बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 3: वैद्धुत धारा लघु उत्तरीय प्रश्न
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बिहार बोर्ड कक्षा 12 भौतिक विज्ञान अध्याय 3: वैद्धुत धारा लघु उत्तरीय प्रश्न

BSEB > Class 12 > Important Questions > भौतिक विज्ञान अध्याय 3: वैद्धुत धारा

लघु उत्तरीय प्रश्न

1.विद्युत धारा क्या है ? 

उत्तर : आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। इसका SI मात्रक एम्पियर  है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे।

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                                          I = q/t

2.ओम का नियम लिखिए।

उत्तर :ओम के नियम के अनुसार यदि ताप आदि भौतिक अवस्थायें नियत रखीं जाए तो किसी प्रतिरोधक (या, अन्य ओमीय युक्ति) के सिरों के बीच उत्पन्न विभवान्तर उससे प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।

एक चालक की परिकल्पना कीजिए जिससे धारा प् प्रवाहित हो रही है और मान लीजिए टए चालक के सिरों के मध्य विभवान्तर है। तब ओम के नियम का कथन है कि

                                                        V ∝ I

अथवा V = RI

यहाँ R अनुपातिक स्थिरांक है, जिसे चालक का प्रतिरोध भी कहते हैं। प्रतिरोध का SI मात्रक ओम है और यह प्रतीक Ω द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। प्रतिरोध R चालक के केवल पदार्थ पर ही नहीं बल्कि चालक के विस्तार पर भी निर्भर करता है।

3.चालक की लम्बाई, क्षेत्रफल तथा प्रतिरोध के बीच सम्बंध बताइए।

उत्तर :चालक की लम्बाई, क्षेत्रफल तथा प्रतिरोध के बीच सम्बंध:-

तार का प्रतिरोध तार की लंबाई(l) के समानुपाती होता है। अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

                                                   R ∝ l/A

                                                   R = ρ(l/A)

यहाँ ρ एक आनुपातिकता स्थिरांक है जो चालक के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है, इसके विस्तार पर नहीं। ρ को प्रतिरोधकता कहते हैं।

4.क्या किसी विद्युत नेटवर्क में किसी संधि के पार गति में, आवेश का संवेग संरक्षित रहता है?

उत्तर :जब कोई इलेक्ट्रॉन किसी संधि की ओर गमन करता है तो एकसमान E के अतिरिक्त वह समान्यतः संधि के तारों के पृष्ठ पर संचित आवेशों (जो अपवाह वेग Vd को नियत रखते हैं।) का सामना भी करता है। ये विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करते हैं। ये क्षेत्र संवेग की दिशा परिवर्तित कर देते हैं।

5.घरों में विद्युत के लिए किन  तारों का उपयोग किया जाता है। क्यों ?

उत्तर :घरों में विद्युत के लिए तांबे अथवा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग किया जाता है। ऐसा करने के पीछे   दो बातो पर विचार करने की आवश्यकता होती हैः

(i) धातु का मूल्य, तथा

(ii) धातु की अच्छी चालकता।

 अधिक मूल्य होने के कारण हम चाँदी का उपयोग नहीं करते। इसके पश्चात अच्छे चालकों में ताँबा व ऐलुमिनियम उपयोग होते हैं।

6.मानक प्रतिरोध कुण्डलियों को बनाने में मिश्रातुओं का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर :मिश्रातुओं के प्रतिरोध का ताप गुणांक निम्न (निम्न ताप सुग्राह्यता) तथा प्रतिरोधकता उच्च होती है। इसलिये मानक प्रतिरोध कुण्डलियों को बनाने में मिश्रातुओं का उपयोग किया जाता है|  

7.इलेक्ट्रॉनों का कौन सा अभिलक्षण चालक में धारा के प्रवाह को निर्धारित करता है?

उत्तर :इलेक्ट्रॉनों का केवल अपवाह वेग चालक में धारा के प्रवाह को निर्धारित करता है।

8. किसी कार की संचायक बैटरी का वैद्युत वाहक बल 12 वोल्ट है। यदि बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध 0.42 हो तो बैटरी से ली जाने वाली अधिकतम धारा का मान क्या होगा?

उत्तर :

दिया है : E = 12 वोल्ट, r = 0.4Ω, imax = ?

