)

∴ f-1 = f.

प्रश्न 14. सिद्ध कीजिए कि f : [-1, 1] → R, f (x) = xx+2 द्वारा प्रदत्त फलन एकैकी है। फलन f : [-1, 1] → (f का परिसर) का प्रतिलोम फलन ज्ञात कीजिए। 

हल: f (x) = xx+2

f : [-1, 1] → R

यहाँ, f (x) = f (y)

⇒ xx+2 = yy+2

⇒ xy + 2x = xy + 2y

⇒ 2x = 2y

⇒ x = y यही सिद्ध करना था।

∴ f एकैकी है।

माना f-1 (x) = y

∴ f (y) = x

⇒ yy+2 = x

⇒ y = xy + 2x

⇒ y (1 – x) = 2x

∴ y = 2x1−x

⇒ f-1(x) = 2x1−x

 

प्रश्न 15. यदि f (x) = x1+|x|, ∀ x ∈ R जहाँ -1 < x < 1, तो gof तथा fog ज्ञात कीजिए। दिखाइए कि fog = gof?

हल: दिया है,

f (x) = x1+|x|

g (x) = x1−|x|

∴ fog (x) = f {g(x)}

= f ( x1−|x| )

= x ………………….. (2)

fog = gof

यही सिद्ध करना था।

प्रश्न 16. तीन फलन f : N → N, g : N → N तथा h : N → R पर विचार कीजिए f (x) = 2x, g (y) = 3y + 4, तथा h (z) = sin z ∀ x, y तथा z ∈ N सिद्ध कीजिये की ho(gof)n = (hog)of? 

हल:

ho(gof) x = h[gof(x)]

= h {g[f(x)}

= h (g (2x))

= h [3(2x) + 4]

= h [6x + 4]

= sin (6x + 4) ………………………… (1)

इसी प्रकार ((hog)of) x = (hog) f(x)

= (hog) 2x

= h (g (2x))

= h [3 (2x) + 4]

= h [6x + 4]

= sin (6x + 4)

समी, (1) और (2) से स्पस्ट है की

ho(gof) = (hog)of. यही सिद्ध करना था।

 

प्रश्न 17 दिखाओ की समतल में स्थित सरल रेखाओं के समुच्चय के लिए लंब, संबंध सममित है किंतु न तो स्वतुल्य है और न संक्रमक। 

उत्तर :

संबंधxy,x,yA स्वतुल्य नहीं है क्योंकि (कोई भी सरल रेखा स्वयं के लंबवत नहीं है) 

मानाxy,yz तो x रेखा, रेखा z के लंबवत नहीं होगी। 

अर्थातxRy तथाyRzxRz

इसलिए संबंध R संक्रामक नहीं है। 

यदि x रेखा, y रेखा पर लम्ब है, तो y रेखा भी x रेखा पर लंब होगी। 

इसलिएxRyyRx

अतः संबंध R सममित है। 

प्रश्न 18 दिखाओ कि धन पूर्णांको  में 'विभाज्यता' संबंध स्वतुल्य और संक्रमक हैं किंतु सममित नहीं है। 

 हल:  यहां धन पूर्णाकों के  समुच्चय I में   संबंध ‘विभाज्यता’ को  R द्वारा व्यक्त किया गया है|

 माना a कोई धन पूर्णांक संख्या है|

 इसलिए प्रत्येक धन पूर्णांक संख्या स्वयं को विभाजित कर देती है|

∴ aRa संबंध R स्वतुल्य है|

 पुनः 2 विभाजित करता है 4 को, लेकिन  4 विभाजित नहीं करता 2 को |

∴(2,4)𝛜 R परंतु (4,2)∉ R 

∴aRbbRa जबकिa,b∈I

∴R संबंध सम्मित  नहीं है| 

 पुनः चुकी 2 विभाजित करता है 4 को ,लेकिन  4 विभाजित करता है 8 को, तब 2 विभाजित करता है 8 को,

 अर्थात (2,4)𝛜 R तथा (4,8)𝛜 R(2,8)𝛜 R

aRb  तथा    bRcaRc,a,b∈I

∴  समुच्चय I में संबंध ‘विभाज्यता’ स्वतुल्य और संक्रमक है किंतु सममित नहीं है|

प्रश्न 19 दिखाओ की धनपूर्णाको के समुच्चय में संबंध ‘एक गुणनखंड है’ स्वतुल्य एवं संक्रमक है किंतु सममित नहीं। 

उत्तर 

यहां पूर्णांकों के समुच्चय I  में संबंध ‘एक गुणनखंड’ है को R द्वारा व्यक्त किया है|

 माना a कोई धन पूर्णांक है|

∵ प्रत्येक पूर्णांक  स्वयं का गुणक होता है| 

∴aRa  संबंध R स्वतुल्य है|

 माना a और b कोई दो धन पूर्णांक हैं|

 यदि a गुणक है b का तो b गुणक नहीं होगा a का|

 अर्थात  aRbbRa जबकि a,b∈I

 संबंध R  सममित नहीं है|

 पुनः माना a,b,c कोई तीन पूर्णांक है|

 यदि a गुणक हैं b का और b गुणक हैं c का, तो अवश्य ही a गुणक हैं c का |

अर्थात aRb और  bRcaRc

∴ R संबंध संक्रामक हैं। 

प्रश्न 20 दिखाओ की  धनपूर्णांकों के समुच्चय में संबंध ‘ ﹤’ संक्रामक हैं किंतु सममित  अथवा स्वतुल्य नहीं है। 