सूत्र i=Er+R से,

धारा महत्तम होगी यदि R = 0

                                            imax = Er = 12 वोल्ट 0.4Ω=30  एम्पियर 

9. 10 वोल्ट वैद्युत वाहक बल वाली बैटरी जिसका आन्तरिक प्रतिरोध 3Ω है, किसी प्रतिरोधक से संयोजित है। यदि परिपथ में धारा का मान 0.5 ऐम्पियर हो तो प्रतिरोधक का प्रतिरोध क्या है? जब परिपथ बन्द है तो सेल की टर्मिनल वोल्टता क्या होगी?

उत्तर :

दिया है : E = 10 वोल्ट, r = 3Ω, i = 0.5 ऐम्पियर, बाह्य प्रतिरोध R = ?

परिषथ बन्द होने पर टर्मिनल वोल्टता V = ?

सूत्र i=Er+R से,

                                     r+R =Ei =   10 वोल्ट 0.5 ऐम्पियर =   20Ω            

∴ बाह्य प्रतिरोध R = 20-r = 20- 3 = 17Ω .

सेल की टर्मिनल वोल्टता V = iR = 0.5 ऐम्पियर x 17Ω = 8.5 वोल्ट।

10.क्या किसी विद्युत नेटवर्क में किसी सन्धि के पार गति में, आवेश का संवेग संरक्षित रहता है?

उत्तर :

नहीं, सन्धि के पार गति में, आवेश का संवेग संरक्षित नहीं रहता है। जब कोई इलेक्ट्रॉन किसी सन्धि की ओर गति करता है तब वहाँ कार्यरत एकसमान वैद्युत क्षेत्र के अतिरिक्त सन्धि के तारों के पृष्ठ पर संचित आवेश के कारण भी वैद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है जोकि आवेश के संवेग की दिशा परिवर्तित कर देता है।

11.विभवमापी में तारों को संयोजित करने के लिए धातु की मोटी पट्टियों को उपयोग करने का क्या लाभ है | 

उत्तर :

धातु की मोटी पट्टियों का प्रतिरोध नगण्य होने के कारण शून्य विक्षेप स्थिति में इनकी लम्बाई को विभवमापी के तार की लम्बाई में सम्मिलित करने की आवश्यकता नहीं होती है। अतः हमें केवल विभवमापी के सीधे तारों की लम्बाई ज्ञात करनी होती है जिसे मीटर पैमाने से सरलता से ज्ञात किया जा सकता है।

12. घरों में विद्युत के लिए ताँबे (Cu) अथवा ऐलुमिनियम (Al) के तारों का उपयोग किया जाता है। ऐसा करने के पीछे किन-किन विचारों को ध्यान में रखा जाता है?

उत्तर :

घरों में विद्युत के लिए ताँबे अथवा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग करते समय निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है

(i) धातु का मूल्य कम होना चाहिए।

(ii) धातु की चालकता अधिक होनी चाहिए।

13. कमरे के ताप (27.0°C) पर किसी तापन-अवयव का प्रतिरोध 100Ω है। यदि तापन-अवयव का प्रतिरोध 117Ω हो तो अवयव का ताप क्या होगा? प्रतिरोधक के पदार्थ का ताप-गुणांक 1.70x 10-4°C-1 है।

उत्तर :

दिया है : 27.0° C ताप पर प्रतिरोध R1= 100Ω, t1 = 27°C

 ताप-गुणांक () =  1.70x 10-4°C-1

R2 = 117Ω

  अज्ञात ताप  t2 = ?

माना    

                                           t2 = t1 + t

 तब                                   R2 = R11 + t

                                        t = R2 - RR1   

 

                                          t = 117-1001001.7010-4 =1000°C

 

            ஃ      अज्ञात ताप     t2 =  t1 + t =27+1000 = 1027°C

14.15 मीटर लम्बे एवं 6.0 x10-7m2 अनुप्रस्थ काट वाले तार से उपेक्षणीय धारा प्रवाहित की गई है और इसका प्रतिरोध 5.0Ω मापा गया है। प्रायोगिक ताप पर तार के पदार्थ की प्रतिरोधकता क्या होगी?