उत्तर 

यहां a और b कोई दो धन पूर्णांक हैं, इनके समुच्चय I में संबंध ﹤ को R द्वारा निरूपित करते हैं |

a ﹤ a असत्य है |

अतः aRa ⇒ संबंध R  स्वतुल्य नहीं है|

 यदि a < b तथा  b < a⇒a < c

अतः aRb और bRc⇒ aRc

 संबंध R संक्रमक हैं

 यदि  a < b तब   b < a नहीं हो सकता |

 ∴ संबंध R सममित नहीं है। 

प्रश्न 21 N धनपूर्ण संख्याओं का समुच्चय है और N में संबंध R इस प्रकार परिभाषित है कि (x-3),3 से विभाज्य है, x,y ∈ N तो सिद्ध कीजिए कि R तुल्यता संबंध है.। 

उत्तर  ∵प्रत्येक प्राकृतिक संख्या स्वयं को विभाजित करती है यदि,x ε I, तब x-x=0 जो से विभाज्य है|

 अतः संबंध स्वतुल्य  है |

पुनः x-y3=-(y-x)3

 अर्थात y-x भी 3 से विभाज्य है|

∴  xRy=yRx

∴ संबंध R सममित  है|

 माना x,y,z εN

यदि (x-y) तथा (y-z)से विभाज्य है, तो (x-y)+(y-z) अर्थात x-z भी 3 से विभाज्य होता था\

 अर्थात xRy तथा yRz xRz

 ∴∴संबंध R संक्रमक है|

 अतः यह तुल्यता संबंध है। 

प्रश्न 22

दिखाओ की वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में संबंध aRb जो |a|=|b| से परिभाषित है ‘तुल्यता’ संबंध है। 

उत्तर 

माना वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में संबंध aRb है, तब |a|=|b|

 यदि a कोई वास्तविक संख्या है, तब |a|=|a|

 ⇒ aRb

 संबंध स्व तुल्य है |

यदि a और b कोई दो वास्तविक संख्याएं हैं, तब

|a|=|b|

 ⇒ |b|=|a|

 अर्थात  aRb  ⇒  bRa

∴ संबंध संक्रमक हैं\

 यदि a,b और c कोई तीन वास्तविक संख्याएं हैं, तब |a|=|b| तथा |b|=|c|

 ⇒ |a|=|c|

 अर्थात aRb तथा bRc ⇒ aRc

∴  संबंध R संक्रमक हैं|

 अतः दिया संबंध R तुल्यता संबंध है|

प्रश्न 23 निम्नलिखित के उदाहरण दो 

एक  संबंध जो स्वतुल्य हो

 एक संबंध जो स्व तुल्य हो किंतु न तो सममित हो और न संक्रमक

 एक  संबंध जो स्वतुल्य न हो

 एक संबंध जो सममित हो किंतु न तो स्वतुल्य हो और न संक्रमक |

उत्तर  संबंध रेखा x,y के समांतर है स्वतुल्य है, क्योंकि रेखा x स्वयं के भी समांतर होगी|

 A= {a,b,c} कोई समझे तथा इसमें एक संबंध  R={(a,a),(a,b),(b,c),(b,b),(c,c)} स्वतुल्य है किंतु न तो सममित है और ना ही संक्रमक 

 वास्तविक संख्याओं में संबंध x< y स्वतुल्य नहीं है क्योंकि x∢ x

aRb यदि a丄 b;a,b सरल रेखाएं हैं, तो सरल रेखाओं के समुच्चय L में संबंध लंबवत है, सममित है परंतु स्वतुल्य और संक्रमक नहीं। 

प्रश्न 24 दिखाओ कि धनपूर्णांको में सम्बन्ध ‘से बड़ा है’ संक्रमक है किंतु न तो स्वतुल्य है और न सममित । 

उत्तर  यदि x <y तो y⊀ x

∴ सम्बन्ध ‘से बड़ा है ‘ सममित सम्बन्ध नहीं है |

 सम्बन्ध x< y सवतुल्य नहीं है क्योकि x⊀ x

यदि x< y और y< z ,z, y, z∈ R तो x< z  यह संक्रामक सम्बन्ध है |

प्रश्न 25 दिखाओ की वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में संबंध aRb जो |a|=|b| से परिभाषित है तुल्यता  संबंध है। 

उत्तर  माना वास्तविक संख्याओं के समुच्चय में संबंध aRb है, तब |a|=|b|

 यदि a कोई वास्तविक संख्या है, तब |a|=|a|

 ⇒ aRb

 संबंध स्व तुल्य है |

यदि a और b कोई दो वास्तविक संख्याएं हैं, तब

|a|=|b|

 ⇒ |b|=|a|

 अर्थात  aRb  ⇒  bRa

∴ संबंध संक्रमक हैं\

 यदि a,b और c कोई तीन वास्तविक संख्याएं हैं, तब |a|=|b| तथा |b|=|c|

 ⇒ |a|=|c|

 अर्थात aRb तथा bRc ⇒ aRc

∴  संबंध R संक्रमक हैं|

 अतः दिया संबंध R तुल्यता संबंध है|