उत्तर :

दिया है : तार की लम्बाई l = 15 मीटर, अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A = 6.0 x 10-7m2

तार का प्रतिरोध R = 5.0Ω, p= ?

        ∵      R = lA

                            R =  5.0Ω 6.0 x10-7m215 m = 2 x10-7 Ω-m

15.सिल्वर के किसी तार का 27.5°C पर प्रतिरोध 2.1Ω और 100°C पर प्रतिरोध 2.7Ω है सिल्वर का प्रतिरोधकता ताप-गुणांक ज्ञात कीजिए।

उत्तर :

t1 = 27.5°C पर प्रतिरोधR1 = 2.1Ω,

t2 –t1= 100 – 27.5 = ∆t = 72.5°C

t2 = 100°C पर प्रतिरोध R2 = 2.7Ω,

  = ?

         ∆t = R2 - R1 R1   

      = R2 -R1 R1 ∆t = 2.7 -2.12.172.5 = 0.0039°C-1 = 3.9410-3°C-1

 16.किसी पोटेंशियोमीटर व्यवस्था में, 1.25 वोल्ट वैद्युत वाहक बल से एक सेल का सन्तुलन बिन्दु तार के 35.0 सेमी लम्बाई पर प्राप्त होता है। यदि इस सेल को किसी अन्य सेल द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाए तो सन्तुलन बिन्दु 63.0 सेमी पर स्थानान्तरित हो जाता है। दूसरे सेल का वैद्युत वाहक बल क्या है?

उत्तर :

दिया है : सेल E1 = 1.25 वोल्ट के लिए अविक्षेप बिन्दु की दूरी l1 = 35.0 सेमी

E2 = ?, जबकि l2 = 63.0 सेमी

विभवमापी के लिए, E ∝ l

                              E2 E1 =    l2l1

                                  E2   =  l2l1   E1 = 63.035.0 1.25 वोल्ट = 2.25 वोल्ट

अत: दूसरे सेल का वै० वा० बल E2 = 2.25 वोल्ट।

17.एक कार की स्टोरेज बैटरी का Emf 12 V है। यदि बैटरी का आंतरिक प्रतिरोध 0.4Ω है, तो बैटरी से ली जा सकने वाली अधिकतम धारा क्या है?

उत्तर :

बैटरी का Emf (E)  = 12 वी

बैटरी का आंतरिक प्रतिरोध,( r )= 0.4 Ω

बैटरी से ली गई अधिकतम धारा = ?

ओम के नियम के अनुसार,

                                              E = Ir

                                              I = Er

                                 I = 120.4 = 30A

दी गई बैटरी से ली गई अधिकतम धारा 30 A है।

18.Emf 10 V और आंतरिक प्रतिरोध 3 Ω की बैटरी एक प्रतिरोधक से जुड़ी है। यदि परिपथ में धारा 0.5 A है, तो प्रतिरोधक का प्रतिरोध क्या है? सर्किट बंद होने पर बैटरी का टर्मिनल वोल्टेज क्या होता है?

उत्तर :

बैटरी का Emf, E = 10 V

बैटरी का आंतरिक प्रतिरोध, r = 3 Ω

परिपथ में धारा, I = 0.5 A

प्रतिरोधक का प्रतिरोध = R

ओम के नियम का उपयोग करते हुए करंट के लिए संबंध है,

                              I = ER+r

                                R+r = EI = 100.5 = 20 Ω

                                 ∴  R = 20-3 =17Ω

रोकनेवाला का टर्मिनल वोल्टेज = V

ओम के नियम के अनुसार,

                   V = IR

                      = 0.5 × 17

                      = 8.5 V

इसलिए, प्रतिरोधक का प्रतिरोध 17 Ω है और टर्मिनल वोल्टेज 8.5 V है।

19. तीन प्रतिरोधक 1 Ω, 2 Ω, और 3 Ω श्रृंखला में संयुक्त हैं। संयोजन का कुल प्रतिरोध क्या है?

उत्तर:  1 Ω, 2 Ω, और 3 Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधक श्रृंखला में संयुक्त हैं। संयोजन का कुल प्रतिरोध अलग-अलग प्रतिरोधों के बीजगणितीय योग द्वारा दिया जाता है।

कुल प्रतिरोध = 1 + 2 + 3 = 6 Ω

20. तीन प्रतिरोधक 2 Ω, 4 Ω और 5 Ω समानांतर में संयुक्त हैं। संयोजन का कुल प्रतिरोध क्या है?

उत्तर:

प्रतिरोधों के तीन प्रतिरोधक हैं,

आर 1 = 2 Ω, आर 2 = 4 Ω, और आर 3 = 5 Ω

वे समानांतर में जुड़े हुए हैं। इसलिए, संयोजन का कुल प्रतिरोध ( R) द्वारा दिया गया है,

                 1R = 1R1+ 1R2 + 1R3

                   =12 + 14 + 15

                      = 10+5+420 = 1920

             ∴  R =2019 Ω

इसलिए, संयोजन का कुल प्रतिरोध 2019 Ω  है ।

21.गतिशीलता किसे कहते हैं परिभाषा, मात्रक तथा विमीय सूत्र क्या है ?

उत्तर: - 

गतिशीलता :-  किसी आवेश वाहक के अपवाह वेग तथा उस पर आरोपित एकांक विद्युत क्षेत्र को गतिशीलता कहते हैं। 

गतिशीलता को µ (म्यू ) से दर्शाया जाता हैं।

माना E विद्युत क्षेत्र में आवेश वाहक द्वारा Vd अपवाह वेग प्राप्त होता है तो गतिशीलता का सूत्र निम्न प्रकार होगा।

 µ = Vd /E 

गतिशीलता का मात्रक  मी 2/वोल्ट-सेकंड होता है। तथा विमीय सूत्र [M-1AT2] होता है।

22.धारा घनत्व किसे कहते हैं?

उत्तर:-

  धारा घनत्व :-  किसी चालक के किसी बिंदु पर प्रति एकांक क्षेत्रफल से उसमें गुजरने वाली विद्युत धारा को उस बिंदु पर धारा घनत्व कहते हैं। 

धारा घनत्व को J से प्रदर्शित करते हैं।

माना किसी A क्षेत्रफल वाले चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा i है तो

                      J=i/A

धारा घनत्व का SI मात्रक एंपियर/ मी 2 होता है। एवं विमीय सूत्र [AL-2] है। तथा धारा घनत्व एक सदिश राशि है।

23. यदि किसी चालक के सिरों पर 40 वोल्ट का विभवांतर लगाने पर उस चालक में 8 एंपियर की विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। तो चालक पर प्रतिरोध की मात्रा ज्ञात कीजिए?

हल – दिया है

विभवांतर V = 40 वोल्ट

विद्युत धारा i = 8 Ω

किसी चालक के सिरों पर लगाए गए विभांतर तथा उसमें प्रवाहित विद्युत धारा के सूत्र

                                       V = iR से

जहां V = विभवांतर, i = विद्युत धारा तथा R = चालक का प्रतिरोध है।

तब प्रतिरोध

                                     R = V/i

मान रखने पर चालक का प्रतिरोध

                                   R = 40/8 

अतः चालक का प्रतिरोध R = 5 ओम

24.धारा घनत्व तथा अनुगमन वेग में संबंध ज्ञात कीजिए।

उत्तर:-

धारा घनत्व तथा अनुगमन वेग में संबंध:-

अनुगमन वेग तथा विद्युत धारा के संबंध के सूत्र से

                                  i = neAVd ..………..(1)

माना A क्षेत्रफल वाले चालक से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा i है धारा घनत्व

                                 J = i/A  …………….. (2)

समीकरण (1) से i का मान समीकरण (2) में रखने पर

                                 J =( neAVd ) / A

                                     J= neVd  

यही धारा घनत्व तथा अनुगमन वेग के बीच संबंध का सूत्र है।

25. विद्युत ऊर्जा क्या है?

उत्तर:-

विद्युत ऊर्जा :-  किसी चालक की विद्युत ऊर्जा वह ऊर्जा होती है जो किसी चालक मे विद्युत आवेश के प्रवाहित होने मे व्‍यय होती है ,विद्युत उर्जा कहलाती है।

यदि किसी चालक के सिरों के बीच उत्‍पन्‍न विभवान्‍तर v है तब चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे तक q आवेश को लाने मे किया गया कार्य

              W=v × q जूल होगा ।

अर्थात् v ×q जूल ऊर्जा व्‍यय होगी ।